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  • काँप गए और इंद्र ने उस समय पानी बरसाया। यह प्रसंग महाभारत के शांतिपर्व के १४१ अध्याय में है। फिर हरिश्चंद्र की विपत्ति सुनकर क्रोध से वशिष्ठजी ने उनको...
    ४८३ B (१,२१९ शब्द) - १६:३५, १८ जुलाई २०२२
  • पूजा-पद्धति पर आक्षेप करें तो सिवाय परस्पर बिरोध उपजाने के और क्या करते हैं ? [ १४१ ] (१२९) यदि बेद, बाइबिल, कुरानादि की एक प्रति अग्नि तथा जल में डाल दी जाय...
    ७३७ B (१,८०७ शब्द) - १०:४६, ९ दिसम्बर २०१९
  • अत्यत प्राचीन खाल्दी जाति के बीच एक ईश्वर की भावना का विकाश हुआ था। ईसा से २००० वर्ष पूर्व के बाबुल के एक लेख मे वहाँ के भिन्न भिन्न देवता एक ही प्रधान देवता...
    ३४५ B (३,८२५ शब्द) - ०६:०२, ७ नवम्बर २०२१
  • है। इस युग के बौद्ध साधुचरित्र और सच्चे त्यागी होते थे। दूसरा युग ईसवी सन् के साथ प्रारम्भ होता है और ईसा की छठी शताब्दी में समाप्त हो जाता है। इस युग...
    ५४९ B (२,४८१ शब्द) - १८:११, २७ नवम्बर २०२१
  • साथियों ने कुरान की क़सम खाई कि बैरी को जीतैंगे या लड़ मरंगे। परिणाम यह हुआ [ १४१ ] कि राना सांगा की हार हुई और वह खेत से भाग खड़ा हुआ और थोड़े ही दिन पीछे...
    ४८३ B (२,०३५ शब्द) - ०७:५७, १६ सितम्बर २०२०
  • तनिक पता मिलता ही न था कि पृथ्वी खागई, अथवा अकाश निगल गया, [ १४१ ]उसके आते ही सब लोग इस रीति से चिल्ला उठे कि सम्पूर्ण आयतन गूँज उठा। रोजाबिला अबिलाइनों...
    ५४२ B (२,०८४ शब्द) - ०९:४४, २४ नवम्बर २०२१
  • होता है कि अब कलिंचुममें वह आपके पाय जरूर चली जाय। [ १४१ ]________________ भारतके प्राचीन राजवंडा इस श्लोक पढ़ते ही मुझे यहुत पश्चात्ताप हुआ और भोनको पीछे...
    ३९५ B (४१,५६३ शब्द) - ०१:४०, ३० जुलाई २०२३
  • तमस्मुक की शक्ल के कागज पर वह मुहर छाप दी गई। एक जज-कहे जाओ, कहे जाओ। १४० [ १४१ ]आजिमअली-इसके बाद चैतन्य बाबू से महाराज ने कहा कि जहाँ मुहर लगाई है, उसके...
    ३२९ B (४,१८६ शब्द) - २२:२०, २७ जुलाई २०२०
  • पकड़ना चाहूँ वा उसे देखना चाहूँ वा उसे साक्षात्कार करना चाहूँ तो संभव [ १४१ ] [ १४१ ] है कि वह मुझे न मिले; पर मुझे निश्चय है कि वह है। यदि मुझे किसी वस्तु...
    ७०० B (८,६९६ शब्द) - ०१:१२, ११ अगस्त २०२१
  • और,न यही कहना चाहिए कि इन्दुमती में भले बुरे की परीक्षा का ज्ञान ही न [ १४१ ] ८८ रघुवंश। था। बात यह है कि लोगों की रुचि एक सी नहीं होती। इन्दुमती की...
    ५७१ B (६,७६९ शब्द) - ०६:२६, १८ सितम्बर २०२१
  • साधारण गृहस्थियों के पास भी हज़ारों की संख्या में गायें रहती थीं। ईसा से ५०० वर्ष पूर्व कालायन के काल में गौ १० पैसे को, और बछड़ा ४ पैसे को मिलता था। बैल...
    ३४२ B (६,४०४ शब्द) - ०८:४८, ३ मई २०२१
  • दाँव देना तय किया। गया ने कहा-अब तो अँधेरा हो गया है भैया, कल पर रखो। [ १४१ ]मैंने सोचा, कल बहुत-सा समय होगा, यह न जाने कितनी देर पदावे, इसलिए इसी वक्त...
    ६२२ B (३,१११ शब्द) - २१:४९, ११ जुलाई २०२०
  • वि सं. ५७ ) में होना मान कर इस मंघन के गत वर्ष स्थिर किये परंतु अब बहुत से विद्वानों का मानना यह है कि ईसा का जन्म ई स पूर्व ८ से ४ के बीच हुआ था न कि ई...
    १३० B (१,३७,२३१ शब्द) - १९:४७, १२ फ़रवरी २०२१
  • वार्ता १७४, ध्यानयोग ६१ १६१, ३२५, ४०४, ४०६ ध्रुवचरित्र २०० होदावली १३७, १४१, १४४-१४५ ध्रुववंदना २२३ दोहावली ( जनकराजकिशोरी शरण), ध्रुवाष्टक ३४५ ३५४ ध्रुवस्वामिनी...
    ३९६ B (३,२९१ शब्द) - १७:३५, २७ जुलाई २०२३
  • 168383ज्ञानयोग — ब्रह्म और जगत्1950स्वामी विवेकानंद [ १४१ ]   ७. ब्रह्म और जगत् अद्वैत वेदान्त के इस विषय की धारणा करना अत्यन्त कठिन है कि जो ब्रह्म अनन्त...
    ५१९ B (६,८३१ शब्द) - ०७:५२, २५ मार्च २०२३
  • द्विवेदी जॉन स्टुअर्ट मिल144435स्त्रियों की पराधीनता1917शिवनारायण द्विवेदी [ १४१ ]तीसरा अध्याय। १-मैं जो पीछे गृहस्थी में स्त्री को पुरुष के समान अधिकार होने...
    ४२१ B (१८,७०० शब्द) - ११:३५, ४ नवम्बर २०२०
  • खुदा की ऐसी ही मरजी थी। तूरया से मालूम हुआ कि मेरे बाप का नाम हैदरखाँ [ १४१ ] था, जो अफ्रीदियों के एक गिरोह का सरदार था। मैंने सरदार हिम्मतसिंह के सम्बन्ध...
    ६२६ B (७,३२७ शब्द) - ०८:५३, १० मार्च २०२०
  • थे। मेरे पूर्व बॉस जॉन डी, पॉडेस्टा और साथ ही लेबर विभाग के पूर्व सचिव रॉबर्ट रीच और ओक्यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन (ओएसएचए) के पूर्व निदेशक...
    ३५१ B (३०,२४० शब्द) - १५:२४, २८ जुलाई २०२३
  • इष्ट-अनिष्ट, सभी विचारोंको तिलाञ्जलि देकर इस अपमानमोचनके उपलक्ष्यमें बंगालीको आनन्द हुए बिना नहीं रह सकता । [ १४१ ]अतः यह बात सर्वथा सत्य है कि स्वदेश या...
    ३८७ B (८,८५६ शब्द) - १७:०१, २५ नवम्बर २०२१
  • महीना २९ दिनका माना गया होगा जो चण्डू पंचांगके हिसासे ३० दिनका होता है। [ १४१ ]चली गई थी और अब भी तीन गोलियां खाचुकी थी। बादशाह उसके पीछे पीछे फिरता रहा।...
    १२८ B (७४,४४७ शब्द) - १७:३०, १३ फ़रवरी २०२१
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