अमृता कुमारी पाण्डेय के सदस्य योगदान
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२१ नवम्बर २०२४
- १४:२८१४:२८, २१ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +५,०४३ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१४१ →अशोधित: '________________ कटि कछुए की खोपड़ी । कटि-संज्ञा जो० कमर । कटिजेव-संज्ञा स्त्री० करधनी । कटिबंध - संज्ञा पुं० १. कमरबंद | २. गरमी सरदी के विचार से किए हुए पृथ्वी के पांच भागों में...' के साथ नया पृष्ठ बनाया टैग: शोधित नहीं
- १४:२८१४:२८, २१ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +४,४८९ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१०६ →अशोधित: ' उगवना कराना । ३. पचे हुए माल को निकलवाना | उगवना* - क्रि० स० दे० "उगाना" । उगसाना - क्रि० स० दे० " उक- साना" । उगाना - क्रि० स० जमाना । अंकुरित करना । उगार, उगाल-संज्ञा पुं० पीक ।...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १४:२८१४:२८, २१ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +४,७२८ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१०५ →अशोधित: ' उकताना उकताना- क्रि० अ० १. ऊबना । २. जल्दी मचाना । उकलना- क्रि० प्र० १. उच्चड़ना । २. लिपटी हुई चीज़ का खुलना । उकलाई - सज्ञा स्त्री० कै । उलटी । उकलाना - क्रि० अ० उलटी करना ।...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १४:२७१४:२७, २१ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +४,०७७ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१०४ →अशोधित: ' ईस ईस – संज्ञा पुं० दे० "ईश" । ईसन - संज्ञा पुं० ईशान कोण | ईसर - संज्ञा पुं० ऐश्वर्यं । ईसवी - वि० ईसा से संबंध रखनेवाला । ईसा - संज्ञा पुं० ईसाई धर्म के प्रवर्त्तक । ६६ उकड...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १४:२६१४:२६, २१ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +४,७७० न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१०३ →अशोधित: ' ई - हिंदी वर्णमाला का चौथा अक्षर और 'इ' का दीर्घ रूप जिसके उच्चारण का स्थान तालु है 1 ईगुर-संज्ञा पुं० गंधक और पारे से घटित एक खनिज पदार्थ जिसकी ललाई बहुत चटकी होती है। सि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १४:२६१४:२६, २१ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +४,१३२ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१०२ →अशोधित: ' इलायची इलायची - संज्ञा स्त्री० एक सदाबहार पेड़ जिसके फल के बीजों में बड़ी तीक्ष्ण सुगंध होती है । है इलाही - संज्ञा पुं० ईश्वर । खुदा | वि० देवी । ईश्वरीय । इल्ज़ाम -संज...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १४:२६१४:२६, २१ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +५,०७४ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१०१ →अशोधित: ' इतरेतर ६३ इतराना सूचित इतरेतर - क्रि० वि० परस्पर । इतरांहाँ- वि० करनेवाला । इतवार -संज्ञा पुं० रविवार | इतस्ततः - क्रि० वि० इधर-उधर । इताश्रत - संज्ञा स्त्री० आज्ञापालन...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १४:२५१४:२५, २१ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +४,६८० न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१०० →अशोधित: ' इकसठ - इकसठ - वि० साठ और एक । इकसर - वि० अकेला । इक सूत - वि० एक साथ । इकट्ठा । इकहरा - वि० दे० " एकहरा" । इकात - वि० दे० "एकांत" । इक्का - वि० [सं० एक ] १. श्रकेला । २. अनुपम । बेजोड़ | स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १४:२५१४:२५, २१ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +५,२२२ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/९९ →अशोधित: ' इंद्रगोप इंद्रगोप- संज्ञा पुं० बीरबहूटी नाम का कीड़ा । इंद्रजव-संज्ञा पुं० कुड़ा | कौरैया का बीज । इंद्रजाल - संज्ञा पुं० मायाकर्म । जादू- गरी । तिलस्म । इंद्रजाली - वि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १४:२४१४:२४, २१ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +४,३८६ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/९८ →अशोधित: ' आहार-विहार आहार-विहार-संज्ञा पुं० खाना, पीना, सोना आदि शारीरिक व्यवहार । रहन-सहन । श्राहारी - वि० खानेवाला । भक्षक । श्राहार्थ्य - वि० १. ग्रहण किया हुआ । २. खाने योग्य ।...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
१८ नवम्बर २०२४
- ११:५०११:५०, १८ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +४,८६१ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१४० →अशोधित: '________________ कजलौटा कजलोटा - संज्ञा पुं० [स्त्री० भल्पा० कज- लौटी ] काजल रखने की लोहे की डंडीदार डिबिया । कक्षा - संज्ञा स्त्री० मौत । कजाक - संज्ञा पुं० लुटेरा । कजाकी - संज्ञ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ११:४८११:४८, १८ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +४,८१७ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१३९ →अशोधित: ' कचना हुआ अचार | २. कुचली हुई वस्तु । कचाना - क्रि० स० चुभाना । कचोरा+-संज्ञा पुं० [स्त्री० कचोरी ] कटोरा | कचौड़ी, कचौरी - संज्ञा स्त्री० एक प्रकार की पूरी जिसके भीतर उरद श्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ११:४७११:४७, १८ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +४,९३२ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१३८ →अशोधित: '________________ कंपित कंपित - वि० काँपता हुआ । कंपू - संज्ञा पुं० छावनी । कंबल - संज्ञा पुं० [स्रो० अल्पा० कमली ] ऊन का बना हुआ मोटा कपड़ा । कंबु, कंबुक - संज्ञा पुं० १. शंख । २. घोंघा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ११:४७११:४७, १८ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +५,०७९ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१६५ →अशोधित: '________________ कागज़ी - वि० १. काग़ज़ का बना हुआ । २. लिखित | कागद +- संज्ञा पुं० दे० कागभुसुंड-संज्ञा पुं० "काग़ज़ " । दे० "काक- कागर - संज्ञा पुं० दे० " काग़ज़ " । संज्ञा पुं० चिड़ियो...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ११:४६११:४६, १८ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +५,२०६ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१३७ →अशोधित: '________________ कंटोप कंटोप - संज्ञा पुं० एक प्रकार की टोपी जिससे सिर और कान ढके रहते हैं । कंठ-संज्ञा पुं० [ वि० कंठा ] १. गला । २. र्घाटी । ३. स्वर । कंठगत- वि० गल्ले में झाया हुआ कं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
१२ नवम्बर २०२४
- १५:०२१५:०२, १२ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +५,००२ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/९७ →अशोधित: '________________ आस-पास आस-पास - क्रि० वि० चारों ओर । बिकट | इधर-उधर । श्रसमान-संज्ञा पुं० [वि० भासमानी] १. आकाश । २. स्वर्ग । आसमानी - वि० १. श्राकाश-संबंधी । २. प्रकाश के रंग का । हलका...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १५:०११५:०१, १२ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +५,१७१ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/९६ →अशोधित: '________________ आशंका टने या ढंकने की वस्तु | आशंका - संज्ञा स्त्री० १. डर । भय । २. शक | संदेह | ३. अनिष्ट की भावना । श्राशना - संज्ञा उभ० १. जिससे जान- पहचान हो । २. प्रेमी । आशनाई - संज्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १५:००१५:००, १२ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +५,३०७ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/९५ →अशोधित: '________________ आलोड़ना ८७ वेन आलोड़ना - क्रि० स० १. मधना । २. हिलारना । आल्हा - संज्ञा पुं० १. महोबे के एक वीर का नाम जो पृथ्वीराज के समय में था । २. बहुत लंबा-चौड़ा वर्णन । ३. श्राल...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १४:५९१४:५९, १२ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +५,२९८ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/९४ →अशोधित: '________________ श्राय्र्य-समाज आर्य समाज-संज्ञा पुं० एक धार्मिक समाज या समिति जिसके संस्थापक स्वामी दयानंद थे । आर्या-संज्ञा स्त्री० १. पार्वती । २. सास । ३. दादी । पितामही । ४....' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १४:५८१४:५८, १२ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +४,६९८ पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/९३ →शोधित नहीं वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १४:५८१४:५८, १२ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास ० न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/९३ →आवश्यक नहीं टैग: पाठ के बिना
५ नवम्बर २०२४
- ११:५०११:५०, ५ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +५,०२५ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/९२ →अशोधित: '________________ आमिष वाला । कर्मचारी । २० हाकिम । ३. सिद्ध । श्रामिष-संज्ञा पुं० मांस । श्रामिषाशी - वि० [स्त्री० श्रामिषाशिनी] मांसभक्षक । श्रमुख -संज्ञा पुं० नाटक की प्रस्ता...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ११:४९११:४९, ५ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +५,००८ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/९१ →अशोधित: '________________ शाबक श्राबरू - संज्ञा स्त्री० इज्जत । मान । श्राब - हवा -संज्ञा स्त्री० जल-वायु । श्राबाद - वि० बसा हुआ । श्रीबादकार-संज्ञा पुं० वे काश्तकार जो जंगल काटकर भावाद...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ११:४९११:४९, ५ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +४,९१४ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/९० →अशोधित: '________________ आपत्काल आपत्काल - संज्ञा पुं० १. विपति । २. दुष्काल । श्रापत्ति - संज्ञा स्त्री० १. दुःख । २. विपत्ति । ३. उज्र श्रापद्-संज्ञा स्त्री० विपत्ति । आपदा -संज्ञा स्त्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ११:४८११:४८, ५ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +४,८६१ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/८९ →अशोधित: '________________ मादी श्रादी - वि० अभ्यस्त । + संज्ञा स्त्री० अदरक । श्राहत - वि० सम्मानित | आदेश - संज्ञा पुं० [वि० मादेशक, श्रादिष्ट] १. आशा । २. उपदेश | श्रादेस - संज्ञा पुं० दे० "आदे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ११:४७११:४७, ५ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +५,०९४ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/८८ →अशोधित: '________________ आत्मत्याग उत्पन्न संतोष या आनंद । आत्मत्याग - संज्ञा पुं० दूसरों के हित के लिये अपना स्वार्थ छोड़ना । श्रात्मबोध-संज्ञा पुं० दे० "श्रात्म ज्ञान" । आत्मभू - वि०...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ११:४६११:४६, ५ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +५,२४५ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/८७ →अशोधित: '________________ घाटा श्राटा-संज्ञा पुं० पिसान | आठ-वि० चार का दूना । श्राडंबर - संज्ञा पुं० [ वि० भाडंबरी ] १. ऊपरी बनावट । तड़क-भड़क । २. आच्छादन । श्राडंबरी - वि० ढोंगी । आड़-संज्ञ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ११:४६११:४६, ५ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +५,२०५ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/८६ →अशोधित: '________________ श्रचरज ७८ घाटना " अचरज " | आछेष - पंथा पुं० दे० " प्राप" । श्राज - क्रि० वि० वर्तमान दिन में । चम्मच जिससे श्राचमन करते हैं। श्राचरज - संज्ञा पुं० दे० श्राचरण - संज्ञा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ११:४५११:४५, ५ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +५,१७४ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/८५ →अशोधित: '________________ श्रागमज्ञानी वि० आनेवाला । आगामी । श्रागमज्ञानी - वि० भविष्य का जानने- वाला । श्रागमन - संज्ञा पुं० अवाई। थाना । श्रागमवाणी - संज्ञा स्त्री० भविष्यवाणी । श्रा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ११:४५११:४५, ५ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +४,७३४ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/८४ →अशोधित: '________________ श्राकृति आकृति - संज्ञा स्त्री० बनावट | गढ़न । श्राक्रंदन - संज्ञा पुं० रोना । चिल्लाना । आक्रमण-संज्ञा पुं० १. हमला । चढ़ाई | २. प्राघात पहुँचाने के लिये किसी पर...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ११:४३११:४३, ५ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +५,०२७ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/८३ →अशोधित: '________________ आकर्षण शक्ति के पास उसकी शक्ति या प्रेरणा से लाया जाना । आकर्षण शक्ति-संज्ञा स्त्री० भौतिक पदार्थों की वह शक्ति जिससे वे अन्य पदार्थों की वह शक्ति जिससे वे अ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ११:४२११:४२, ५ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +४,७६८ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/८२ →अशोधित: '________________ विलासार गंधक गोल फल खट्ट होते तथा खाने और दवा के काम में श्राते हैं । आँवलासार गंधक-संज्ञा स्त्री० खूब साफ़ की हुई गंधक जो पारदर्शक होती है । श्रवा - संज्ञा पुं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ११:३९११:३९, ५ नवम्बर २०२४ अंतर इतिहास +५,०२२ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/८१ →अशोधित: '________________ जिससे प्राणियों का रूप अर्थात् वर्ण, विस्तार तथा आकार का ज्ञान होता है। नेत्र । लेाचन । २. दृष्टि । नज़र | ध्यान । ३. विचार । विवेक । परख । शिनाखत | पहचान । ४. कृपाद...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
२८ अक्टूबर २०२४
- १२:०८१२:०८, २८ अक्टूबर २०२४ अंतर इतिहास +७,६८३ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 9.pdf/६८१ →अशोधित: '________________ अ सांकेतिका अंगुलियों; - और अँगूठोंकी छाप. न देनेका गांधीजी और डाह्या नरसीपर आरोप, १०५ -की छाप, ३, १८, २०, १२६, ४७८; की छाप देकर पंजीयन करानेके सिद्धान्तपर कुछ भारत...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १२:०८१२:०८, २८ अक्टूबर २०२४ अंतर इतिहास +८,८६८ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 9.pdf/६८२ →अशोधित: '________________ ६४४ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय स्पष्ट नहीं,. १८, २३ को कानूनकी किताबसे हटा लेनेपर भारतीयोंको अन्य प्रजाजनोंके समान दर्जा देनेमें कोई बाधा नहीं, २४; को पूरी तरह रद क...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १२:०७१२:०७, २८ अक्टूबर २०२४ अंतर इतिहास +१,६६६ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 9.pdf/६८० →अशोधित: '________________ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय ६४२ -[६], ३३९; [७], ३५६६ - [-८], ३६३-६४; –[-९], ३६९; –[-१०], ३८५-८७६ - [११], ४०३; -[१२], ४१६-१७; -[-१३], ४३१; [-१४], ४६६ - [-१५], ४७०-७२ - [१६], ४८१-८३९ -[-१७], ४९४-९५१ - [-१८], ५०९-१०...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १२:०७१२:०७, २८ अक्टूबर २०२४ अंतर इतिहास +७,४९५ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 9.pdf/६७९ →अशोधित: '________________ शीर्षक सांकेतिका - डब्ल्यू० हॉस्केनको, ५९-६१; -डॉ० अब्दुर्रहमानको, ३६४-६५; - डी० ई० वाछाको २६६३ - डेली टेलीग्राफको ५४२; -नारणदास गांधीको, ३९२, ४१८, ४५२-५३६ -बद्रीको,...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १२:०६१२:०६, २८ अक्टूबर २०२४ अंतर इतिहास +६,०७५ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 9.pdf/६७८ →अशोधित: '________________ अंग्रेजी हवा, १७८-७९ अदालतको सलाम करें, ३६ ईस मियाँ और उनके उत्तराधिकारी, ५५०५६ उच्चतर विद्यालय, १४१ एम० ए० की परीक्षा, २०० श्री काछलियाका आत्मत्याग, १७७ श्री...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १२:०६१२:०६, २८ अक्टूबर २०२४ अंतर इतिहास +६,६९१ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 9.pdf/६७७ →अशोधित: '________________ प्रमाणपत्र - • सर्टिफिकेट पारिभाषिक शब्दावली वास्तुकार - आर्किटेक्ट ६३९ प्रवासी अधिकारी - इमिग्रेशन ऑफिसर प्रवासी आयोग - इमिग्रेशन कमिशन प्रवासी कानून - इमि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- १२:०५१२:०५, २८ अक्टूबर २०२४ अंतर इतिहास +६,१५१ न पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 9.pdf/६७६ →अशोधित: '________________ पारिभाषिक शब्दावली अखिल इस्लामी संघ - पेन इस्लामिक सोसाइटी अधिवासी प्रमाणपत्र - रेजिडेंशियल सर्टिफिकेट्स अधिवासी एशियाई - रेजिडेंट एशियाटिक्स अधीक्षक - सु...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
२६ अक्टूबर २०२४
- ०९:५५०९:५५, २६ अक्टूबर २०२४ अंतर इतिहास +३,९२२ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/८० →अशोधित: '________________ अहल्या अहल्या-संज्ञा जी० गौतम ऋषि की पत्नी । अहसान -संज्ञा पुं० १. किसी के साथ नेकी करना । २. कृतज्ञता । अहह - अव्य० श्राश्चर्य, खेद, क्लेश या शोक-सूचक एक शब्द | श्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०९:५४०९:५४, २६ अक्टूबर २०२४ अंतर इतिहास +४,९८९ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/७८ →अशोधित: '________________ अस अस-संज्ञा पुं० दे० " श्रभ्व" । असुबिधा - संज्ञा अड़चन । स्त्री० कठिनाई । असुर-संज्ञा पुं० [सं०] दैत्य | राक्षस | असुरारि - संज्ञा पुं० १. देवता । २. विष्णु । सूझ- वि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०९:५४०९:५४, २६ अक्टूबर २०२४ अंतर इतिहास +४,९६५ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/७९ →अशोधित: '________________ अस्त्रागार श्रखागार - संज्ञा पुं० [सं०] अस्त्र शाखा । स्त्री-संज्ञा पुं० [ श्री० भक्षिणी ] धारी मनुष्य । हथियारबंद | अस्थि-संज्ञा बी० हड्डी | अस्थिर - वि० चंचल । च...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०९:५४०९:५४, २६ अक्टूबर २०२४ अंतर इतिहास +४,५८३ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/७७ →अशोधित: '________________ असयाना असयाना - वि० १. सीधा-सादा । २. अनाड़ी । असर -संज्ञा पुं० प्रभाव | असरार- क्रि० वि० निरंतर । लगा- तार । बराबर । असल - वि० [अ०] १. सच्चा । खरा । २. उच्च । संज्ञा पुं०...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०९:५३०९:५३, २६ अक्टूबर २०२४ अंतर इतिहास +४,७३४ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/७६ →अशोधित: '________________ अष्टाध्यायी वि० [सं० ] आठ अक्षरों का । श्रष्टाध्यायी - संज्ञा स्त्री० पाणिनीय व्याकरण का प्रधान ग्रंथ जिसमें श्राठ अध्याय हैं । अष्टावक्र -संज्ञा पुं० १. एक ऋष...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०९:५३०९:५३, २६ अक्टूबर २०२४ अंतर इतिहास +५,३१८ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/७५ →अशोधित: '________________ अशौच अशौच संज्ञा पुं० [वि० अशुचि] अप- विनता । अशुद्धता । अश्मकुट्ट -संज्ञा पुं० एक प्रकार के वानप्रस्थ जो केवल पत्थर से अन कूटकर पकाते थे 1 ६७ अष्टाक्षर कर उसकी...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०९:५३०९:५३, २६ अक्टूबर २०२४ अंतर इतिहास +५,०१८ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/७४ →अशोधित: '________________ अवैतनिक अवैतनिक - वि० [सं० ] बिना वेतन या तनख्वाह के काम करनेवाला । आनरेरी । वैदिक - वि० [सं०] वेद- विरुद्ध । श्रव्यक्त-वि० [सं०] अप्रत्यक्ष | अगोचर | श्रव्यक्त गणित -...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०९:५३०९:५३, २६ अक्टूबर २०२४ अंतर इतिहास +४,६८२ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/७३ →अशोधित: '________________ अविकार अविकार - वि० [सं०] विकार रहित । संज्ञा पुं० [सं० ] विकार का अभाव । अविकारी-वि० [ स्त्री० श्रविकारिणी] जिसमें विकार न हो । श्रविकृत - वि० पुं० जो बिगड़ा या बदल...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०९:५२०९:५२, २६ अक्टूबर २०२४ अंतर इतिहास +४,६४९ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/७२ →अशोधित: '________________ श्रवलेपन अविकल्प ३. श्रवलेपन -संज्ञा पुं० [सं०] १. लगाना । पोतना । २. लेप । घमंड | श्रवलेह - संज्ञा पुं० [ अवलेह ] १. लेई जो न अधिक गाढ़ी और न अधिक पतली हो । २. चटनी । अवल...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं
- ०९:५२०९:५२, २६ अक्टूबर २०२४ अंतर इतिहास +४,६१५ न पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/७१ →अशोधित: '________________ अवधी अवधी - वि० अवध-संबंधी । अवध का । संज्ञा स्त्री० अवध की बोली । श्रवधूत - सज्ञा पुं० [स्त्री० अवधूतिन ] संन्यासी । साधु । योगी । अवनत - वि० १. नीचा । झुका हुआ । २. ग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया वर्तमान टैग: शोधित नहीं