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  • हिन्दू राज्यों से ज़बर्दस्त था। सन् १३३६ ई॰ में [ १२९ ] इसकी नीव पड़ी थी और २३० बरस के लगभग अर्थात् १५९५ ई॰ तक यह राज्य बना रहा। कृष्णा नदी से लेकर रासकुमारी...
    ६६० B (९९३ शब्द) - ०५:१४, १६ सितम्बर २०२०
  • संस्कृति पर प्रभाव, १६६-१६७; कवि परिचय, १६८-२३०; सूफी रचनाओं के अतिरिक्त भक्तिकाल के अन्य आख्यान-काव्य, २३०-२३१ । [ विषय-सूची ] उत्तर मध्यकाल रीतिकाल(१७००-१९००)...
    ४०२ B (२,४११ शब्द) - १७:४६, २७ जुलाई २०२३
  • जायगा। मुसलमान और ईसाइयों की तरह भगवान् को प्रलय के बिन सब के पोथे खोलने पड़ेंगे। मेरे बतलाए हुए भक्तों की पूर्व संचित पापराशि पूर्व जन्म में ही अधिकांश...
    २७६ B (२,४४३ शब्द) - ११:३२, २८ जुलाई २०२३
  • कमी है। इसमें मूर्तियों की प्रचुरता नहीं है। सिर्फ १७० मूर्तियाँ भीतर और २३० बाहर हैं। इसके चबूतरे की दीवारों पर नक्काशी का काम बहुत अच्छा है। कही पर...
    ६२० B (३,०३७ शब्द) - १९:०३, १३ दिसम्बर २०२०
  • चन्देल राजा ईन परिहार क्षितपाको कन्नोजक गद्दी पर बिठाया 1 इस में मर्तत ना !) Ep Ind Ft fr, [ २३० ]________________ पाल-वंश। | है कि आपने भी धर्मपालकी सहायता...
    ३९५ B (४१,५६३ शब्द) - ०१:४०, ३० जुलाई २०२३
  • बढ़ [ २३० ]रही है––बर्लिन में यह १७ प्रतिशत और कुछ दूसरे नगरों में इससे भी अधिक है––बरन आधी या उससे अधिक विवाहितायें भी अपने विवाह-सम्बन्ध से पूर्व ही गर्भ...
    ५३५ B (१३,०४४ शब्द) - ०४:५६, २३ नवम्बर २०२०
  • any amount, both for its originality and for its postical beauty." [ २३० ] ( २३० ) और फ़ाजिलशाह भी हुये । इन लोगों ने भी अवधी भाषा में प्रेम-मार्गी कवियों...
    ८१५ B (५,६३७ शब्द) - ०७:१७, ८ जुलाई २०२१
  • सम्बन्ध में जोन ब्राइट का व्याख्यान मार्च १८५९। 'उन्नत-शील ब्रिटिश भारत' पृष्ठ २३०। "गिरवी साम्राज्य" ए॰ जी॰ विलसन-लिखित, लंदन (१९११) पृष्ठ ६४-६५ *"भारत का...
    ४८५ B (८,३९५ शब्द) - ०५:२२, २३ नवम्बर २०२०
  • वि सं. ५७ ) में होना मान कर इस मंघन के गत वर्ष स्थिर किये परंतु अब बहुत से विद्वानों का मानना यह है कि ईसा का जन्म ई स पूर्व ८ से ४ के बीच हुआ था न कि ई...
    १३० B (१,३७,२३१ शब्द) - १९:४७, १२ फ़रवरी २०२१
  • हुई― (१) हस्तलिखित हिंदी पुस्तको का संक्षिप्त विवरण (ना० प्र० सभा १९२३) [ २३० ]⁠(२) अशोक की धर्मलिपियाँ―पहला खड (ना० प्र० सभा १९२३)। यह पुस्तक पंडित गौरीशंकर...
    ५३८ B (६,१६० शब्द) - ०४:२९, १३ अक्टूबर २०२१
  • ने मुझे काट लिया। हाय! हाय रे!! अरे कहाँ काट लिया? अरे कोई भा० ना०---८ [ २३० ]दौड़ के किसी गुनी को बुलाओ जो जिलावे बच्चे को। अरे वह सॉप कहाँ गया, हमको...
    ५११ B (६,५७१ शब्द) - १६:५४, १८ जुलाई २०२२
  • मर्यादा ( पत्रिका } १२६ . मल्लिका देवी या बैंगसरोजिनी ५०० मंगलघट ६१३ महात्मा ईसा ५५६ ,, मंगलप्रभात ५४२ महादे-गोरख-संवाद १८ पडोवर का वर्णन ४१३ महाभारत ४४६ :...
    ३९६ B (३,२९१ शब्द) - १७:३५, २७ जुलाई २०२३
  • जराए और वसायल (विशाल साधनों) पर घमंड है, तो हम भी कुछ ऐसे हेठे नहीं है।' [ २३० ] हमे मौलाना अबदुल हक-जैसे वयोवृद्ध, विचारशील और नीति- चतुर बुजुर्ग के कलम...
    २९१ B (६,८२९ शब्द) - ००:४६, ४ अगस्त २०२३
  • वह चुप हो जाता है। उसका चेहरा पीला और मुरझाया हुआ है। उम्र भी ज़्यादा [ २३० ]हो गई है। आँखें अस्थिर हो रही हैं। कपड़े पुराने और फटे हैं।] [स्वीडिल ख़ुशी...
    २२० B (५,७९१ शब्द) - ०२:२९, २५ अगस्त २०२१
  • मौका ही नहीं मिला। मैंने जब होश संभाला तो पूर्व ही ज़्यादा समझा। उसी में पला बढ़ा। मुझे यह नहीं मालूम कि यह पूर्व कहलाता था और वह पाश्चात्य है। वह खिड़की...
    ६०६ B (२२,६४५ शब्द) - १६:५०, २० नवम्बर २०२०
  • का वचन दिया था पर खर्च इस प्रकार हुआ- सवत् आय व्यय १९८६ १३७१ ९०६ १९८७ ७२८ १९८८ १९८८ ७३ २६५३ १९८९ ७९४ २४०७ १९९० ४१२ १०५३ १९९१ २३० ९२७ १९९२ ४५७ ११९१ [ २६० ]...
    ३९२ B (१०,६७२ शब्द) - ०४:२८, १३ अक्टूबर २०२१
  • बांसवाड़ेको विलायत तस २४५ कोस और चौड़ाई चंदेरीसे नंदखार परगनेतक २३० कोसको है। इसके पूर्वने बांधोंको विलायत उत्तरमें नरवरका किला दक्षिण ब- गलाना और पश्चिममें...
    १२८ B (७४,४४७ शब्द) - १७:३०, १३ फ़रवरी २०२१
  • समा गए। एक क्षण कई स्त्री-पुरुष डूबते-उतराते दिखाई दिए, फिर निगाहों से [ २३० ] ओझल हो गए। केवल एक उजली-सी चीज किनारे की ओर चली आ रही थी। वह एक रेले में...
    २१४ B (२८,७४६ शब्द) - १७:२४, २६ जुलाई २०२३
  • बड़ा भरोसा है कि राम दयालु हैं। तुलसी के कोई संयम नहीं है। इस दास को सदा नाम ही का आचार है। [ २३० ] पाइ सुदेह बिमोह-नदी-तरनी लही, करनी न कछू की। राम-कथा बरनी...
    ३३१ B (५८,७७८ शब्द) - १४:४३, ५ अगस्त २०२१