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  • अन्दर या उससे भी कम में समझिए छोटी कहानियों ने साहित्य के और सभी अंगों पर विजय प्राप्त कर ली है। कोई पत्रिका ऐसी नहीं, जिसमें कहानियों की प्रधानता न हो। यहाँ...
    ५९५ B (१,३३५ शब्द) - ०१:५७, २६ जुलाई २०२१
  • अन्दर, या उससे भी कम समझिए, छौटौ छहानिर्यों ने साहित्य के और सभी अंग पर विजय प्राप्त कर ली है, और यह कहना गलत न होगा कि जैसे किसी जमाने में कवित्त ही साहित्यिक...
    ४७५ B (१,७८८ शब्द) - २१:१३, २१ मई २०२१
  • हम जरैं जरे पर जारत, बोलहु कुबची कौन? एक अंग मिले दोऊ कारे, काको मन पतियाए? तुम सी होय सो तुम सों बोलै, लीने जोगहि आए॥ जा काहू कों जोग चाहिए सो लै भस्म...
    ५५३ B (९५ शब्द) - २०:३१, २२ सितम्बर २०२०
  • सम्पादक महानुभावों के भी ऋणी हैं जिनकी बहुमूल्य पत्रिकाओं में से हमने कई गल्पें ली हैं। -प्रेमचन्द [ अनुक्रमणिका ]   अनुक्रमणिका पृष्ठांक १ - पं॰ ज्वालादत्त...
    ५२५ B (६०७ शब्द) - १४:१९, १ फ़रवरी २०२२
  • अन्दर या उससे भी कम में समझिए छोटी कहानियों ने साहित्य के और सभी अंगों पर विजय प्राप्त कर ली है। कोई पत्रिका ऐसी नहीं, जिसमें कहानियों की प्रधानता न हो। यहाँ...
    ४२५ B (१,१११ शब्द) - २०:०५, २९ जुलाई २०२३
  • (घूँसेबाजी) का अभिमान था, युवक को कुश्ती का। साहब के वार करते ही युवक ने कलाई पकड़ ली, और यहीं से बाँधकर बहल्ले में दे मारा, छाती पर चढ़ बैठा, कई रद्दे कस दिए।...
    २१४ B (१,७०३ शब्द) - ०७:३७, ४ जुलाई २०२३
  • गई थी उस स्थिति से सामग्री न लेकर केशव ने उसके पूर्व की स्थिति से सामग्री ली। उन्होंने हिंदी-पाठकों को काव्यांग-निरूपण की उस पूर्व दशा का परिचय कराया जो...
    ६१२ B (३,०८८ शब्द) - १७:४४, २७ जुलाई २०२३
  • मुकदमे ये करें। अभी इसी ठाकुर ने तो उस दिन बेचारे गढ़रिये को एक भेड़ चुरा ली थी और बाद को मारकर खा गया। इन्हीं पण्डितजी के घर में तो बारहों मास जूआ होता...
    २८२ B (१,१३० शब्द) - २१:१६, ३० जुलाई २०२३
  • संग्रह उसी आग्रह का फल है । इसमें कुछ कहानियाँ ऐसी हैं, जो अन्य संग्रहों से ली गई हैं। उनके प्रकाशकों को धन्यवाद देना मेरा कर्तव्य है । कुछ कहानियाँ ऐसी...
    ४९४ B (७७६ शब्द) - २३:४४, २२ अगस्त २०२१
  • लड़ाई पर न जाने देती। प्रहरी ने फिर ठंढी स्वांस ली। विमला बोली, "हा! तुम मेरे स्वामी न हुए"! और एक आह ली, इस आघात के सहने की प्रहरी को सामर्थ न थी और वह...
    ५४७ B (७१२ शब्द) - १९:४५, २६ जुलाई २०२३
  • था ।एक जहाजी नौकर ने अपनी बेड़ी फेंक दी थी और बदले में वात रोग की गठरी उठा ली। पर इससे उसका स्वरूप ऐसा विचित्र हो गया था कि देखते नहीं बनता था। इसी प्रकार...
    ५७१ B (२,६०९ शब्द) - १७:४३, १२ मार्च २०२१
  • आप तो बराबर मेरे साथ ही रहे।" [ ५४ ] सत्या०-"हमलोगोंने महामन्त्र की दीक्षा ली है। हमपर देवताओंकी दया रहती है। आज ही रातको तुम्हें इस बातकी खबर मिलेगी और...
    ३४३ B (४९७ शब्द) - ०३:२३, २० मार्च २०२१
  • कोई 300 करोड़ रुपया लगाया होगा पर बंजर-की-बंजर रही भूमि। फिर योजना ही समेट ली गई। और अब सबसे ताज़ी योजना है जलागम क्षेत्र विकास की। यह अंग्रेज़ी के वॉटरशेड...
    ६१० B (१,३५४ शब्द) - ०७:११, २० नवम्बर २०२०
  • राजपूत का सामना करे। यह देखकर पिताजी ने तलवार खींच ली और वे उस पर टूट पड़े। उसने भी तलवार निकाल ली और दोनों आदमियों में तलवारें चलने लगीं। पिताजी बूढ़े...
    ३८५ B (३,६३४ शब्द) - १८:२५, २३ जुलाई २०२०
  • बेचैन हो गया। उसके जैसे निर्भीक वीर के लिये, जिसने स्वयं ही यह सब श्राफत बुला ली, यह कितनी लज्जा की बात है कि वह एक दूसरी बाजारू खी की कृपा से मुक्त हो । क्षोम...
    २३० B (५,६३२ शब्द) - ०७:५२, ४ जुलाई २०२३
  • संकोच न होना चाहिये कि उपन्यासों ही की तरह आख्यायिका की कला भी हमने पच्छिम से ली है,—कम से कम इसका आज का विकसित रूप तो पच्छिम का है ही। अनेक कारणों से जीवन...
    ३६४ B (२,४२० शब्द) - १०:२८, २६ जून २०२१
  • हैं तब से एक बार ऊधो के हाथ जोग का संदेसा कह पठाया था, फिर किसी की सुध न ली। अब जाय समुद्र माहीं बसे तो काहे को किसी की सोध लेगे। इतनी बात के सुनतेही...
    ४३३ B (१,३३० शब्द) - ०७:४०, ५ दिसम्बर २०२१
  • बेचैन हो गया। उसके जैसे निर्भीक वीर के लिये, जिसने स्वयं ही यह सब श्राफत बुला ली, यह कितनी लज्जा की बात है कि वह एक दूसरी बाजारू खी की कृपा से मुक्त हो । क्षोम...
    २३१ B (५,६२९ शब्द) - ०७:५२, ४ जुलाई २०२३
  • हम्मीरहठ लिखा उसमें भी यह घटना ज्यों की त्यो ले ली गई है। ग्वाल कवि के हम्मीरहठ में भी, बहुत संभव है कि, यह घटना ली गई होगी। [ ३५४ ]प्राचीन वीरकाल के अंतिम-राजपूत...
    ६९१ B (२,२१७ शब्द) - ०७:४७, ५ नवम्बर २०२०
  • कृतज्ञता प्रदर्शित की। मजिस्ट्रेट मालिक को अपराधी करार दिया और यह वह नोट कर ली कि मुजरिम ने वालासुंद की गिरमिट दुसरे के काम पर चढ़ा देना स्वीकार किया है...
    ३६५ B (१,११३ शब्द) - ०४:११, ४ अगस्त २०२३
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