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  • कौड़ी कौड़ी चुकाय बिदा हो जुहार कर अपनी बाट ली। जोही जमुना तीर पै आए तोही समाचार सुन बसुदेवजी आ पहुँचे। नंदजी से मिल कुशल क्षेम पूछ कहने लगे―तुम सा सगा औ...
    ३४१ B (५६३ शब्द) - ०३:००, २५ नवम्बर २०२१
  • प्रकार माधुर्य-भावना को लेकर चली हैं जिस प्रकार और छायावादी कवियों की। 'रेखा' नाम की कविता में कवि ने प्रथम प्रेम के उदय का जो वर्णन किया हैं वह सर्वत्र...
    ६४४ B (१,१९६ शब्द) - १७:३८, २७ जुलाई २०२३
  • आज तक अपनी प्रारब्ध से बच रहे हैं और जद से नारद मुनि आय आप के होने का सब समाचार बुझाय के कह गये हैं, तद से बसुदेव जी को बेड़ी हथकड़ी में महा दुख में रक्खा...
    ४४१ B (१,०५४ शब्द) - १४:४४, ४ दिसम्बर २०२१
  • के सहश ही होता था। फिर महावेदी के मध्य भाग मे ओणी-रेखा खींची आती थी । मध्य से अंश तक उस सुव्यक्त रेखा का नाम "पृष्ठ्या" होता था। महावेदी के उत्तरांश के...
    ५२७ B (२,७८७ शब्द) - १८:११, २७ नवम्बर २०२१
  • हाउस' के बरामदे में बैठकर उस दिन का समाचार-पढ़ रहा था। माधवी कार से उतरकर उसके सामने जा खड़ी हुई तो उसने समाचार-पत्र से सिर उठाकर देखा और पूछा, 'बड़ी...
    ३१८ B (१,७५६ शब्द) - ००:१५, २६ अप्रैल २०२१
  • हिन्दू और मुसल्मान जो चाहें शौक से संस्कृत, अरबी और फ़ारसी पढ़ सकते हैं। पर समाचार-पत्रों, मासिक पुस्तकों और सर्वसाधारण के लिए उपयोगी पुस्तकों में जहाँ तक...
    २७३ B (३,५२३ शब्द) - ०४:२९, २१ जुलाई २०२३
  • [ १४२ ] अंधों में शिक्षा की अब इतनी उन्नति हो गई है कि उन्होंने दो साप्ताहिक समाचार-पत्र निकालने शुरू किए हैं। एक का नाम है 'वीकली समरी', दूसरे का 'ब्रेली वीकली'।...
    ५५४ B (२,१९३ शब्द) - २२:५०, १५ अगस्त २०२०
  • सौ अपराध सहूँगा, क्योकि मैने वचन हारा है। सौ से बढ़ती न सहूँगा, इसलिए मै रेखा काढ़ता जाता हूँ। महाराज, इतनी बात के सुनतेही सब ने हाथ जोड़ श्रीकृष्णुचंद...
    ४४१ B (१,४९० शब्द) - ०८:४०, ५ दिसम्बर २०२१
  • डरते-डरते खोलते थे। समाचार पत्रों को खोलते हुए उनके हाथ कांपने लगते थे। विद्या के पत्र रोज आते थे। उन्हें पढना ज्ञानशंकर के लिए अपनी भाग्य रेखा पढ़ने से कम [ २९६ ]रोमांचकारी...
    २८९ B (१,८५१ शब्द) - २०:०८, १४ जनवरी २०२४
  • वस्त्राभूषण में भी उसे विशेष रुचि न थी। अतएव, जब मुझे देवनाथ के स्वर्गारोहण का समाचार मिला, और मैं भागा हुआ दिल्ली गया, तो घर में बरतन-भाँड़े और मकान के सिवा...
    २७९ B (५,३१५ शब्द) - २१:१८, ३० जुलाई २०२३
  • उन्हें अनुमति ही नहीं दी, बल्कि उन्हें एक निमंत्रण-पत्र भी भिजवा दिया। समाचार पत्रों में दक्षिण भारतीय ब्राह्मण और फ्रेंच करोड़पति की बेटी के इस विचित्र...
    २६९ B (२,८३८ शब्द) - १५:२०, २४ अप्रैल २०२१
  • दिसम्बर, १७९२ को दोषी पाकर उसको मृत्यु-दण्ड की आज्ञा दी गई। ६३ [ ९४ ]रानी यह समाचार सुनते ही लुई के समीप गई। आधे घण्टे तक सभी प्राणी चुप बैठे रहे, परन्तु उसके...
    ३०८ B (२,२६२ शब्द) - २१:२२, २७ जुलाई २०२०
  • चाण्डाल से भी बदतर-समाप्त। क्लू क्स क्लान, जो प्रतिवर्ष कई बार सभी देशों के समाचार-पत्रों में प्रथम पृष्ठ के आकर्षक शीर्षकों में दिखाई पड़ता है, अमरीका की...
    ५३७ B (५,५१० शब्द) - ००:४३, २२ नवम्बर २०२०
  • 'गारमन डि टासी' के शब्दों में उर्दू और हिन्दी के बीच में कोई ऐसी विभाजक रेखा नहीं खींची जा सकती जहाँ एक को विशेष रूप से हिन्दी और दूसरी को उर्दू कहा जा...
    ५६५ B (३,८९७ शब्द) - १०:२८, २६ जून २०२१
  • तरह । गारसन डि टासी के शब्दो मे उर्दू और हिन्दी के बीच मे कोई ऐसी विभाजक रेखा नहीं खीची जा सक्ती, जहाँ एक को विशेष रूप से हिन्दी और दूसरी को उर्दू कहा...
    २९१ B (३,८९२ शब्द) - ००:४६, ४ अगस्त २०२३
  • के स्वयंवर में आया हुआ एक राजकुमार हूँ। दमयन्ती के चित्त में अचानक आशा की रेखा दीख पड़ी। उसने हंस के मुँह से महाराज नल के अलौकिक गुणों की और रूप की जो बात...
    ३४२ B (५,३०५ शब्द) - ०१:०७, २२ जनवरी २०२२
  • कमरे से निकल जाती। उसे भूत-बाधा का भ्रम होता था। मुंशीजी के कमरे में कई समाचार-पत्रों के फाइल थे। यही उन्हें एक व्यसन था। जालपा का जी वहां बैठे-बैठे घबड़ाने...
    ४१९ B (२,८३७ शब्द) - २०:४१, २९ जुलाई २०२३
  • पुस्तकें लिखी गई । सन् १८५७ ई० के वलचे के पीछे देश में शाति-स्थापना होने पर समाचार-पत्र, मासिक-पत्र, नाटक, उप-न्यास और समालोचना का आरंभ हुआ। हिंदी की उन्नति...
    ३८५ B (५,५९३ शब्द) - ०८:१३, ७ मई २०२१
  • मोहक दंतपंक्ति की एक रेखा आंखों में चौंध लगा गई। दूसरे ही क्षण मोटर पाखों से ओझल हो गई। तीन दिन बीत गए। न वह आई, न उसका कुछ समाचार ही मिला। तीनों दिन मैं...
    ३९७ B (२,८२३ शब्द) - १६:२८, ११ अप्रैल २०२२
  • गयी। इसीसे वह कई वर्षो से जातीय सेवामें लीन रहते थे। इस सेवाका अधिक भाग समाचार पत्रोंके अवलोकनमें बीतना था, जो जातीय सेवाका ही एक विशेष अङ्ग समझा जाता...
    ३४१ B (७,५३६ शब्द) - २१:०६, २५ अप्रैल २०२२
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