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  • समीर-कुङ कुम क्षण-क्षण, सिहरे, बिहरे; फिर हँसे, फँसे। रंग गया प्रेम का अन्तराल, खुल गया हेम का जगजाल, तुल गई किरण, धुल गई झाल, जीवन-सकाल से सकल गसे। '४३...
    ४५५ B (७२ शब्द) - ०२:४०, २० मई २०२३
  • हाथिन के संग गाँड़े‌। काकी भूख गई बयारि भखि बिना दूध घृत माँड़े॥ काहे को झाला लै मिलवत, कौन चोर तुम डांड़े? सूरदास तीनों नहिं उपजत धनिया धान कुम्हाँड़े॥२५॥...
    ४८१ B (१०२ शब्द) - २३:२७, ३० जुलाई २०२०
  • महाश---दीक्षितजी! आज ब्राह्मणाची अशी मारामार झाली कि मी माँही सांगूँ शकत नाहीं---कोण तो पचड़ा!! बुभु०---खरें, काय मारामार झाली? अच्छा ये तर बैठकेंत पण आखेरीस आमचे...
    ५३६ B (१,६८४ शब्द) - १७:३३, १८ जुलाई २०२२
  • हिंदी १२२-१३४ दलि-काल १२३--३२५ १९३५---१२३ राजचंद्-कालु १२७-३२१ बेनी ग्रीन-झाल ६-१३० पद्मश्-काल ६३०-१३३ विचार १३२-३३४ अध्याय ५---घरिवर्तन कालिक हिंदी ....
    ४७४ B (१,८१९ शब्द) - ०९:१४, २० अप्रैल २०२१
  • संतोष न दे सका। मुझे इस बात का सदा दु:ख रहा है। फूटा बरतन कितना ही झाला जाय, अह झाला हुआ ही माना जायगा; नया जैसा साबित न होने पायेगा। यह कार्य भारत में...
    ३३० B (१,१३२ शब्द) - ०४:०८, ४ अगस्त २०२३
  • हुआ सो हुआ पर अब तुम यहाँ न रहो, कुटुंब समेत रौनक दीप में जा बसो। थह सुन झाली ने डरते काँपते कही―कृपानाथ, वहाँ जाऊँ सो गरुड़ मुझे खा जायगा, विसीके भय से...
    ३८३ B (८३९ शब्द) - ०७:५३, ३० नवम्बर २०२१
  • बात सुन सकल ब्रजबासी दूसरे दिन भोरके तड़के उठ, स्नान ध्यान कर, सब सामग्री झालों, परातो, थालो, डलो, हंडो, चरुओं में भर, गाडो, बहंगियो पर रखवाय गोवर्द्धन...
    ३९८ B (१,१६८ शब्द) - १६:०३, २ दिसम्बर २०२१
  • १८४ गत, मसीदखानी, रजाखानी ग्रह, लय विवरण ... ... १८५ जोड़ बालाप, ज़मज़मा, झाला लय की व्याख्या और उसे लिपिबद्ध करने का ... कृन्तन, मींड, सूत, तबला ... ....
    ३२६ B (१,५६९ शब्द) - १८:५८, ९ अगस्त २०२०
  • और हिम्मत का जोश तोप-बन्दूक, गोला-बारूद के सामने कब तक टिक सकता था। सरदार झाला ने जब यह रंग देखा तो चट छत्र वाहक के हाथ से छत्र छीन लिया और उसे हाथ में...
    ४१४ B (५,५०६ शब्द) - ०६:१७, २९ जुलाई २०२०
  • उस कोमल‌ किंचित रक ओष्टवाली को देखो कैसा‌ मन्द मन्द हंस रही है।देखो उसके झाले ओदने से उसके शरीर का रङ्ग कैसा झलक रहा है।मानो निर्मल नीलाम्बु में से पूर्ण...
    ६५८ B (१,२९१ शब्द) - १६:५०, २६ अक्टूबर २०१९
  • डिविया खुल जाने से दोनों के हाथ काले हो गए, दोनों ने अपने मुँह पर सिंदूर पोत झाला और टिकुलियां की डिबिया खुलकर वे सब बिखर गई । बस अब आपस में आईने पर झगड़ा...
    ४३१ B (१,६०६ शब्द) - १६:५५, २० दिसम्बर २०२१
  • को कितना चाहता हूँ और मन में छुरी रखी हुई है। घात मिले तो जान ही ले ले। झाला साँप है, छाला साँप। कठो स्वर में बोलो--तुम सुखके-सन वहाँ क्या करते हो ? घर...
    २४३ B (५,७०८ शब्द) - २२:२७, १३ जुलाई २०२०
  • मैंने व्याह नहीं किया है; किन्तु इतना मैं कह सकता हूँ कि आनन्द को इस गड़बड़ झाला में घोटना ठीक नहीं। अन्तरात्मा के उस प्रसन्न-गम्भीर उल्लास को इस तरह कदर्थित...
    २७२ B (७,२३९ शब्द) - ०८:०२, १९ जुलाई २०२०
  • उसके पास फिर न आये। इस बीच में उनके विचारों में बहुत कुछ अन्तर हो गया है। झाला-वाड़ पर आक्रमण होने के पहले मीराबाई को इसकी बिल्कुल ख़बर न थी। राणा ने इस...
    ३९५ B (५,६१९ शब्द) - १८:२२, २३ जुलाई २०२०
  • राजोतियावास, जैसलमेर; श्री रमेश थानवी, राजस्थान प्रौढ़ शिक्षण समिति, ७ए, झालना डूंगरी संस्थान क्षेत्र, जयपुर। इस अध्याय के नायकों की अधिकांश जानकारी मौखिक...
    ४४९ B (७,०८९ शब्द) - १४:०९, ३० मई २०२१
  • उसके साथ तैलप की बहिन मृणालवती से प्रेम हो गया। इस प्रसंग के दोहे देखिए–– झाली तुट्टो किं न मुउ, किं न हुएउ छरपुंज। हिंदइ दोरी बँधीयउ जिम मकड़ तिम मुंज॥...
    ६७० B (६,४८४ शब्द) - १७:३६, २७ जुलाई २०२३
  • जिसा अपतन हितरी सन् ९९१ विकासपत् १६४१ और शालिवाहन शव गवत् १५.४ में ४६५ वश झाले है। इससे जाना जाता है कि लखमनसेन रावत् विक्रमसयत् ११४६ और पाक राबत् १०४१...
    ४१४ B (४,५३४ शब्द) - ११:३२, २ अक्टूबर २०२०
  • भागवाली जो। दाली बहु फसल उसास की पे हाली अब। त्यागी हरी दाली ममता की झुकि झाली जो। लालो और लादिन की ढाली चहै ग्वाल कवि। राह ले निराली कही साहगुर हयाली जो।...
    ४१६ B (३,३३२ शब्द) - २२:०९, २२ अप्रैल २०२१
  • शांति-रस दब गया । ब्रजभाषा का अर भी बल दड़ा और अवधी दबने लगी ! उत्तराल कृत्त झाल में शुगर तथा रीति- वन की विशेष बल-वद्धि हुई और कथा एवं गद्य को भी चमत्कार...
    ३२१ B (५,२६२ शब्द) - ०९:३५, २० अप्रैल २०२१
  • यहभीखुशनश्यीबी हिंदुस्तान की थी सोदागरों के तहत से निकल कर ख़ास बादशाह के तहत में आया झाले पानी भी एम्परेस विक्टोरिया के खास रअय्यत कहलाये। कोई मुसलमान बादशाह होता...
    ३६२ B (३,८८१ शब्द) - ०९:३४, ६ मई २०२१
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