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कहीं आपका मतलब क्या कर तो नहीं था?
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  • स्थिर, पार कर जीवन निरन्तर रहे बहती भक्ति-वरुणा। [ १५ ]  भाव जो छलके पदों पर, न हों हलके, न हों नश्वर। चित्त चिर-निर्मल करे वह, देह-मन शीतल करे वह, ताप सब...
    ४३४ B (१५० शब्द) - ०६:०५, ४ जुलाई २०२३
  • रामचंद्र शुक्ल 134774भ्रमरगीत-सार1926रामचंद्र शुक्ल [ १६४ ] राग कल्याण ऊधो! भली करी अब आए। विधि-कुलाल कीने काँचे घट ते तुम आनि पकाए॥ रंग दियो हो कान्ह साँवरे...
    ५४९ B (८० शब्द) - २१:२७, ९ सितम्बर २०२०
  • विषय-क्रम सूची अध्याय(मूल पुस्तक में नहीं) अनुक्रम भूमिका वक्तव्य १-पहिले करि परनाम नंद सों समाचार सब दीजो २ कहियो नन्द कठोर भए ३ तबहिं उपंगसुत आय गए ४-हरि...
    ४ KB (६९४ शब्द) - १९:३०, २० अक्टूबर २०२१
  • रामचंद्र शुक्ल 131027भ्रमरगीत-सार1926रामचंद्र शुक्ल [ १५१ ] ऊधौ! बिरहौ प्रेमु करै। ज्यों बिनु पुट पट गहै न रंगहिं, पुट गहे रसहि परै॥ जौ आँवौ घट दहत अनल तनु...
    ५२५ B (११६ शब्द) - १६:०९, ३० अगस्त २०२०
  • शुक्ल [ २०५ ] ⁠जदपि मैं बहुतै जतन करे। तदपि, मधुप! हरि-प्रिया जानि कै काहु न प्रान हरे॥ सौरभ-युत सुमनन लै निज कर संतत सेज धरे। सनमुख होति सरद-ससि, सजनी...
    ५७३ B (१०८ शब्द) - १७:४४, २० सितम्बर २०२०
  • त्रिपाठी 'निराला' दलित जन पर करो करुणा 174201अणिमा — दलित जन पर करो करुणा1943सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' [ १४ ]   दलित जन पर करो करुणा। दीनता पर उतर आये प्रभु...
    ४०५ B (६९ शब्द) - १२:०७, २४ अप्रैल २०२३
  • करमचंद गाँधी74077सत्य के प्रयोग1948हरिभाऊ उपाध्याय [ २७४ ] चौथा भाग १ किया-कराया रवाहा ? मिस्टर चेंबरलेन तो दक्षिण अफ्रीकासे साढ़े तीन करोड़ पौंड लेने के...
    ३६४ B (९९२ शब्द) - ०४:०८, ४ अगस्त २०२३
  • शुक्ल [ ८६ ] भ्रमरगीत-सार श्रीकृष्ण का वचन उद्धव-प्रति राग सारंग पहिले करि परनाम नंद सों समाचार सब दीजो। और वहाँ वृषभानु गोप सों जाय सकल सुधि लीजो॥...
    ४०० B (१२५ शब्द) - ०२:५०, ३० जुलाई २०२०
  • शुक्ल [ १२७ ] राग सारंग ऊधो! तुम अपनो जतन करौ। हित की कहत कुहित की लागै, किन बेकाज ररौ? जाय करौ उपचार आपनो, हम जो कहत हैं जी की। कछू कहत कछुवै कहि...
    ५५१ B (९३ शब्द) - १३:१९, १२ अगस्त २०२०
  • 125316भ्रमरगीत-सार1926रामचंद्र शुक्ल [ १२९ ] राग सारंग ऊधो! ब्रज में पैठ करी। यह निर्गुन, निर्मूल गाठरी अब किन करहु खरी॥ नफा जानिकै ह्याँ लै आए सबै बस्तु...
    ६४९ B (६२ शब्द) - ०१:२२, १४ अगस्त २०२०
  • द्वारा रामचंद्र शुक्ल 132092भ्रमरगीत-सार1926रामचंद्र शुक्ल [ १५५ ] ऊधो! भली करी गोपाल। आपुन तौ आवत नाहीं ह्याँ, वहाँ, रहे यहि काल॥ चन्दन चन्द हुतो तब सीतल...
    ५५७ B (७२ शब्द) - १७:४९, १ सितम्बर २०२०
  • आवश्यक समझा गया कि अनुवाद किसी एक व्यक्तिसे कराया जाय। यह निर्णय होते ही मैंने भूखे भिखारीकी तरह, झपट कर, अनुवादका भार अपने सिरपर ले लिया। सचमुच, वह दिन...
    ५४६ B (९०७ शब्द) - २२:५१, १ अक्टूबर २०२०
  • रामचंद्र शुक्ल 132626भ्रमरगीत-सार1926रामचंद्र शुक्ल [ १५६ ] राग सारंग ऊधो! हरि करि पठवत जेती। जौ मन हाथ हमारे होतो तौ कत सहती एती? हृदय कठोर कुलिस हू तें अति...
    ५८३ B (७१ शब्द) - १९:४७, २ सितम्बर २०२०
  • शुक्ल 139377भ्रमरगीत-सार1926रामचंद्र शुक्ल [ २०७ ] राग सारंग ⁠बारक कान्ह करौ किन फेरो? दरसन दै मधुबन को सिधारो, सुख इतनो बहुतेरो॥ [ २०८ ] भलेहि मिले बसुदेव...
    ५६७ B (७९ शब्द) - ०२:१९, २१ सितम्बर २०२०
  • राच्यो आय। टूटी जुरै बहुत जतनन करि तऊ दोष नहिं जाय॥ कपट हेतु को प्रीति निरंतर नोइ चोखाई गाय। दूध फटे जैसे भइ काँजी, कौन स्वाद करि खाय? केरा पास ज्यों बेर निरंतर...
    ५४७ B (१११ शब्द) - २१:००, २२ सितम्बर २०२०
  • अप्रसिद्ध और साधारण कोटि की बहुत सी पुस्तके भी इधर-उधर कोनों में पड़ी मिल जाया करे। प्रसिद्धि भी किसी काल की लोक-प्रवृत्ति की प्रतिध्वनि है। सारांश यह कि इन...
    ५९७ B (२,९१६ शब्द) - ०९:२६, १२ सितम्बर २०२०
  • राज्य-कोप में वृद्धि के लिए जिन करो की व्यवस्था-सरकार-करती है, उनमे से एक अतिरिक्त लाभ-कर (Excess Profit Tax) भी हैं। यह कर पँजीपतियो पर लगाया जाता है ।...
    ४४३ B (१५४ शब्द) - १७:३८, २३ जुलाई २०२३
  • का प्रयत्न किया गया है और आशा है कि पाठकगण इससे लाभ उठाकर मुझे अनुगृहीत करेंगे। [ समर्पण ]   समर्पण   पूज्य मातामहगोलोकवासी   भारतेंदुजी   के   अनुज  ...
    ७६३ B (५५७ शब्द) - १४:३४, १७ जुलाई २०२२
  • जीवन की केवल एक-तरफा बातें देने के लिए मेरे अमरीका-निवासी मित्र मुझे क्षमा करेंगे। अमरीका इस पुस्तक का विषय नहीं था। मैंने वहाँ के जीवन की कुछ दशाओं का वर्णन...
    ३२३ B (८३२ शब्द) - ०३:३७, १८ नवम्बर २०२०
  • इधर की सभी कहानियों से श्रेष्ठ और अत्यन्त सामयिक है।” परन्तु हम यह निवेदन करेंगे कि पाठकगण अन्य चार कहानियों को पढ़ें और देखें कि 'कप्तान साहब', 'ज़िहाद'...
    ५०७ B (४५२ शब्द) - ०६:४५, २१ सितम्बर २०२१
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