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  • सिंह लिख्यो कर जेहि भामिनी को करुन टरै। सूरदास ससि को रथ चलि गयो, पाछे; तें रबि उदय करै॥२९८॥ मन राखन को=मन बहलाने के लिए। चरै=चलता है। सिव-रिपु=कामदेव।...
    ६०१ B (८९ शब्द) - ००:०९, १७ सितम्बर २०२०
  • हाथसे निकल गया। पर कोई मुसलमान इस बातको नहीं मानता। वे यही कहकर अपने मनको बहलाया करते हैं कि यह सब-कुछ लुटेरोंकी बदमाशी है। हम अभी उन्हें सर किये डालते हैं।...
    २३१ B (६११ शब्द) - ०३:२३, २० मार्च २०२१
  • हाथ पैर दबाये नहीं आने देती। लेकिन बहली जुता देगा न? फत्तू--बेगार करने रथपर बैठ कर जायगी। हलधर--नहीं काकी, मैं बहली जुता दूंगा। सबसे अच्छी बहलीमें तुम...
    २४४ B (७१९ शब्द) - ०९:००, २९ मार्च २०२१
  • आत्मा के प्रति अभक्ति होगी। भोजन करना, साफ वस्त्र पहनना और मन को कुछ पढ़कर बहलाना भी उसे अनुचित जान पड़ता था। श्राद्ध के दिन उसने अपने सारे वस्त्र और आभूषण...
    ४०७ B (१,५०७ शब्द) - २०:३८, २९ जुलाई २०२३
  • मजूरोंका भोजन है। सांझ-सवेरे वायुसेवन करना चाहिये। कभी २ थियेटर देखकर मन बहलाना चाहिये। पर यहाँ इनमेंसे कोई भी सुख नहीं। यही होगा कि सूखते २ एक दिन जानसे...
    २५४ B (८९८ शब्द) - २१:३३, २८ मार्च २०२१
  • सदाशय मुनीम सत्यचरण मित्र के ऊपर ज़िमीदारी के सारे बोझ को डाल कर अपना जी बहलाने के लिये मैं देशभ्रमण को निकला। क्योंकि दुश्चारिणी विलासिनी ने मेरे हृदय-क्षेत्र...
    २८६ B (३,११६ शब्द) - १६:५६, ३१ जुलाई २०२३
  • में लोग कथा पुरान सुने सुनावे, साध संत आठो जाम हरिजस गावें। सारथी रथ घुड़ बहल जोत जोत राजद्वार पर लावे, रथी महारथी गजपति अश्वपति सूर बीर रावत जोधा यादव...
    २९९ B (६०८ शब्द) - ०८:३४, ५ दिसम्बर २०२१
  • रही हों रस में, रह न जायँ वे अपने वश में, रूप-राशि इस व्यथित हृदय-सागर को— बहला दो! अन्धकार उजला हो जाये, हँसी हंसमाला मँडराए, मधुराका आगमन कलरवों के मिस—...
    ४७६ B (६१८ शब्द) - १२:२७, १६ सितम्बर २०२१
  • विखेरना, यह उनका मुक्त दान है। उसे चाहे भ्रमर ले या पवन। चन्द्र॰—कुछ गाओ तो मन बहल जाय। [ १८५ ] [मालविका गाती है—] मधुप कब एक कली का है! पाया जिसमें प्रेम रस...
    ४८२ B (६६८ शब्द) - १२:४३, १६ सितम्बर २०२१
  • न ठिकाना है॥ ऐसी जिंदगानी के भरोसे पै गुमान ऐसे, ⁠देस देस घूमि घूमि मन बहलाना है। आए परवाना पर चलै ना बहाना, यहाँ, ⁠नेकी कर जाना, फेर आना है न जाना है॥...
    ७१४ B (१,९६४ शब्द) - ००:२१, २८ अक्टूबर २०२०
  • मनोरंजन नहीं करती, काल्पनिक को बिल्कुल वास्तविक बनाकर बालकोँ की तरह उनको बहलाना भी पड़ता है। वहाँ काव्य-रस में प्राणसंचार करनेवाली केवल विशल्यकरणी ओषधि...
    २१२ B (१,८२३ शब्द) - ०७:५७, ४ जुलाई २०२३
  • सोफी ने बिना सिर उठाये हो कहा—"हाँ।” इंदु—"तुम्हारा मन तो अपनी किताबों में बहल जायगा, मेरी याद भी न आयेगी पर मुझसे तुम्हारे बिना एक दिन न रहा जायगा।" सोफी...
    २०० B (२,९१६ शब्द) - १९:२९, ३१ जुलाई २०२३
  • वहाँ की अच्छी तरह सैर की और खा-पीकर निश्चिन्त होने के बाद इधर-उधर की बातों से उन तीनों का दिल बहलाने लगे और जब तक वहाँ रहे, उन लोगों को उदास न होने दिया।...
    ४०९ B (९४१ शब्द) - ०१:२९, ९ मार्च २०२१
  • इनकी ओर देख चतुराई कर चानूर बोला―सुनौ आज हमारे राजा कुछ उदास हैं इससे जी बहलाने को तुम्हारा युद्ध देखा चाहते हैं, क्योकि तुमने बन में [ १४१ ] रह सब विद्या...
    ४०७ B (८६६ शब्द) - १५:२७, ४ दिसम्बर २०२१
  • शाम को आऊं? जालपा-जाऊंगी तो मैं कहीं नहीं, मगर तुम आना जरूर। दो घड़ी दिल बहलेगा। कुछ अच्छा नहीं लगता। मन डाल-डाल दौड़ता-फिरता है। समझ में नहीं आता, मुझसे...
    ४०७ B (१,९१७ शब्द) - २०:४०, २९ जुलाई २०२३
  • [ १०७ ] कर लेते हैं। कुछ आदमी ताश खेलने लगते हैं और कुछ बात- चीत करके अपना जी बहलाते हैं। ऐसे मनचले आदमियों की भी कमी नहीं होती जो व्योमयान के एक भाग में लगे...
    ५६८ B (१,२४८ शब्द) - १५:५७, ९ नवम्बर २०२१
  • भाँति शान्तिपूर्वक यहीं वृद्ध होकर अपना जीवन बिता देता। मैंने यहाँ अपना जी बहलाने का भी प्रबन्ध कर लिया था। [ १५४ ]मेरा तोता मेरे साथ आत्मीयभाव से मीठी मीठी...
    ५५५ B (९३५ शब्द) - १४:०५, १९ नवम्बर २०२१
  • छोड़कर उसकी माँ मर गई थी। माँ के ग़म में गौहर दीवानी-सी हो गई। लाचार दिल बहलाने के लिए शेरअलीखाँ ने गौहर को आजाद कर दिया और वह थोड़े से आदमियों को साथ लेकर...
    ४१३ B (९४६ शब्द) - २२:१४, ५ नवम्बर २०२०
  • कर आप हमलोगों का खेद दूर करें। [ ७१ ] सबदेवता। क्योंकि नाथ ! आपही के मन बहलाने के लिए आज यह सभा की गई है कि जिसमें आपका चित्त प्रसन्न हो और हमलोगों के...
    ३६३ B (७५९ शब्द) - १२:०६, १२ मई २०२१
  • उसी प्रकार उस मंण्डी मे कोई प्रेम का सौदा करने नही आता, सब लोग केवल मन बहलाने के लिये आते है। इस प्रेम के भ्रम मे मत पड़। अरुणोदय के समय सुमन को नींद...
    २०० B (९९५ शब्द) - ०८:१०, २७ जुलाई २०२३
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