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  • राजाओं के राज्य दिखाई देते हैं। अब यह प्रश्न उठता है कि राजपूत कौन है? ३—राजपूत कहते हैं कि हम क्षत्रिय हैं और श्रीरामचन्द्र जी से और प्राचीन काल के और क्षत्रियकुलों...
    ५७४ B (९२७ शब्द) - १२:२८, १५ सितम्बर २०२०
  • मैंने। पिताजी-तुम क्षत्रिय हो ? राजपूत-हाँ ! पिताजी-तो किसी क्षत्रिय से हाथ मिलाते ? राजपूत का चेहरा तमतमा गया। बोला-कोई क्षत्रिय सामने आ जाय। हजारों...
    ३८५ B (३,६३४ शब्द) - १८:२५, २३ जुलाई २०२०
  • कुमार उसके पीछे तलवार खींचकर क्षत्रिय लोग चलते हैं। रानी नीलदेवी बाहर के घर में आती हैं) नील॰––पुत्र की जय हो। क्षत्रिय-कुल की जय हो। बेटा, एक बात हमारी...
    ४३१ B (९१० शब्द) - ०८:१७, २० मई २०२१
  • धर्मदृढ़ता, उदय- पुर के क्षत्रिय-कुलभूषण भारत गौरव महाराणा राजसिंह का आश्रितवात्सल्य और वीरत्व, माणिकलाल की चालाकी और प्रभुभक्ति, राजपूत कन्या जोधपुरी बेगम...
    १९७ B (७०८ शब्द) - २३:४७, २० जुलाई २०२३
  • अच्छा व्यवहार किया है और राजपूत राजाओं का कैसा आदर करता है। सुर्जन मान गया और गढ़ की कुंजियां सम्राट को सौंप दीं। ११—अकबर ने राजपूत राजाओं की कन्याओं से बिवाह...
    ५०८ B (२,३०१ शब्द) - ०९:२७, १६ सितम्बर २०२०
  • ब्राह्मणों ने क्षत्रिय पदवी दी, और वे राजपुत्र अथवा राजपूत कहलाने लगे, कुछ उनमें से ब्राह्मण भी बनगये” २–गुर्जरों के ब्राह्मण क्षत्रिय बनने के सिद्धान्त...
    ९२५ B (२,३४० शब्द) - ११:४७, १७ जून २०२१
  • नहीं करता।' ज॰। 'अच्छी बात है।' उ॰। सुनिये! राजपूत और पठानों के युद्ध में दोनों पक्ष की हानि है। राजपूत ने कहा 'पठानों का नाश तो युद्ध का मुख्य प्रयोजन...
    ६२८ B (१,६४३ शब्द) - १६:४५, २६ अक्टूबर २०१९
  • प्राणघातक यन्त्र से कम नहीं। ईश्वर, वह दिन न आये कि मैं क्षत्रिय-जाति का कलंक बनँ। क्षत्रिय जाति ने मर्यादा के लिए पानी की तरह रक्त बहाया है। उनकी हजारों...
    ३९५ B (५,६१९ शब्द) - १८:२२, २३ जुलाई २०२०
  • कातर न हुआ था, कभी आँखों में आँसू ने आये थे। मरना-मारना तो राजपूत का धर्म है। इस पर कोई राजपूत क्यों आँसू बहाये। पर आज इस बालिका के विलाप ने उसे विवश कर...
    ४१४ B (५,५०६ शब्द) - ०६:१७, २९ जुलाई २०२०
  • घटना भारतवर्ष में हुई, जिसने भारतवर्ष में राजपूत जाति बनाने में बड़ी सहायता दी और समय-समय पर उन्ही राजपूत क्षत्रियों ने बड़े-बड़े कार्य किये। उन राजपुत्रो...
    ५१६ B (३,९३८ शब्द) - २३:३५, ३ सितम्बर २०२१
  • अंतर्हित हो गई थी और खंड खंड होकर जो गहरवार, चौहान, चंदेल और परिहार आदि राजपूत-राज्य पश्चिम की ओर प्रतिष्ठित थे, वे अपने प्रभाव की वृद्धि के लिये परस्पर...
    ७४४ B (६,९३७ शब्द) - १०:००, ८ जुलाई २०२३
  • सिद्धराज, साकेत, यशोधरा। अंतिम दो बड़े काव्य हैं। 'विकट भट' में जोधपुर के एक राजपूत सरदार की तीन पीढ़ियों तक चलनेवाली बात की टेक की अद्भुत पराक्रमपूर्ण कथा...
    ६२६ B (२,८४६ शब्द) - १७:३८, २७ जुलाई २०२३
  • आने का कारण यह था कि शाही दरबार में राजपूत लोगों के विषय में मुल्ला लोग यह कहा करते थे कि 'आप लोग वास्तविक क्षत्रिय नहीं हैं, क्योंकि जब परशुरामजी ने पृथ्वी...
    ३१० B (५,६८८ शब्द) - १५:५७, १० जुलाई २०२३
  • 'सावद्द', 'वादित्र' को 'बाजित्र', 'मुख' को 'मुष्प', 'जम्बुक' को 'जम्बक्क', 'राजपूत' को 'रजंपुत्त', 'पचास' को 'पच्चास', 'नाद' को 'नई', 'सब' या 'सब्ब' को 'सब्बय'...
    ९४४ B (३,७१६ शब्द) - ००:४३, २७ जून २०२१
  • उपेंद्रनाथ अश्क, भगवतीचरण वर्मा, धर्मप्रकाश आनंद, उदयशंकर भट्ट के क्रमशः 'राजपूत की हार', 'दस मिनट', 'स्ट्राइक', 'लक्ष्मी का स्वागत', 'सबसे बड़ा आदमी', 'दीन'...
    ५३८ B (३,४०९ शब्द) - १७:४०, २७ जुलाई २०२३
  • दिया गया था, किन्तु अर्जुन को दिया गया था जो बड़ा शूरवीर, पराक्रमी और क्षत्रिय-शिरोमणि था। कृष्ण भगवान् के उपदेश और अलौकिक शक्ति को तुम भी समझ सकोगे जब...
    ४५० B (६,१९६ शब्द) - ०६:१९, २९ जुलाई २०२०
  • चमत्कारपूर्ण वृत्तातों के सम्यक् प्रचार से। नाभाजी को कुछ लोग डोम बताते हैं, कुछ क्षत्रिय। ऐसा प्रसिद्ध है कि वे एक बार गो॰ तुलसीदासजी से मिलने काशी गए। पर उस समय...
    ७ KB (३,४४४ शब्द) - १७:४३, २७ जुलाई २०२३
  • अंतर पर "होल" नामक गाँव में आकर निवास करने लगे। ये जाति के महाराष्ट्र क्षत्रिय होकर धनगर अर्थात् गड़रिये का धंधा करते थे। मल्हारराव के पिता का नाम खंडोजी...
    ३३९ B (५,७६८ शब्द) - ०९:३२, १५ अक्टूबर २०१९
  • न आप अपने को भूल जाऊँ ।" (शकु० ) । “क्या वह अपने आप झुका है?" ( तथा ) “राजपूत वीर अपने आपको भूल गये ।” [ ९६ ](उ) “आप” शब्द कभी कभी वाक्य में अकेला आता...
    ३४५ B (७,६९७ शब्द) - ०८:१२, ७ मई २०२१
  • मत हैं होग घायण और क्षत्रिय इष्टाही मिश्रित सन्तान थे। अयश ये विधम्। ये थे और ब्राह्मणोंने सस्कार द्वारा शृद्ध इरके इनको क्षत्रिय बन्। क्लिय।। तुपा इसी...
    ३९५ B (४१,५६३ शब्द) - ०१:४०, ३० जुलाई २०२३
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