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  • है वह वर्णन से बाहर है। फग्गुसन साहब का मत है कि यह मन्दिर ईसा की सतरहवीं शताब्दी का है। इस मन्दिर के घेरे के [ ८६ ] ८६ दृश्य-दर्शन एक कोने में गणेश का...
    ४४० B (९४४ शब्द) - ०७:०४, ४ मई २०२१
  • में चला गया। यह घटना ईसा के [ ७९ ] आठवें शतक के मध्य में हुई जान पड़ती है। चीन के ऐतिहासिक ग्रन्थों में लिखा है कि सुमात्रा में, ईसा के पाँचवें शतक में...
    ९१६ B (३,७६३ शब्द) - १६:२०, १७ जुलाई २०२३
  • मिट्ठूमल के लिये कुछ इशारा कर दिया है । मिट्ठू-ऐसे खूस देहकानी को इतनी [ ८७ ]कसीर रकम मिलकर क्या होगी, इसे तो हम लोगों के हाथ में आना चाहिए। बाबुओं का...
    ३८७ B (१,८१२ शब्द) - १५:१५, १५ अक्टूबर २०२१
  • आयोजन, ४८५ ८७; सभा की स्थापना के बाद की चिंता और व्यग्रता, ४८७ । प्रकरण ३ गद्य साहित्य का प्रसार द्वितीय उत्थान ( १९५०-७५ ) सामान्य परिचय इस काल की चिंताएँ...
    ४०२ B (२,४११ शब्द) - १७:४६, २७ जुलाई २०२३
  • द्वारा महावीरप्रसाद द्विवेदी 157748अतीत-स्मृति1930महावीरप्रसाद द्विवेदी [ ८७ ]९-पुराणों की प्राचीनता जनवरी १९१२ के "माडर्न रिव्यू" मे वी॰ सी॰ मजूमदार महाशय...
    ४०६ B (२,६७४ शब्द) - १८:१२, २७ नवम्बर २०२१
  • आरम्भ1939जयशंकर प्रसाद [ ८७ ]   नाटकों का आरम्भ [ ८९ ]कहा जाता है कि 'साहित्यिक इतिहास के अनुक्रम में पहले गद्य तब गीति-काव्य और इस के पीछे महाकाव्य आते...
    ४७९ B (१,६११ शब्द) - १२:५९, १९ नवम्बर २०२१
  • था―अर्थात् इस बात का कि उन्नति वा विकास यथा क्रम होता है; और इसी ज्ञान के कारण उन लोगों ने पूर्व के दर्शनों के भेद का परिहार किया था। यही कारण है कि पूर्व के...
    ७१५ B (६,५०१ शब्द) - ००:५७, ११ अगस्त २०२१
  • (वि० सं० १२०८) के पूर्व ही यह अपने पिता युवज घनाया गया था। पुथ्वीरशिवमयं महाकाव्यमें सा है कि प्रधान द्वारा गइपर लिए जाने के पूर्व अजमेरके चोहान राजा...
    ४९५ B (६,५१९ शब्द) - ००:०१, २६ अक्टूबर २०२०
  • आदि का चित्र मुद्राराक्षस में खूब खींचा गया है। उनका अर्थशास्त्र ईसा से ४०० वर्ष पूर्व का माना जाता है। कामन्दक ने अपना नीतिसार बड़ी सरल भाषा में लिखा...
    ६०७ B (२,८६२ शब्द) - १८:१०, २७ नवम्बर २०२१
  • है। सातवे शतक मे इस परि- ब्राजक ने खजुराहो को अच्छी दशा मे देखा था। उसके लिखे हुए तत्कालीन इमारतो के वर्णन से यह सिद्ध है कि कम से कम ईसा की पहली सदी मे...
    ६२० B (३,०३७ शब्द) - १९:०३, १३ दिसम्बर २०२०
  • भारत पर अँग्रेज़ी शासन है। इसके पूर्व मुसलमानों का राज्य प्रायः सम्पूर्ण भारत पर था। गुप्त, मौर्य तथा उससे भी पूर्व भारत में बड़े बड़े साम्राज्य स्थापित...
    ६७६ B (३,९९१ शब्द) - १३:२६, २१ नवम्बर २०१९
  • ईसा ( वि० सं० ११४६ ) स विद्यमान रहा 1 अतएव यदि राजतरंगिठे टोके पर विचार किया जाय तो वि० सं० ११३८ (१९६३ईसी) कै पाद तक भोजको विद्यमान मानना पड़ेगा। इस ट्रोफद्धे...
    ३९५ B (४१,५६३ शब्द) - ०१:४०, ३० जुलाई २०२३
  • पुट दिया गया है। इस नाटक में एक विचित्रता यह है कि इसमें स्त्री पात्रों [ ८७ ]का प्रभाव सा है और श्रृंगार तथा करुण रस का संसर्ग भी नहीं होने पाया है। यद्यपि...
    ५४० B (४,८९१ शब्द) - १५:३४, १७ जुलाई २०२२
  • कृशाङ्गी इन्दुमती ने आँख उठा कर एक बार उसकी तरफ देखा तो ज़रूर, पर बोली [ १४० ] ८७ छठा सर्ग। कुछ भी नहीं। विना अधिक झुके ही उसने उसे एक सीधा सा प्रणाम किया।...
    ५७१ B (६,७६९ शब्द) - ०६:२६, १८ सितम्बर २०२१
  • क्या हो गया है कि प्रत्येक कार्य्य में मुझसे चूक होती है, राजतनये आप [ ८७ ]मेरे इस अपराध को क्षमा करें, अगत्यो मैं कभी ऐसे प्रश्न न करूँगा"। यह कह कर वह...
    ५०३ B (२,६२७ शब्द) - ०९:४८, २४ नवम्बर २०२१
  • ), जिसके दानपत्र [ गांगेय ] मंवत् ८७ और है। मिल हैं, अनुमान करें, जैसा कि डॉ. फ्लीट ने माना है', नो गांगेय मंवत् ८७ ई म. ६६ के लगभग होना चाहिये. परंतु...
    १३० B (१,३७,२३१ शब्द) - १९:४७, १२ फ़रवरी २०२१
  • वार" (Date of Mahabharata War) शीर्षक लेख में इस प्रश्न पर विचार किया है और उनका अनुमान यह है कि महाभारत ईसा से उन्नीस सौ बरस पहिले हुआ था। अब हम सूर्यवंशी...
    ४६५ B (११,४७५ शब्द) - ०९:२५, ४ जुलाई २०२३
  • में कुमार की चिट्ठी । [ ८७ ]बोले, "इनके मिलने की मुझे हद से ज्यादा खुशी हुई, बहुत देर से मैं चाहता था । इनके विषय में कुछ पूर्वी !" महाराज--मालूम होता है...
    ४१२ B (४,४८८ शब्द) - १४:०७, १९ दिसम्बर २०२०
  • पेड़ थे। वहां पहुंचते ही कमालुद्दीन रुक गया। उसने चारों तरफ देखा और कहा-[ ८७ ]दारोगाजी, यही जगह ठीक है, यही हम लोगों को ठहरकर देखना चाहिए कि क्या होता...
    ३४७ B (४,४२८ शब्द) - १६:२५, ११ अप्रैल २०२२
  • श्रा० २। सू० १६॥ इससे पूर्व दक्षिण के बीच की दिशा का आग्नेयी, दक्षिण पश्चिम के बीच को नति, पश्चिम उत्तर के बीच को वायवी और उत्तर पूर्व के बीच को ऐशानी दिशा...
    ७५४ B (१३,४१७ शब्द) - ०३:२६, ४ अगस्त २०२३
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