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  • सुजान1944बालकृष्ण भट्ट [ ११८ ] __________ इक्कीसवाँ प्रस्ताव खल उघरे तत्काल । मसल है 'सबेरे का भूला सॉझ को आवे, तो उसे भूला न कहना चाहिए।" दूसरे दिन चंदू बाबुओं...
    ३९३ B (४४२ शब्द) - ०८:१९, १६ अक्टूबर २०२१
  • दिखलाती थी। माथे के बाल कुल श्वेत हो गए थे बरन टूट२ झरते भी जाते थे और वही मसल थी कि 'सौंच के पानी नाहीं नाम दयीवसिंह।' नाम तो इनका विद्या दिग्गज था परन्तु...
    ५०१ B (६७० शब्द) - १९:४४, २६ जुलाई २०२३
  • दौरि फिरे खिदमतदारी में॥२॥ कवित्त मानिक तें मोतिन तें मंडित मुकेसनते। मृदु मसले दंता की उपमा मिले नहीं। तापर विराजमान राधा मह महरानी। तहाँ सुरतिय तुंग दौरत...
    ४२४ B (४५० शब्द) - २१:३३, २२ अप्रैल २०२१
  • लोग हैं निबल को ही। गो सबल बार बार खलते हे॥ जब गये फूल हो गये मसले। सग को पाँव कब मसलते हैं॥ नीच से नीच क्यों न हो कोई। है न ऊँचे टहल-समय टलते॥ पॉव जब...
    ३६३ B (१,५८५ शब्द) - २०:१८, ३१ मार्च २०२१
  • बाबुओं को दुलका लाने और गढ़कर अपना ही-सा बना देने के लिये मानो औजार हुई। मसल है "एक तो तित लौकी, दूसरे चढी [ ६७ ]नीम" ये बाबू लोग तो यों ही यौवन और धन...
    ३८७ B (९४४ शब्द) - १४:४८, १५ अक्टूबर २०२१
  • रहा नोचता न कोमल दल। कब न कर फलबिहीन कल पाया॥ हाथ-खल इन अबोल फूलों पर। मल मसल कब नही बला लाया॥ फूल सा सुन्दर फबीला औ फलद। क्यों बँधे छिद बिध गये पामाल...
    ३२३ B (८४९ शब्द) - २१:३२, ३१ मार्च २०२१
  • कि हिन्दुस्तान अहिंसा के ज़रिये आज्ञादी हासिल कर लेगा। अब रहा ब्रिटेन का मसला। कांग्रेस ने उसे कोई परेशानी में नहीं डाला है। मैं यह घोषित कर चुका हूँ कि...
    ३७९ B (१,०९८ शब्द) - १५:५७, ११ अगस्त २०२१
  • में बात पैदा कर देना अॅगरेजी ही कानून हमे सिखाता है। पर तोफगी तो यह, जैसा मसल है "चोर से कहो चोरी करे, शाह से कहो जागता रहे।" इसी का नाम है। हमे क्या,...
    ३९३ B (१,०३४ शब्द) - ०८:१३, १६ अक्टूबर २०२१
  • गये तो बैठ जाइये। विलास-सुंदरी ! इतना निष्ठुर विभ्रम | इतनी अंतरात्मा को मसलकर निचोड़ लेने वाली रुखाई ! तभी तुम्हारे सामने हार मानने की इच्छा होती है ।...
    २४८ B (९०४ शब्द) - ०२:२९, ३० मार्च २०२१
  • जाल की तरह फैल जावो। जहां कहीं कोई शत्रु नजर जाये, उसे वहीं चींटीको तरह मसल डालना।" कम्पनीके सिपाहियोंमेंसे कोई गांजेका दम लगाकर और कोई शराब पीकर बन्दूक...
    २१२ B (१,०२८ शब्द) - ०३:२३, २० मार्च २०२१
  • हों, बचा रहना खूदा के हाथ में है. इसोलिये अलमद लोग फूॅक-फूॅक पॉव रखते हैं। मसल है 'सॉच को ऑच क्या?" अगर आप इसमे है नहीं, तो डर किस बात का | "कर नहीं, तो...
    ३९३ B (१,१७१ शब्द) - १५:३७, १५ अक्टूबर २०२१
  • पर्वत खोदकर चुहिया निकालने के तुल्य समझता हूँ। वयस प्राप्त हो जाने पर यह मसला एक महीने में आसानी से तय किया जा सकता है। मैं अनुभव से कह सकता हूँ कि युवावस्था...
    ६०३ B (४,४५९ शब्द) - १०:३४, २२ मई २०२०
  • राजनीतिकी गुंजाइश न हो वहां राजनैतिक रूप दे-देने से “माया मिली न राम वाली मसल होती और इस तरह विषयोंका स्थानांतर न करनेसे दोनों सुधरते हैं, यह मैंने बहुत...
    ३१४ B (१,१५५ शब्द) - ०४:०७, ४ अगस्त २०२३
  • है । हम न उस रग को बदल देखें ॥ फूल से वह कही मुलायम है । चाहिये दिल न मल मसल देवें ॥ हम उसे ठीक ठीक ही रक्खे । औ उसे ठीक राह बतलावें ॥ चाहिये दिल उड़ा...
    ३८२ B (१,१४० शब्द) - १७:२७, ३१ मार्च २०२१
  • उसे कसर कब थी॥ सब भला क्यों न वह मुकुत पाता। कान की लौ सदा लगी जब थी॥ जब मसलता दूसरों का जी रहा। आँख में तुझ से न जब आई तरी॥ दे सकेंगी बरतरी तुझ को न तब।...
    ३३७ B (१,२५३ शब्द) - २०:४१, ३१ मार्च २०२१
  • हुए विदेशी संकर क़िस्मों का विरोध किया था। विरोध का यह पहला अंकुर उसी समय मसल दिया गया। श्री रिछारिया को धान शोध के रायपुर और [ ९२ ] कटक केंद्रों से बाहर...
    ६४२ B (१,८३८ शब्द) - १६:४६, २० नवम्बर २०२०
  • इसका सहन न कर सके और बोले-‘मिस्टर एडवोकेट जेनरल, यह कहने का साहस करना कि इस मसले पर व्यापक और सङ्कपूर्ण ‘मोहन उनला' में कोई फैसला नहीं है, इस पूजनीय विधान...
    ५५५ B (२,५९५ शब्द) - ०५:१९, २९ जुलाई २०२०
  • मक्खी पिस जाती है, वैसे ही दोनों सन्तान-सेनाओं के बीच पड़कर राजकीय सेना मसल डाली गयी। एक भी प्राणो जीता न बचा, जो वारन हेस्टिंग्जके पास संवाद लेकर जाय।...
    २५० B (१,३८८ शब्द) - ०३:३५, २० मार्च २०२१
  • सदस्य ने रंगरेज का पक्ष लिया, कुछ ने सदस्य के पिता का व्यवहार ठीक बताया। इस मसले को लेकर काफी वाद-विवाद हुआ।---यहाँ तक के गाली गलौज की नौबत पहुँच गई। दोनों...
    ३६९ B (१,८३८ शब्द) - २३:१२, २ अगस्त २०२०
  • ॥ चाहता है यह मेरा जी। रजक की खिचवाले रसना ॥६०॥ प्रमादी होंगे ही कितने । मसल मैं उनको सकता हूँ। क्यों न बकनेवाले समझे । बहक कर क्या मैं बकता हूँ ॥६१॥...
    ४१३ B (२,०५९ शब्द) - १७:५५, २१ दिसम्बर २०२१
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