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  • जुमा-मसजिद को यदि संसार भर की मसजिदों से अच्छी कहें तो कोई अत्युक्ति न होगी। वह २०१ फुट लम्बी और १२० फुट चौड़ी [ ९ ]है। वह ६५८ ईसवी में बनी थी। ५००० कारीगर ६...
    ३०४ B (२,३७५ शब्द) - १३:४२, ३ मई २०२१
  • और अपने भाई विवसिंहका उत्तराधिकारी हुआ । इ० सं० २०१ में यह क्षत्रप हुमा और कमसे कम श ६० ३०४ तक अवश्य इस पद पर रहा या । तथा श० से २११ में महाक्षत्रप हो...
    ४८४ B (८,३२४ शब्द) - ००:०१, २६ अक्टूबर २०२०
  • है कि गुजरातो नष्ट करनेकी इच्छ्वास (१) प्रवन्धचिन्तामणि, पृष्ठ २५६! * [ २०१ ]________________ मारतके प्राचीन राजवंशमारो रानी सोने भीमय पर चढ़ाई की।...
    ३९५ B (४१,५६३ शब्द) - ०१:४०, ३० जुलाई २०२३
  • निर्वाचित सदस्य हैं, जिन्होंने आपके लिए मतदान किया है। लेकिन दूसरी ओर वह बड़ा [ २०१ ] परिशिष्टः पारदर्शिता कब उपयोगी होती है? निगम है, जिसने आपके चुनाव अभियान...
    ३४३ B (३,८३४ शब्द) - १५:२४, २८ जुलाई २०२३
  • तो उनकी बोली हिन्दी के बदले “हिन्दुस्तानी" हो जाय। इस अघटनशील घटना का गुरुत्व या महत्त्व थोड़ा [ २०१ ] न समझिए। इसकी गुरुता वही अच्छी तरह समझ सकेंगे जो...
    ५७० B (२,४६८ शब्द) - ०५:३८, १५ सितम्बर २०२१
  • वि सं. ५७ ) में होना मान कर इस मंघन के गत वर्ष स्थिर किये परंतु अब बहुत से विद्वानों का मानना यह है कि ईसा का जन्म ई स पूर्व ८ से ४ के बीच हुआ था न कि ई...
    १३० B (१,३७,२३१ शब्द) - १९:४७, १२ फ़रवरी २०२१
  • है। * होमर (Homer) ग्रीक लोगों का आदि कवि है। इसका समय ईसा से लगभग एक हजार वर्ष पूर्व है। इस के "इलियड" और "ओडिसी" बड़े प्रतिष्ठित ग्रन्थ हैं। हिन्दुओं...
    ४२१ B (१८,७०० शब्द) - ११:३५, ४ नवम्बर २०२०
  • ऐसो आशा न थी। इन्द्रनाथ का चेहरा लाल हो गया। वह मावेश में आकर खहा गया और [ २०१ ] बोला --- न मुझे यह आशा थी कि तुम मुझ पर इतना बड़ा लांछन रख दोगे। मुझे न...
    २७८ B (६,००५ शब्द) - २१:१७, ३० जुलाई २०२३
  • कुछ उत्साह था। इनके लिए जीवन में कौन-सा सुख था। न खाने-पीने का सुख, न [ २०१ ]मले–तमाशे का शौक। जीवन क्या एक दीर्घ तपस्या थी, जिसका मुख्य उद्देश्य कर्तव्य...
    २१७ B (६,१४५ शब्द) - १९:००, २४ जनवरी २०२०
  • दुर्गंध के मारे माथा फटा जाने से घृणा होती हो। कल की किसने देखी है? इसके पूर्व संचित धोर पापों के फल से अपने प्रारब्ध का परिणाम भोगने के लिये यदि ये आज...
    ६०५ B (३,१०३ शब्द) - १३:०८, १७ दिसम्बर २०२१
  • मौका ही नहीं मिला। मैंने जब होश संभाला तो पूर्व ही ज़्यादा समझा। उसी में पला बढ़ा। मुझे यह नहीं मालूम कि यह पूर्व कहलाता था और वह पाश्चात्य है। वह खिड़की...
    ६०६ B (२२,६४५ शब्द) - १६:५०, २० नवम्बर २०२०
  • मिली पर रानाले सन्धि होजाने पर यह रावतही रह गया। । [ २०१ ]राजा बासूका वेटा सूरजमल भी जिसका देश इस किलेसे मिला हुआ था वहां भेजा गया। उसके मनसबमें पांच सदी...
    १२८ B (७४,४४७ शब्द) - १७:३०, १३ फ़रवरी २०२१
  • में आपको दस साल की सजा हो जाय। आप हैं किस ख्याल में? हम आपके साथ शरारत [ २०१ ] नहीं करना चाहते। हां, अगर आप हमें सख्ती करने पर मजबूर करेंगे, तो हमें सख्ती...
    २१४ B (२८,७४६ शब्द) - १७:२४, २६ जुलाई २०२३
  • समझकर तुलसी मन में प्रभु पर पूर्व विश्वास रखकर कहता है कि जहाँ कहीं भी जन्म हो वहाँ आप ही से सदा सनेह निबाहनेवाली देह मिलै। [ २०१ ] लोग* कहैं अरु हौं हूँ...
    ३३१ B (५८,७७८ शब्द) - १४:४३, ५ अगस्त २०२१