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  • नहिं जाय॥ कपट हेतु को प्रीति निरंतर नोइ चोखाई गाय। दूध फटे जैसे भइ काँजी, कौन स्वाद करि खाय? केरा पास ज्यों बेर निरंतर हालत दुख दै जाय। स्वाति-बूँद ज्यों...
    ५४७ B (१११ शब्द) - २१:००, २२ सितम्बर २०२०
  • शुक्ल [ १८५ ] राग सारंग ⁠मधुकर! तुम रसलंपट लोग। कमलकोस में रहन निरंतर हमहिं सिखावत जोग। अपने काज फिरत ब्रज-अंतर निमिष नहीं अकुलात। पुहुए गए बहुरै...
    ५७९ B (५८ शब्द) - ०८:४३, १५ सितम्बर २०२०
  • सदा ससि सीति। पुरवा पवन कह्यो नहिं मानत गए सहज बपु जीति॥ कुब्जा-काज कंस को मार्‌यो, भई निरंतर प्रीति। सूर बिरह ब्रज भलो न लागत जहाँ ब्याह तहँ गीति॥२२२॥...
    ५३३ B (६२ शब्द) - २१:५३, ९ सितम्बर २०२०
  • आनि चलाई॥ रूप न रेख, बदन, बपु जाके संग न सखा सहाई। ता निर्गुन सों प्रीति निरंतर क्यों निबहै, री माई? मन चुभि रही माधुरी मूरति रोम रोम अरुझाई। हौं बलि गई...
    ५४८ B (८० शब्द) - २३:४८, ६ अगस्त २०२०
  • तन बाय छरद। कीन्हीं प्रबल जगी अति, ऊधो! सोचन भइ जस पीरी हरद। सखा प्रवीन निरंतर हौ तुम ताते कहियत खोलि परद। काथ रूप दरसन बिन हरि के सूर मूरि नहिं हियो सुरद॥२०७॥...
    ४९५ B (८५ शब्द) - १६:३१, ३० जुलाई २०२३
  • पीताम्बर उर बनमाल॥ जनि डरियो तुम सघन बनन में ब्रजदेवी रखवार। बृन्दावन सो बसत निरंतर कबहुँ न होत नियार॥ उद्धव प्रति सब कही स्यामजू अपने मन की प्रीति। सूरदास...
    ४०० B (१२५ शब्द) - ०२:५०, ३० जुलाई २०२०
  • Indian Press, Ltd, Allahabad [ निवेदन ] निवेदन यह आत्मकहानी १३ महीनों तक निरंतर सरस्वती पत्रिका प्रकाशित होकर अब पुस्तकाकार रूप में प्रकाशित हो रही है।...
    ३९८ B (४३९ शब्द) - ०४:३३, १३ अक्टूबर २०२१
  • इस विषयकी चर्चा की थी और दक्षिण अफ्रीकानें तो मित्रोंके साथ उसकी चर्चा निरंतर हुआ ही करती थी । हम सब इस बातको मानते थे कि युद्ध अनीति-मय हैं । ऐसी हालतमें...
    ३५३ B (१,०८३ शब्द) - ०४:०९, ४ अगस्त २०२३
  • जायगी। यों श्रीमती सूर्य्यकुंभारी तथा श्रीमान् उमेदसिंहजी के पुण्य तथा यश की निरंतर वृद्धि होगी और हिंदी भाषा का अभ्युदय तथा उसके पाठकों को ज्ञान-लाभ। [ व्याख्यान-सूची ]...
    ५६९ B (६८३ शब्द) - ०८:१६, २४ जुलाई २०२३
  • कैसे बिसरावै? तुम जो कही सत्य सब बातें, हमरे लेखे धूरि। या घट-भीतर सगुन निरँतर रहे स्याम भरि पूरि॥ पा लागौं कहियो मोहन सों जोग कूबरी दीजै। सूरदास प्रभु-रूप...
    ५२७ B (५७ शब्द) - २३:३२, ११ सितम्बर २०२०
  • जोग सिखावन को हमैं आयो बड़ो निपट तू क्रूर॥ जा घट रहत स्यामघन सुन्दर सदा निरन्तर पूर। ताहि छाँड़ि क्यों सून्य अराधैं, खोवैं अपनो मूर? ब्रज में सब गोपाल-उपासी...
    ६४१ B (६३ शब्द) - ०९:३९, १४ सितम्बर २०२०
  • कछु नाहीं। नयन मूँदि चितवहु चित माहीं॥ हृदय-कमल में जोति बिराजै। अनहद नाद निरंतर बाजै॥ इड़ा पिंगला सुखमन नारी। सून्य सहज में बसैं मुरारी॥ मात पिता नहिं दारा...
    ५६९ B (३७७ शब्द) - २२:१४, २४ सितम्बर २०२०
  • ज़बान पर रहती है:--- "चहहु जु साँचो निज कल्यान। ⁠तौ सब मिलि भारत-संतान॥ जपो निरंतर एक जबान। ⁠हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान॥ तबहिं सुधरिहै जन्म निदान। ⁠तबहिं भलो...
    १ KB (५२२ शब्द) - १०:०८, ४ दिसम्बर २०१९
  • वैभव, आराम और शान्ति। इतना ही नहीं, यौवन और सम्मान भी। इतना मूल्य चुकाकर निरन्तर चालीस वर्षों की अर्जित अपनी सम्पूर्ण साहित्य-सम्पदा को मैं आज प्रसन्नता...
    ४६८ B (९५३ शब्द) - २१:२६, ३० नवम्बर २०२३
  • लखन समेता॥ जिनके श्रवण समुद्र समाना। कथा तुम्हारि सुभग सरि नाना॥ भरहिं निरंतर होहिं न पूरे। तिलके हिथ तुम कहँ गृह रूरे॥ लोचन चातक जिन करि राखे। रहहिं...
    ४४४ B (१,७९३ शब्द) - १७:०४, १३ दिसम्बर २०२१
  • में, मैंने इस विषय की चर्चा की थी श्रौर दक्षिण अफ्रीका में तो उसकी चर्चा निरन्तर हुआ ही करती थी। हम सब इस बात को मानते थे कि युद्ध अनीति-मय है। ऐसी हालत...
    ४४५ B (१,०१० शब्द) - १६:१७, ११ अगस्त २०२१
  • असीम प्रशंसा की है। अबतक वङ्गभाषामें आपकी कितनी ही पुस्तकें निकली हैं और निरन्तर निकलती जा रही हैं। आपके ग्रन्थोंके पाठकोंकी संख्या बहुत अधिक है। [ ७ ]अब...
    ४४७ B (६६८ शब्द) - ०१:४४, ४ अगस्त २०२३
  • सुन रहे थे। अुन्होने कहा "यह अिसलिअे कि हम निरन्तर निर्माण ही करते रहते है।" गाधीजी "अिसलिये कि हम निरन्तर पूर्णताके लिअे प्रयत्न करते रहते है। केवल अेक...
    २४८ B (४९८ शब्द) - २१:५३, ३१ जुलाई २०२३
  • अस्थायी सरकार ने उसकी रिहाई के लिए कहा। अपने प्रवास-काल में लैनिन से उसका निरन्तर सम्बन्ध बना रहा। जुलाई १९१७ मे उसने लैनिन की बोल्शेविक पार्टी में शामिल...
    ५२४ B (६७८ शब्द) - १६:४५, २७ जुलाई २०२१
  • १९०१ उपर्युक्त उद्धरण यह प्रमाणित करता है कि १२ वर्षीय छात्र के मन में निरन्तर कहानी विधा तैर रही थी और उसका प्रभाव उसके परिपक्व लेखन पर भी था और यही...
    ५३० B (३,०७१ शब्द) - १२:०८, २३ जुलाई २०२०
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