खोज परिणाम

देखें (पिछले २० | ) (२० | ५० | १०० | २५० | ५००)
  • गाँव वालों को खाना खिलाया और जात पाँत का कोई भेदभाव नहीं रखा गया। ⁠X ⁠X⁠X   सुबह मुहूर्त था। सबको काम निपटाकर सोते रात दो बज गए। ढाई बजे तक हलवाई भी अंगोछा...
    २६९ B (२,७९५ शब्द) - १५:२०, २४ अप्रैल २०२१
  • रवि से पूछा’ ‘एक्सप्रेस दिया है, या सादा.......। ‘एक्सप्रेस ही दिया है, सुबह तक मिल जाएगा।’ ‘शर्मा जी पंचांग साथ ही थामे थे, इसलिए मंडप, तिलक के लिए भी...
    २६९ B (२,७९३ शब्द) - १५:१७, २४ अप्रैल २०२१
  • बाग़ीचे से ले आये और लड़की और सब चिड़ियों ने मिल कर खूब अच्छी तरह ब्यालू की। सुबह होते ही रानी यह देखने को आई कि लड़की मर गई या नहीं और जब उसे जीता पाया निहायत...
    ३५६ B (२,२६३ शब्द) - ०२:५३, १४ सितम्बर २०२०
  • इरेमुडिमणि आये थे। कल सुबह फिर आ जाऊँगा।' वह व्यक्ति लौट गया। कामाक्षी ने आवाज सुनकर बाहर झाँका। बाऊ जी से मिलने आये थे। कल सुबह फिर आएँगे' पार्वती बोली।...
    २५७ B (२,६७५ शब्द) - १५:०८, २४ अप्रैल २०२१
  • सामने अेक सादा और सरल नुस्खा रखा है, जो कभी बेकार नही जाता—अर्थात् हर रोज सुबह सूरज निकलनेके पहले और शामको सोनेके वक्त अपनी प्रतिज्ञाओको पूरी करनेके लिअे...
    २७९ B (२५४ शब्द) - २१:५८, ३१ जुलाई २०२३
  • शब्द मँजरी बाऊ के सामने बैठकर याद करता। सुबह साढ़े तीन- बजे से साढ़े पांच बजे तक―बाऊ के साथ संस्कृत शिक्षा फिर सुबह बच्चों के साथ स्कूल में अंग्रेजी की विधिवत्...
    २५७ B (२,७९३ शब्द) - १५:१२, २४ अप्रैल २०२१
  • जा रहा है। आज ‘आरम उन्नयन’ का दौर है, पर ना॰ पा॰ उस दौर के थे, जब हमारी सुबह ‘सर्वे भवन्तु सुखिःन’ से शुरू होती थी और रात ‘मा कश्चिद् दुख भाग भवेत्’ से...
    ३९३ B (१,१५६ शब्द) - १४:५७, २४ अप्रैल २०२१
  • देवकीनंदन खत्री 151091चंद्रकांता संतति भाग 61896देवकीनंदन खत्री [ २२५ ] 6 सुबह की सफेदी आसमान पर फैलना ही चाहती है और इस समय की दक्षिणी हवा जंगली पेड़ों...
    ४१४ B (१,०७६ शब्द) - ०६:४८, २६ जनवरी २०२१
  • 148796चंद्रकांता संतति भाग 61896देवकीनंदन खत्री [ २३ ] 3 इस समय रात बहुत कम बाकी थी और सुबह की सफेदी आसमान पर फैलना ही चाहती थी। और लोग तो अपने-अपने ठिकाने चले गए और...
    ४१२ B (४२६ शब्द) - १३:३८, १९ दिसम्बर २०२०
  • व्यक्ति नहीं मिला? पिछवाड़े में बाग और गौशाला के बीच में पुआल का ढेर था। सुबह तीन बजे के लगभग किसी ने उसमें भाग लगा दी। मीनाक्षी दादी अपने घर के पिछवाड़े...
    २६९ B (२,७९६ शब्द) - १५:१५, २४ अप्रैल २०२१
  • उसमें लिखा है कि जापान के छोटे-छोटे लड़के जो मदरसों में पढ़ते हैं, वे छ बजे सुबह खाना खा चुकते हैं। सात बजे वे मदरसे जाते हैं और बारह बजे तक वहाँ रहते हैं।...
    ५१२ B (६७८ शब्द) - १६:०७, ९ नवम्बर २०२१
  • की क्या गति है, सो सब भेद कहो। अक्रूरजी बोले― जबते केस मधुपुरी भयौ। तबते सुबह कौ दुख दुयौ॥ पूछौ कहा नगर कुशलात। परजी दुखी होत है गात॥ जौ लौ है मथुरा में...
    ३९९ B (४९७ शब्द) - १८:२०, ३ दिसम्बर २०२१
  • [ वार्थिविक का खाने का कमरा। जैक अभी तक सोया हुआ है। सुबह की रौशनी परदों से होकर आ रही हैं। सुबह की रोशनी परदों से होकर आ रही है। समय साढ़े आठ बजे का...
    ३६२ B (१,६५३ शब्द) - ०७:५१, १८ सितम्बर २०२१
  • सीतापति की शुभ जय हो' बसन्ती का गला इतना मधुर है, कमली को पहली बार पता लगा। सुबह के सन्नाटे को चीरते पक्षियों के कलरव के बीच यह मधुर गीत बेहद सुखद लगा। कमली...
    २५७ B (२,८१८ शब्द) - १५:१०, २४ अप्रैल २०२१
  • दिसंबर 1999 की रात को लोग उसी तरह रजाई में दुबक कर सोए और उसी तरह अगले दिन सुबह उठे-जिस तरह वे इससे पहले सोते और जागते रहे हैं। तारीख़ ज़रूर बदली, 99 के...
    ५३० B (८९४ शब्द) - १६:४९, २० नवम्बर २०२०
  • अिजेक्शन उनके दिमाग में चढ़ गया है, और उसीका दिमाग पर इतना बुरा असर हुआ है। आज सुबह जब मैं अपने कमरेमें बैठ कर काम कर रहा था, तो मैंने देखा कि वे बाहर खड़े चिल्ला...
    ३०४ B (५९१ शब्द) - २१:५६, ३१ जुलाई २०२३
  • उन्होंने उसे न लिया। इस असामर्थ्य का कारण उन्होंने यह बतलाया कि आज हमने सुबह से कई आदमियों के प्रश्नों का उत्तर दिया है। इससे हमारी अंतर्ज्ञान-शक्ति क्षीण...
    ३९८ B (२,०३९ शब्द) - ०६:३५, ४ जुलाई २०२३
  • तमिलनाडु के कुछ शहरों में रेल से पानी पहुंचाया गया है पर देवास में तो अब हर सुबह पानी की रेल आती है, टैंकरों का पानी पंपों के सहारे टंकियों में चढ़ता है और...
    ४६२ B (२,२५७ शब्द) - १४:०८, ३० मई २०२१
  • हुअा था । निश्चय हुआ कि उसे देखनेके लिए धरणीधरप्रसाद वकीलको लेकर सुबह जाऊं । तदनुसार सुबह होते ही हम हाथीपर सवार होकर चल पड़े। चंपारनमें हाथी लगभग वही काम...
    ३३९ B (१,३६४ शब्द) - ०४:०६, ४ अगस्त २०२३
  • भाग-दौड़ में थे । गोखलेके देख लेने से औरोंने देखने-सुननेकी जरूरत न समझी । सुबह हुई । मुझे तो अपने भाषणकी पड़ी थी । पांच मिनटमैं क्या कहूंगा ? मैंने अपनी...
    ३६४ B (६२७ शब्द) - ०४:०७, ४ अगस्त २०२३
देखें (पिछले २० | ) (२० | ५० | १०० | २५० | ५००)