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कहीं आपका मतलब विद्वान चौरा तो नहीं था?
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  • थी। चौधरी कपड़े पहने सत्तू खा लेते और भगत को ढोंगी कहते। भगत बिना कपड़े उतारे पानी भी न पीते और चौधरी को भ्रष्ट बतलाते। भगत सनातन-धर्मों बने तो चौधरी ने...
    ५४८ B (२,२१५ शब्द) - ०९:४५, २२ मई २०२०
  • थी। चौधरी कपड़े पहने सत्तू खा लेते और भगत को ढोंगी कहते। भगत बिना कपड़े उतारे पानी भी न पीते और चौधरी को भ्रष्ट बतलाते। भगत सनातन-धर्मों बने तो चौधरी ने...
    ५८६ B (२,३४० शब्द) - २१:३८, ११ जुलाई २०२०
  • इत्यादि। प्रकाशक- चौधरी शिवनाथ सिंह शाण्डिल्य ज्ञानप्रकाश मन्दिर, पो॰ माछरा, ज़ि॰ मेरठ। पहिला संस्करण] [मूल्य १) सन् १९२४ ई॰ केवल १६ पृष्ठ विद्या प्रिंटिंग प्रेस...
    २८० B (५१२ शब्द) - १५:०२, २६ जनवरी २०२१
  • इत्यादि। प्रकाशक- चौधरी शिवनाथ सिंह शाण्डिल्य ज्ञानप्रकाश मन्दिर, पो॰ माछरा, ज़ि॰ मेरठ। पहिला संस्करण] [मूल्य १) सन् १९२४ ई॰ केवल १६ पृष्ठ विद्या प्रिंटिंग प्रेस...
    २४६ B (३८७ शब्द) - १४:४४, २६ जनवरी २०२१
  • जाने दो; अलगू चौधरी को तो मानते हो? लो, मैं उन्हीं को सरपंच बदती हूँ। जुम्मन शेख आनन्द से फूल उठे; परन्तु भावों को छिपाकर बोले—अलगू चौधरी ही सही, मेरे...
    ४२४ B (४,१४४ शब्द) - ०१:०७, २३ अगस्त २०२१
  • प्रेमचंद 163690सप्तसरोज1917प्रेमचंद [ ४३ ] पंच परमेश्वर १ जुम्मन शेख और अलगू चौधरी में गाढ़ी मित्रता थी। साझेमें खेती होती थी। कुछ लेन-देनमें भी साझा था। एकको...
    ३७२ B (४,३४३ शब्द) - २०:५७, २५ अप्रैल २०२२
  • ऐज यू लाइक इट और वेनिस का बैपारी। उपाध्याय बद्रीनारायण चौधरी के छोटे भाई पं॰ श्यामाप्रसाद चौधरी ने सं॰ १९५० में 'मैकबेथ' का बहुत अच्छा अनुवाद गानेंद्र...
    ६३६ B (१,४९८ शब्द) - १७:४१, २७ जुलाई २०२३
  • राजावली युक्त अश्वपति गजपति नरपति, तीन राज्यों के स्वामी नाना प्रकार की विद्या विचार के वाचस्पति श्रीमान् जयचन्द्र के राज्य में कौशाम्बी पत्तला (परगने)...
    ५०८ B (२११ शब्द) - १३:२३, ३० सितम्बर २०२३
  • गया। इधर कुछ दिनों से स्वामी आत्मानन्द और अमरकान्त के उद्योग से इलाके में विद्या का कुछ प्रचार हो रहा था और कई गाँवों में लोगों ने दस्तूरी देना बन्द कर दिया...
    २७४ B (१,५८३ शब्द) - १८:१४, २१ जुलाई २०२३
  • ही क्यों होती। सुखदा आवेश में बोली--हड़ताल तो होगी, चाहे चौधरी लोग मानें या न मानें। चौधरी मोटे हो गये हैं और मोटे आदमी स्वार्थी हो जाते हैं। नैना ने...
    २६६ B (३,९८९ शब्द) - १८:१५, २१ जुलाई २०२३
  • था, शादी- व्याह में, मूँँडन-छेदन में परस्पर आना-जाना होता रहता था। सुरेश विद्या-प्रेमी थे, हिदुस्थान में ऊँची शिक्षा समाप्त करके वह योरप चले गए, और सब लोगो...
    ४०० B (७,१०३ शब्द) - १४:११, २१ सितम्बर २०२१
  • दिन की अवधि और लेगे। ( विश्वामित्र आते हैं ) विश्वा०---( आप ही आप ) हमारी विद्या सिद्ध हुई भी इसी दुष्ट के कारण सब बहक गई। कुछ इंद्र के कहने ही पर नहीं,...
    ६०५ B (३,२६० शब्द) - १६:५४, १८ जुलाई २०२२
  • हैं, इसका अनुमान नहीं किया जा सकता। हमारे समाज का वह भाग जो बल, बुद्धि, विद्या में सर्वोपरि है, जो हृदय और परिपक के गुणों से अलंकृत हैं, केवल इसी प्रथा...
    २८९ B (३,०३५ शब्द) - २०:२४, १३ जनवरी २०२४
  • थे। आप तो अपने भाई ही ठहरे, साहब को धता क्यों नहीं बताते? आपको भगवान् ने विद्या-बुद्धि दी है, बीसों बहाने निकाल सकते हैं। बरसात में पानी जमता है, दीमक बहुत...
    २०० B (५,८८६ शब्द) - १९:२७, ३१ जुलाई २०२३
  • था। गाँव में कोई गाने वाला आ जाता तो लोग पालू के पास जाते कि देखो कुछ राग-विद्या जानता भी है, या यों ही हमें गँवार समझकर धोखा देने आ गया है। पालू अभिमान...
    ४३० B (४,२३० शब्द) - ०६:०९, २९ जनवरी २०२२
  • छोड़ेंगे, चाहे इसके पीछे सरबस लुट जाये। गौस खाँ ने सुक्खू चौधरी को विस्मित नेत्रों से देखा और कहा, चौधरी, क्या इस मौके पर तुम भी दगा दोगे? होश में आओ। सुक्खू...
    २८९ B (८,२५८ शब्द) - २१:३३, १३ जनवरी २०२४
  • गोपाल भंडारकर (४) दानी जमशेद जी नौशेरवांँ जी ताता (५) भारतवर्ष की शिल्प-विद्या (६) फोटोग्राफी (१९०१) (१) वीसलदेवरासो (२) भारतेश्वरी महारानी विक्टोरिया...
    ६१४ B (५,२१५ शब्द) - ०४:३०, १३ अक्टूबर २०२१
  • सुभद्रा को ऐसी विचारशीला कभी न समझते थे, उन्हें अनुभव हुआ कि यद्यपि मैने बहुत विद्या पढ़ी है, पर इसके हृदय की उदारता को मैं नहीं पहुँचता। यह अशिक्षित होकर भी...
    २०६ B (५,५४७ शब्द) - ०८:१४, २७ जुलाई २०२३
  • चन्द्रिका' और 'बालाबोधिनी' की सौ सौ प्रतियाँ शिक्षाविभाग मे ली जाती थीं। 'विद्या सुन्दर' आदि की सौ सौ प्रतियां ली गईं। उसी समय ये पञ्जाब युनिवर्सिटी के परीक्षक...
    ४८९ B (५,३१६ शब्द) - १५:५३, ३० जुलाई २०२३
  • 'विजयपाल रासो' अपभ्रंश में लिखा गया है । पन्द्रहवें शतक में मैथिल कोकिल विद्या- पति ने भी दो ग्रन्थ अपभ्रंश भाषा में लिग्वे, 'कीर्तिलता, एवं 'कीर्तिपताका'...
    ८३२ B (७,११२ शब्द) - ११:१२, १७ जून २०२१
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