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  • महावीर प्रसाद द्विवेदी 75490पुरातत्त्व प्रसंग१९२९महावीर प्रसाद द्विवेदी [ १०९ ] मध्य-एशिया के खँडहरों की खुदाई का फल। जिस समय बौद्ध-धर्म अपनी ऊर्जितावस्था...
    १ KB (१,७३८ शब्द) - १६:२०, १७ जुलाई २०२३
  • आदि-कवि नहीं। उसके पहले, ईसा की दसवीं शताब्दी में, जैन पण्डितों ने उस समय की हिन्दी में पुस्तक-प्रणयन का आरम्भ कर दिया था। इस दशा में अकेली हिन्दी ही के...
    ५१६ B (७६० शब्द) - ११:४४, ३१ अगस्त २०२१
  • और पतन 157600संकलन — तुर्कों का उत्थान और पतन1931महावीर प्रसाद द्विवेदी [ १०९ ] १८ तुर्कों का उत्थान और पतन लगभग छ: सौ वर्ष बीते कि तुर्क नाम की एक छोटी...
    ५१२ B (२,४७३ शब्द) - १५:५७, ९ नवम्बर २०२१
  • की सृष्टि करते थे। बनारस और नदिया इसके उदाहरण हैं। रेवरेंड की ईसा से कई शताब्दियों पूर्व की प्राचीन भारतीय शिक्षण-पद्धति के अनुसार गुरु और शिष्य के जीवन...
    ३८३ B (७,२५३ शब्द) - २३:४१, २१ नवम्बर २०२०
  • (वि० सं० १२०८) के पूर्व ही यह अपने पिता युवज घनाया गया था। पुथ्वीरशिवमयं महाकाव्यमें सा है कि प्रधान द्वारा गइपर लिए जाने के पूर्व अजमेरके चोहान राजा...
    ४९५ B (६,५१९ शब्द) - ००:०१, २६ अक्टूबर २०२०
  • भारत की दुर्दशा देखकर कवि के दग्ध हृदय से निकली है। [ १०९ ]देखिए---'ये कृष्ण-वरन जब मधुर तान' इस पंक्ति का 'कृष्ण बरन' कितने अर्थों से गर्भित है और कैसा...
    ५१७ B (१,८७६ शब्द) - १५:५०, १७ जुलाई २०२२
  • गान्धीवादी नेता हैं। गौल, जनरल डी--यह फ्रान्स के सैनिक अधिकारी थे। इस समय आप अधिकृत तथा [ १०९ ] पराजित फ्रान्स को छोड़कर लन्दन मे हैं। आपने यह घोषणा की है कि...
    ३३८ B (३,५१९ शब्द) - ११:००, ५ अगस्त २०२०
  • द्वारा विश्वेश्वरनाथ रेउ 144396भारत के प्राचीन राजवंश1920विश्वेश्वरनाथ रेउ [ १०९ ]३ परमार-वंश। आबूके परमार | परमार अपनी उत्पत्ति आबू पहाड़ पर मानते हैं। पहले...
    ३९५ B (४१,५६३ शब्द) - ०१:४०, ३० जुलाई २०२३
  • अपार सागर में डुबकियाँ खा रही थी। मन्साराम ने मेरे भाव-परिवर्तन को देख कर [ १०९ ]दिल में क्या समझा होगा? क्या उसके मन में यह प्रश्न न उठा होगा कि पिता जी...
    २४६ B (३,०८४ शब्द) - ०७:५७, १९ सितम्बर २०२१
  • मानसरोवर २  (1946)  द्वारा प्रेमचंद 153564मानसरोवर २1946प्रेमचंद [ १०९ ] उन्माद मनहर ने अनुरक्त होकर कहा—यह सब तुम्हारी कुर्बानियों का फल है बागी, नहीं...
    ३२७ B (६,८४३ शब्द) - २२:५४, २१ मई २०२१
  • उससे शुङ्ग गज की नेव पड़ी। [ १०९ ]वह सनातन धर्म का कट्टर पक्षपाती था और इसी से उसने बौद्धों को सताया। प्रसिद्ध है कि उसने पूर्व मगध से पश्चिम के जालंधर (पञ्जाब)...
    ४६५ B (११,४७५ शब्द) - ०९:२५, ४ जुलाई २०२३
  • लिया तब क्या मैं भी नहीं कर सकता?' ऐसे सम्पन्न व्यक्ति की ओर जो इच्छुक या [ १०९ ]स्पर्द्धावान् का बार-बार ध्यान जाता है वह उसकी स्थिति में किसी प्रकार का...
    २८९ B (५,५१६ शब्द) - १६:३६, १७ अगस्त २०२१
  • वि सं. ५७ ) में होना मान कर इस मंघन के गत वर्ष स्थिर किये परंतु अब बहुत से विद्वानों का मानना यह है कि ईसा का जन्म ई स पूर्व ८ से ४ के बीच हुआ था न कि ई...
    १३० B (१,३७,२३१ शब्द) - १९:४७, १२ फ़रवरी २०२१
  • द्वारा महावीर प्रसाद द्विवेदी 156266साहित्यालाप1929महावीर प्रसाद द्विवेदी [ १०९ ] ७.-हिन्दी की वर्तमान अवस्था । [ इलाहाबादवाले दूसरे साहित्य-सम्मेलन के लिए...
    ५३२ B (६,६७४ शब्द) - ०५:४१, १५ सितम्बर २०२१
  • आधार पर इलाहाबाद से ६० किलोमीटर दूर खुदाई कर इस तालाब को ढूंढ निकाला है। श्री लाल के अनुसार यह तालाब ईसा पूर्व सातवीं सदी में बना था—यानी आज से २७०० बरस...
    ४४९ B (७,०८९ शब्द) - १४:०९, ३० मई २०२१
  • प्रोटोगोरस––ईसा से ४०० वर्ष पूर्व इस नाम का यूनान में एक प्रसिद्ध तत्त्ववेत्ता हुआ है। प्रोटागोरस का उस समय के यूनानी देवताओं में विश्वास नहीं था। इस कारण इसके...
    २८१ B (१३,२८१ शब्द) - १५:०५, २६ जनवरी २०२१
  • लगी। उसने समझा कि मैं गोली का शिकार हो गया। वह धीरे-धीरे सतर्क पदों से [ १०९ ] मेरी ओर बढ़ा। मैं साँस खींचकर लेट गया। जब वह बिल्कुल मेरे पास आ गया, शेर...
    ६२६ B (७,३२७ शब्द) - ०८:५३, १० मार्च २०२०
  • आप और भी छोटा न कर दीजिएगा। इस पर नल की विकलता की बातें सुनिए— ये त्रिलोक वन्दनीय दिक‍्पाल तो तुम पर इतना प्रेम प्रकट [ १०९ ]कर रहे हैं, पर तुम उनसे विमुख...
    ५६६ B (८,३४४ शब्द) - १७:४१, ४ अप्रैल २०२४
  • गई। बादशाहने उसके बेटे मिरजावालीको हमारी जात और दोसौ सवारोंका मनसब दिया। [ १०९ ] रूमका कृत्रिम दूत। ⁠तूरानका अकम नामक एक हाजी रूममें था वह अपनेको रूमके...
    १२८ B (७४,४४७ शब्द) - १७:३०, १३ फ़रवरी २०२१
  • कायम रखने के लिए पेड़ की ओट से बान चलाया। ४—‘माहिष्मती को नाथ’ (लङ्का० छं० १०९) सहस्रबाहु माहिष्मती का राजा था। एक बेर शिकार खेलते-खेलते यह जमदग्रि मुनि...
    ३३१ B (५८,७७८ शब्द) - १४:४३, ५ अगस्त २०२१