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  • सज्जनों को धन्यवाद है:— श्रीयुत ला॰ पृथ्वीसिंह जी जैन सर्राफ व बाबू नरेन्द्रकुमार जी जैन बी॰ ए॰ देहरादून, श्रीयुत ला॰ त्रिलोकचन्द जी जैन रईस देहली, श्रीयुत...
    ४३६ B (७६१ शब्द) - ०६:४९, ११ सितम्बर २०२१
  • कर के पॉच की धूलि लाना । थोड़ी सी भी चरणरज जो ला न देगी हमे तू । हा। कैसे तो व्यथित चित को वोध में दे सकेंगी ।।७७॥ [ १४१ ] ⁠जो ला देगी चरणरज तो तू वड़ा...
    ३५१ B (२,८८२ शब्द) - १६:५४, १२ अक्टूबर २०२०
  • --- ग ग रे --- स - नि ---- र द नीs | र ६ मा ६ ला 5 के ६ ग रे स ---- | रे रे म --- १ -- ध ध ड प ले च १ ला 5 सी 5 भ य 4) As to E अन्तरा = =-=-=- =- ध १ मप...
    ५४१ B (२,१११ शब्द) - १८:१९, १७ सितम्बर २०२१
  • साहित्यरत्न, अधखिला फूल, प्रियप्रवास, चुभते चौपदे आदि के रचयिता ख ङ्ग वि ला स प्रे स बा कर गंज, पटना मूल्य १॥) [ ५ ]   कॉपीराइट [ वक्तव्य ] वक्तव्य मैं...
    ४७४ B (९०४ शब्द) - ०४:३५, ५ अप्रैल २०२१
  • कभी नहीं हुआ था। पहले मेरा विचार आधुनिक काल को 'द्वितीय उत्थान' के आरंभ तक लाकर उसके आगे [ ७ ]की प्रवृत्तियों का सामान्य और संक्षिप्त उल्लेख करके ही छोड़...
    ५९७ B (२,९१६ शब्द) - ०९:२६, १२ सितम्बर २०२०
  • आदान-प्रदान की यह प्रक्रिया विपरीत देश/ काल/भाषा। संस्कृति के लोगों को कितना समीप ला सकती है, इस उपन्यास के पात्रों के माध्यम से बखूबी ना॰ पा॰ ने कहा है। धर्म...
    ३९३ B (१,१५६ शब्द) - १४:५७, २४ अप्रैल २०२१
  • अवलंब । दीनदयाल जब कभी प्रयाग जाते, तो जालपा के लिए कोई-न-कोई आभूषण जरूर लाते। उनकी व्यावहारिक बुद्धि में यह विचार ही न आता था कि जालपा किसी और चीज से...
    ३७७ B (१,०४२ शब्द) - २०:४०, २९ जुलाई २०२३
  • सुन श्रीकृष्णचंद मुसकुराये तद ब्रह्मा ने सब ग्वाल बाल औ बछड़े सोते के सोते ला दिये और लज्जित हो स्तुति कर अपने स्थान को गया। जैसी मंडली आगे थी तैसी ही बन...
    ३९१ B (२२२ शब्द) - ०७:५२, ३० नवम्बर २०२१
  • तुम्हारे शिर पर सैकड़ों बलाएँ ला डालेगा। ५—जब कोई भाई बन्धु तुम्हारे प्रतिकूल विद्रोह करे तो वह तुम पर अनगिनते सकट ला सकता है यहा तक कि उनसे स्वयं तुम्हारे...
    ६११ B (५०९ शब्द) - ११:१२, १० सितम्बर २०२१
  • रहेंगे?” श्यामाने उत्तर दिया—“कल शामको चले जायेंगे। आहा आज रातको भी यही औषधि लाकर रख लेती तो भी उन्हें वश कर मनुष्य जन्म सार्थक कर सकती। कल रातको निकली तो...
    २६६ B (८९० शब्द) - १२:४८, १५ अक्टूबर २०१९
  • मनुष्य के हृदयस्थ प्रत्येक भावों को कागज पर अपनी लेखनी द्वारा मूर्ति की भाँति लाकर खड़ा कर दे वह सच्चा नाटककार नहीं हो सकता और न उसके लिखे नाटक, नाटक की श्रेणी...
    ४१९ B (६६५ शब्द) - ०९:०४, २९ मार्च २०२१
  • नहीं जाया जायगा। लाचार लज्जा और संकोचवश गौरी ठकुराइनने आंचलको कानके पास लाकर हाथसे पकड़ रखा और आगेसे आठ हाथकी साड़ी पहननेकी मनही मन प्रतिज्ञा करते हुए...
    २४४ B (१,८७२ शब्द) - ०३:२३, २० मार्च २०२१
  • वर्ण-आश्रम-गत महाभय, जाति-जीवन हो निरामय वह सदाशयता प्रखर दो। फूल जो तुमने खिलाया, सदल क्षिति में ला मिलाया, मरण से जीवन दिलाया सुकर जो वह मुझे वर दो।...
    ४६३ B (७४ शब्द) - १२:२०, २४ अप्रैल २०२३
  • सुकुमारीके कपड़ोंकी गठरी, गहनोंका सन्दूक, बाल बांधनेके फीते खिलौने आदि ला लाकर जीवानन्दके आगे फेंकने लगी। सुकुमारी आप ही उन सब चीजोंको सहेजने लगी। वह...
    २४४ B (५०२ शब्द) - ०३:२३, २० मार्च २०२१
  • घायल हुए। इस घटना के बाद पंजाब के कई नगरो और ज़िलो में फ़ौजी शासन (मार्शल-ला) जारी होगया। पंजाब में इन दिनो अन्धाधुन्ध दमन-चक्र चला। इस अमानुषिक हत्याकाण्ड...
    ५६४ B (२३३ शब्द) - १३:२१, २६ जुलाई २०२१
  • बनाई। अब रही नाला खोद कर लाने की बात। सो मैंने छः फुट चौड़ा और चार फुट गहरा नाला खोदना शुरू कर दिया। आधा मील नाला खोदकर पानी लाने में मुझे दो वर्ष लगे। किन्तु...
    ४७६ B (१,१८७ शब्द) - १०:३५, १९ नवम्बर २०२१
  • गोपालशरणसिंहजी कवित्तों और सवैयों में खड़ी बोली का बहुत ही मँजा हुआ रूप सामने ला रहे हैं। उनकी रचनाओं को देखकर खड़ी बोली के मँज जाने की पूरी आशा होती है। खड़ी...
    ६५८ B (१,६४८ शब्द) - १७:३८, २७ जुलाई २०२३
  • तरुण ने भी फुर्ती से बाण को धनुष पर चढ़ा लिया। फिर उसने तरुणी के बराबर अश्व लाकर कहा—"सावधान रहना, यदि लक्ष्यच्युत हुआ तो पशु सीधा अश्व पर आएगा। हां, अब बाण...
    ४३७ B (२,२७७ शब्द) - १४:३६, २७ जुलाई २०२०
  • रिसाय रही तब मैने यह प्रतिज्ञा करी कि तू उदास मत हो मैं तुझे कल्पवृक्षही ला दूँगा, सो अपना बचन प्रतिपालने को और तुझे बैकुण्ठ दिखाने को साथ ले चलता हूँ।...
    ४८५ B (२,५७० शब्द) - १६:५५, ४ दिसम्बर २०२१
  • कोने में वह काँवर रक्खी हुई थी, जिस पर पानी ला-लाकर वह इस बृक्ष को सींचते थे। उन्होंने काँवर उठा ली और पानी लाने लगे। दो दिन से कुछ भोजन न किया था। रात को...
    ४४२ B (३,९११ शब्द) - ०६:१२, २९ जनवरी २०२२
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