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  • मे थोड़े से चावल बांध ला दिये प्रभू की भेट के लिये और डोर लोटा औ लाठी आगे धरी। तब तो सुदामा डोर लोटा कॉधे पर डाल चॉवल कीं पोटली कॉख मे दबाय, लाठी हाथ...
    ५९३ B (८१४ शब्द) - ०८:३८, ५ दिसम्बर २०२१
  • अपना एक हाथ युवक की ओर बढ़ा दिया। युवक ने देखा, बालिका के हाथ में एक लाल डोरा है। उसने पूछा—यह क्या है? बालिका ने आँखें नीची करके उत्तर दिया—राखी! युवक...
    ३४९ B (२,५८७ शब्द) - १९:३३, २ अगस्त २०२०
  • ते जोग की बातें नागरि नवल किसोरी॥ कंचन को मृग कौनै देख्यौ, कोनै बाँध्यो डोरी? कहु धौं, मधुप! बारि मथि माखन कौने भरी कमोरी? बिन ही भीत चित्र किन काढ्यो...
    ५४७ B (८८ शब्द) - २३:११, १४ अगस्त २०२०
  • संमुख करत ढिठाई॥ कौने रंक संपदा बिलसी सोवत सपने पाई? किन सोने की उड़त चिरैया डोरी बांधि खिलाई? धाम धुआँ के कहौ कौन के बैठी कहाँ अथाई? किन अकास तें तोरि तरैयाँ...
    ५४३ B (१०१ शब्द) - ००:१७, २० अगस्त २०२०
  • मुसाफिरों ने अपने साथ डोर लोटा रखना ही छोड़ दिया। पंद्रह सेर की आज्ञा होने पर भी एक एक आदमी के पास मन सवा मन बोझा होगा परंतु लोटा डोर कसम खाने के लिये नहीं।...
    ४०२ B (२,०११ शब्द) - १७:१०, १३ दिसम्बर २०२१
  • से उठते थे। धनुष की डोरी जहा उसने एक दफे कान तक सानी तहाँ यही मालूम होता था कि शत्रुओं का संहार [ ५२ ] करनेवाले असंख्य बाण उस डोरी से ही निकलते ले-उससे...
    ६९४ B (९१५ शब्द) - ०५:१०, १८ सितम्बर २०२१
  • भारत में गूँज रहा है। उन्हीं के सदृश अहिल्याबाई [ १५४ ] ने अपनी मन रूपी डोर को धर्मग्रंथो के श्रवण, मनन और पठन के रस में भिगोया था और जब उस पर "श्री...
    ४११ B (१,८७० शब्द) - ०९:३२, १५ अक्टूबर २०१९
  • उसके लिए अवसर भी एक बड़ी वस्तु है। २—सदैव समय को देखकर काम करना यह एक ऐसी डोरी है जो के साथ तुम से आबद्ध कर देगी। ३—यदि उचित अवसर और साधनों का ध्यान रख...
    ४६५ B (४३० शब्द) - १०:१९, ६ सितम्बर २०२१
  • पड़ा जिसके पीछे एक पुजारी बैठा हुआ था। उसके हाथ में एक डोर थी। मुझे मालूम हो गया कि जब यह उस डोरे को खींचता है तो मूर्ति का हाथ उठ जाता है। इसी को लोग दैविक...
    ५३५ B (१,७६२ शब्द) - १४:१०, १३ नवम्बर २०२१
  • है। १०—जिन लोगों की आख का पानी मर गया है वे जीवित होकर भी मरे के समान है। डोरी के द्वारा चलने वाली कठपुतलियो की तरह उनमे भी एक प्रकार का कृत्रिम जीवन ही...
    ४४७ B (४७६ शब्द) - ११:०५, १० सितम्बर २०२१
  • तो भूनकर रख दूँ।' इतने में चट्टानों के नीचे से एक युवती हाथ में लोटा और डोर लिये निकली और सामने कुँए की ओर चली। प्रभात की सुनहरी, मधुर अरुणिमा मूर्तिमान...
    ५८९ B (३,५७९ शब्द) - ०८:४६, १० मार्च २०२०
  • ३—अपने गुप्तवैरी से सदा सजग रहो क्योकि संकट के समय वह तुम्हे कुम्हार की डोरी के समान बड़ी सफाई से काट डालेगा। ४—यदि तुम्हारा कोई ऐसा शत्रु है कि जो मित्र...
    ६११ B (५०९ शब्द) - ११:१२, १० सितम्बर २०२१
  • सफलता अवश्य प्राप्त करेगे। मुझे जिसमे रत्तीभर शक नही। यह मत्र हमारी जीवन-डोर होगा और हमे तमाम सकटोसे बचावेगा।अैसे पवित्र मंत्रका अुपयोग किसीको आर्थिक...
    २६८ B (९३१ शब्द) - २१:५८, ३१ जुलाई २०२३
  • हमारे ऊपर से गुजरा। उसकी डोर लटक रही थी। लड़कों का एक गोल पीछे-पीछे दौड़ा चला आता था। भाई साहब लम्बे हैं ही। उछलकर उसकी डोर-पकड़ ली और बेतहाशा होस्टल...
    ५६५ B (३,६६० शब्द) - २१:५१, १३ जुलाई २०२०
  • के पास ले जाओ और उससे कहो कि इनके छोटे २ हिस्से कर के एक डोरी में पिरो लेवे और फिर उस डोरी को अपने बदन पर चारो तरफ़ इस तौर से लपेट ले कि उसकी एक जाकट...
    ३५५ B (२,२९९ शब्द) - ०३:१०, १४ सितम्बर २०२०
  • बातों से क्या काम ? जा। १—तुझे क्या यदि उसकी भौंह में एक बल है, आँखों के डोरे में खिचाव है, वक्षस्थल पर तनाव है, और अलकों में निराली उलझन है, चाल में लचीली...
    २४८ B (५६१ शब्द) - ०२:१८, ३० मार्च २०२१
  • पुकारने लगी। एक जन मुसलमान ने नौका के जल गेरने का प्रारम्भ किया और सब पाल की डोरी पकड़कर खड़े रहे। बाबू हुक्का हाथ में लेकर नीचे उतरे और नौका डूबने [ ८ ]के...
    ४६१ B (१,४१९ शब्द) - १९:२०, ४ अगस्त २०२३
  • उद्गम है पतझर होता एक ओर है , अमृत हलाहल यहाँ मिले हैं सुख दुख बेधते, एक डोर है ।" "सुंदर यह तुमने दिखलाया किंतु कौन वह श्याम देश है ? कामायनी ! बताओ...
    २१६ B (१,५६० शब्द) - ०९:३४, १५ अक्टूबर २०१९
  • मिला—मैं दुर्ग से नीचे गिर पड़ा हूँ। प्रहरी ने कहा-घबड़ाइए मत, मैं डोरी लटकाता हूँ। डोरी बहुत जल्द लटका दी गई, अफगान वेशधारी सिकन्दर उसके सहारे ऊपर चढ़ गया।...
    ५८१ B (१,५२३ शब्द) - ०६:५३, ११ मई २०२१
  • उन्होंने शरीर को सफ़ेद मलमल से कई दफ़े लपेटा, और कपड़े के दोनो छोर सफ़ेद डोरी से कसकर बाँध दिए। परंतु इसके पहले उन्होंने समाधिस्थ योगिराज की नाक, मुँह...
    ३७७ B (२,१०६ शब्द) - ०६:३५, ४ जुलाई २०२३
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