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कहीं आपका मतलब कानन तो नहीं था?
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  • मानसरोवर १  (1947)  द्वारा प्रेमचंद 82016मानसरोवर १1947प्रेमचंद [ २१५ ] कायर युवक का नाम केशव था, युवती का प्रेमा। दोनों एक ही कालेज के और एक ही क्लास...
    २६८ B (३,८६८ शब्द) - २१:१६, ३० जुलाई २०२३
  • मन बाँध्यो कहे सुनत नहिं कानै॥ सरिता चलै मिलन सागर को कूल मूल द्रुम भानै। कायर बकै, लोह तें भाजै, लरै जो सूर बखानै॥३१॥ भानै=तोड़ती है। लोह=लोहा, हथियार।...
    ४७६ B (६८ शब्द) - ००:०८, ३१ जुलाई २०२०
  • सिंहरण को छुट्टी दो। कह देना कि 'तुम दूर खड़े होकर देख लो सिंहरण! चन्द्रगुप्त कायर नहीं है।' जाओ। [नायक जाने लगता है] चन्द्र॰—ठहरो! आम्भीक की क्या लीला है?...
    ४८० B (४०७ शब्द) - १७:३१, १७ सितम्बर २०२१
  • प्रतंचे नहिं उतरें छन॥ देखि लेहिंगे कैसे पामर यवन बहादुर। आवहिं तो चढ़ि सनमुख कायर कूर सबै जुर॥ दैहै रन को स्वाद तुरंतहि तिनहिं चखाई। जो पै इक छन हू सनमुख ह्वै...
    ५२५ B (३१७ शब्द) - ०४:३५, १९ मई २०२१
  • कुकर्मी [ १८२ ]खड़े खड़े भस्म हो जायं। सलोनी—जा चिल्लू भर पानीमें डूब मर कायर कहींका। हलधर तेरे सगे चाचाका बेटा है। जब तू उसका नहीं तो और किसका होगा। मुंहमें...
    २५४ B (१,३३४ शब्द) - ०१:२६, २८ मार्च २०२१
  • अपमान किया है, उसका प्रतिशोध। राजा—हाँ बेटी! उसने स्पष्ट कह दिया है कि, कायर आम्भीक से मैं अपने लोक-विश्रुत कुल की कुमारी का व्याह न करूँगा। और भी, उसने...
    ४६० B (८८५ शब्द) - ०३:३९, ४ सितम्बर २०२१
  • धन की आय। ऐसा करते अन्त में, निर्णय सत्र आम्नाय॥३॥ दुर्गाश्रय का कौनसा, कायर को उपयोग। बहुसाधन से सुस्त के, क्या बढ़ते उद्योग॥४॥ निजरक्षा के अर्थ भी,...
    ४११ B (४२४ शब्द) - १०:१७, ६ सितम्बर २०२१
  • उसे मैं मनुष्य नहीं समझती। तुम मनुष्य नहीं हो तुम पशु भी नहीं,तुम कायर हो । कायर । जालपा का मुखमंडल तेजमय हो गया। गर्व से उसकी गर्दन तन गई। यह शायद समझते...
    ४२६ B (२,५०० शब्द) - २०:४०, २९ जुलाई २०२३
  • उसे मैं मनुष्य नहीं समझती। तुम मनुष्य नहीं हो तुम पशु भी नहीं,तुम कायर हो । कायर । जालपा का मुखमंडल तेजमय हो गया। गर्व से उसकी गर्दन तन गई। यह शायद समझते...
    ४४४ B (२,४३७ शब्द) - २०:४१, २९ जुलाई २०२३
  • हाथ में न पड़ जाय। साहसी पुरुष को कोई सहारा नही होता तो वह चोरी करता है, कायर पुरुषको कोई सहारा नही होता तो वह भीख माँगता है, लेकिन स्त्रीको कोई सहारा...
    २९९ B (५०४ शब्द) - ०८:०९, २७ जुलाई २०२३
  • पहुँचूँगी?' 'इस समय तो उधर जाने में जोखिम है।' फिर एक क्षण के बाद कदाचित् अपनी कायरता पर लज्जित होकर कहा--किन्तु गलियों में कोई डर नहीं है। चलो मैं तुम्हें पहुँचा...
    २८० B (१,८२१ शब्द) - १८:१५, २१ जुलाई २०२३
  • बढ़कर) क्यो, तुम वीर सैनिक हो न? सैनिक-क्या इसमे भी संदेह है? विवेक-डरपोक, कायर! छोड़ दो, नही तो दिखा दूँगा कि इन सूखी हड्डियों में कितना बल है। सैनिक-जा...
    २४२ B (४९७ शब्द) - ००:०५, १३ अप्रैल २०२१
  • है। लौटती हुई यवन-सेना का दूसरी ओर से प्रवेश] सिल्यू॰—कौन? प्रपंचक आम्भीक! कायर! आम्भीक—हाँ सिल्यूकस! आम्भीक सदा प्रपंचक रहा, परंतु यह प्रवंचना कुछ महत्व...
    ४८८ B (५१४ शब्द) - १७:३८, १७ सितम्बर २०२१
  • करता रहा, फिर एक हाथ आकाश की ओर उठा और दूसरे से शिर ठोंक कर बोला "डाकू, कायर-शिरोमणि दुष्टात्माओं का दास और वेनिस के छटे हुए डाकुओं का सहकारी, बस अब रूसाल्वो...
    ४६९ B (१,१३१ शब्द) - १४:३९, २१ नवम्बर २०२१
  • भारतीय कुछ नियमों पर ही मैत्री किया चाहते हैं। सिल्यू॰—तो क्या ग्रीक इतने कायर हैं! युद्ध होगा साइवर्टियस! हम सब को मरना होगा। मेगा॰—(पत्र देकर)—इसे पढ़...
    ४९४ B (५८८ शब्द) - १७:५७, १७ सितम्बर २०२१
  • के समान ऐश्वर्यवान् और बलवान् होने पर भी दुनिया के ये छोटे "जॉर्ज" बड़े कायर होते हैं। क्यों न हो, इनकी हुकूमत लोगों के दिलों पर नहीं होती। दुनिया के...
    ५०२ B (४,५४८ शब्द) - १३:११, १८ मार्च २०२१
  • सम्बन्धों पर कोई आँच पाने के भय से, देने में पशोपेश करूँ, तो मुझे अपने को कायर ही समझना चाहिए। बर्लिन के लेखक ने निश्चय ही यह एक अजीब सिद्धान्त निकाला है...
    ४१४ B (६८४ शब्द) - १६:०८, ११ अगस्त २०२१
  • जिस तत्त्वज्ञान को इन दोनों अधिनायकों ने अपनाया है वह खूनखराबी से बचना कायरता समझता है। वे तो संगठित हत्या की प्रशंसा में सारी कवि-कला [ १२० ] खर्च कर...
    ५५१ B (१,४२७ शब्द) - १६:०५, ११ अगस्त २०२१
  • अति विनती कर बोले कि महाराज, तुम हो र्बीर धीर सकल धर्म नीति के जान, यह है कायर अधीर अविवेकी अभिमानी अज्ञान। इसका अपराध क्षमा कीजे क्यौकि यह व्यासगादी पर...
    ४७७ B (७४६ शब्द) - ०८:३९, ५ दिसम्बर २०२१
  • उसे मैं मनुष्य नहीं समझती। तुम मनुष्य नहीं हो, तुम पशु भी नहीं, तुम कायर हो ! कायर! जालपा का मुखमण्डल तेजमय हो गया। गर्व से उसकी गर्दन तन गयी। वह शायद...
    २१९ B (७,३९३ शब्द) - १९:१०, २४ जनवरी २०२०
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