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- ११:५३, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१७० पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' कालनिशा कालनिशा - संज्ञा स्त्री० १. दिवाली की रात । २. अँधेरी भयावनी रात | कालपाश-संज्ञा पुं० यमपाश । कालपुरुष - संज्ञा पुं० १. ईश्वर का विराट रूप । २. काल । कालबंजर -संज्ञ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:५३, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१६९ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '________________ कारनिस कारनिस - संज्ञा की० कगर । कारपरदाज़- वि० कारिंदा । कारवार-संज्ञा पुं० [वि० कारबारी ] काम- काज | १. करतूत । कारबारी - वि० कामकाजी । संज्ञा पुं० कारिंदा | काररव...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:५२, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१६८ पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' कामसखा समागम आदि के व्यवहारों का वर्णन हो । कामसखा - संज्ञा पुं० वसंत । कामाक्षी - संज्ञा स्त्री० तंत्र के अनुसार देवी की एक मूर्त्ति । कामातुर - वि० काम के वेग से व्याक...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:५२, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१६७ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '________________ कालुक का बुक - संज्ञा स्त्री० कबूतरों का दरबा । काबुल -संज्ञा पुं० [वि० काबुली ]9. एक नदी जो अफ़ग़ानिस्तान से भा- कर अटक के पास सिंधु नदी में गिरती है । २. अफ़ग़ानिस...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:५१, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१६६ पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' कातरता कातरता-संज्ञा स्त्री० [वि० कातर] १. अधीरता । २. डरपोकपन | काता - संज्ञा पुं० काता हुआ सूत । तागा । कातिक-संज्ञा पुं० कात्तिक । क़ातिल - वि० घातुक | काती-संज्ञा स्त्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:५१, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१६४ पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' कांदना कौंदना t - क्रि० प्र० रोना । कांदा - संज्ञा पुं० एक गुल्म जिसमें प्याज़ की तरह गाँठ पड़ती है। कोदो + संज्ञा पुं० कीचड़ । काँधी-संज्ञा पुं० दे० "कंधा" । काँधना - क्रि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:५०, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१६३ पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' कहा १५५ कथरि कहा -संज्ञा पुं० कथन । क्रि० वि० किस प्रकार | कहाना- क्रि० स० दे० " कहलाना" | कहानी - संज्ञा स्त्री० कथा | कहार - संज्ञा पुं० एक जाति जो पानी भरने और डोली उठाने क...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:५०, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१६२ पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' साई दूसरे से कराना । कसाई -संज्ञा पुं० [स्त्री० क्रसाइन ] वधिक | वि० निर्दय | कसाना - क्रि० स० स्वाद में कसैला हो जाना । काँसे के योग से खट्टी चीज़ का बिगड़ जाना । क्रि० स०...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:४९, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१६१ पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' कचिताई कविताई -संज्ञा जी० दे० " कविता"। कवित्त-संज्ञा पुं० कविता । कवित्व-संज्ञा पुं० काव्य-रचना-शक्ति । कविनासा -संज्ञा स्त्रो० दे० "कर्म- नाशा" । कविराज -संज्ञा पुं० १...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:४८, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१५९ पृष्ठ बनाया (अशोधित: 'म कलाम - संज्ञा पुं० १. वचन । २. क. धन । ३. उज्ज्र । कलार-संज्ञा पुं० दे० "कलवार" । कलाल -संज्ञा पुं० [स्त्री० कलाली ] मद्य बेचनेवाला । कलावंत - संज्ञा पुं० १. गवैया । नट । २. वि०...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:४८, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१६० पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' फलेस कलेस - संज्ञा पुं० दे० "क्लेश" । कलैया - संज्ञा स्त्री० कलाबाजी । कलाल - संज्ञा पुं० आमोद-प्रमोद | कलालना*–क्रि० प्र० आमोद-प्रमोद करना । कलौंजी - संज्ञा स्त्री० १. एक...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:४७, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१५५ पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' कर्णाटी कर्णाटी - संज्ञा स्त्री० १. संपूर्ण जाति की एक शुद्ध रागिनी । २. कर्णाट देश की स्त्री । ३. कर्णाट देश की भाषा । ४. शब्दालंकार की एक वृत्ति जिसमें केवल कवर्ग ही के...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:४७, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१५७ पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' कुईदार मुलम्मा । ३. तड़का भड़क । ४. चूने कलधौत-संज्ञा पुं० १. सोना । २. का लेप | सफेदी । कुलई या कुलईदार - वि० जिस पर "रांगे का लेप चढ़ा हो । कलकंठ - संज्ञा पुं० [ खो० कलकंठो ] को...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:४७, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१५८ पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' कमा कलमा - संज्ञा पुं० १. वाक्य । २. वह वाक्य जो मुसलमान धर्म का मूल मंत्र है । कलमी - वि० १. लिखित । २. जो कलम लगाने से उत्पन्न हुआ हो । कलमुह - वि० १. जिसका मुँह काला हो । २. कल...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:४६, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१५६ पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' कर्मना कर्मनाक - क्रि० वि० दे० "कर्मणा" । कर्मनाशा - संज्ञा बी० एक नदी जो बौला के पास गंगा में मिलती है । कर्मनिष्ठ - वि० क्रियावान् । कर्मभू-संज्ञा स्त्री० दे० "कर्मक्ष...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:४५, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१५३ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '________________ वि० डरावनी । कराव, करावा-संज्ञा पुं० एक प्रकार का विवाह या सगाई । कराह -संज्ञा पुं० कराहने का शब्द । पीड़ा का शब्द । * संज्ञा पुं० दे० "कढ़ाह" । कराहना- क्रि० भ० व्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:४५, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१५४ पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' करैल जो बहुत विषैला होता है । करैल - संज्ञा स्त्री० एक प्रकार की काली "मिट्टी जो प्रायः तालों के किनारे मिलती है । संज्ञा पुं० १. बाँस का नरम कल्ला । २. डोम - कौभा । करैला -...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:४५, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१५२ पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' करमठ करमठ-वि० १. कर्मनिष्ठ । २. कर्मकांडी । करमाली - संज्ञा पुं० सूर्य । करमी - वि० कर्म करनेवाला । • १४४ कराळी करसी - संज्ञा स्त्री० उपले या कंडे का टुकड़ा । करहंत -संज्ञ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:४४, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१५० पृष्ठ बनाया (अशोधित: '________________ कमीना नहीं होते। कमीना - वि० [स्त्री० कमीनी ] नीच । कमेरा - संज्ञा पुं० मज़दूर । कमेला - संज्ञा पुं० वध - स्थान । कमोदिन | संज्ञा स्त्री० दे० "कुमु- दिनी" । कमोरा-संज्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:४४, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१५१ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '________________ करतल करतल - संज्ञा पुं० [स्त्री० करतली ] हथेली । करतली - संज्ञा स्त्री० १. हथेली । २. ताली । करता-संज्ञा पुं० दे० "कर्त्ता" । करतार -संज्ञा पुं० ईश्वर । + संज्ञा पुं०...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:४३, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१४९ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '________________ कमर बंद कमरबंद - संज्ञा पुं० १. पटुका । २. पेटी । वि० कमर कसे तैयार । मुस्तैद | कमरा - संज्ञा पुं० १. कोठरी । २. फोटोग्राफी का वह औज़ार जिसके मुँह पर लेस या प्रतिबिंब...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:४३, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१४८ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '________________ कब्ज़ादार किवाड़ या संदूक में जड़े जानेवाले लोहे या पीतल की चद्दर के बने हुए दो खूँटे टुकड़े । ३. अधिकार । कब्ज़ादार - संज्ञा पुं० [भाव० संज्ञा कुब्जादारी ] १. व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:४३, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१४७ पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' कपोतव्रत १. कबूतर । २. पक्षी । कपोतव्रत - संज्ञा पुं० चुपचाप दूसरे के अत्याचारों को सहना । कपोती-संज्ञा स्त्री० कबुतरी । वि० कपात के रंग का । कपोल -मंज्ञा पुं० गाल । कपो...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:४२, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१४६ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '________________ कपट कृष्ण । २. प्रिय व्यक्ति । कपट - संज्ञा पुं० [वि० कपटी ] छल । कपटना- क्रि० स० काटकर अलग करना । कपटी - वि० धूर्त्त । कपड़छन, कपड़छान -संज्ञा पुं० किसी पिसी हुई बुक...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:४०, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१४५ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '________________ कनय कनय - संज्ञा पुं० दे० "कनक" । कनरस -संज्ञा पुं० गाना-बजाना सुनने का आनंद | कनरसिया - संज्ञा पुं० गाना-बजाना सुनने का शौकीन | कनसार - सज्ञा पुं० ताम्रपत्र पर लेख...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:४०, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१४४ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '________________ कुदर क़दर - संज्ञा खो० मान । कदरई* -संज्ञा स्त्री० कायरता । कदरदान - वि० क़दर करनेवाला । कंदरदानी - -संज्ञा स्त्री० गुणग्राहकता । कदराई -संज्ञा खो० कायरपन । कदरा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:३९, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१४३ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '________________ कतरी व्यक्ति को बचाकर किनारे से निकल जाना । क्रि० स० कटाना । कतरी - संज्ञा स्त्री० कोल्हू का पाट जिस पर श्रादमी बैठकर बैलों को हाँकता है 1 कतल - संज्ञा पुं० वध । क...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:३९, ६ दिसम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१४२ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '________________ कड़क - संज्ञा स्त्री० १. कठोर शब्द । २. वज्र । ३. कसक | कड़कड़- -संज्ञा पुं० घेार शब्द | कड़कड़ाता - वि० [स्त्री० कड़कड़ाती ] कड़कड़शब्द करता हु श्रा । कड़ाके का । कड़...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १४:२८, २१ नवम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१४१ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '________________ कटि कछुए की खोपड़ी । कटि-संज्ञा जो० कमर । कटिजेव-संज्ञा स्त्री० करधनी । कटिबंध - संज्ञा पुं० १. कमरबंद | २. गरमी सरदी के विचार से किए हुए पृथ्वी के पांच भागों में...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १४:२८, २१ नवम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१०६ पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' उगवना कराना । ३. पचे हुए माल को निकलवाना | उगवना* - क्रि० स० दे० "उगाना" । उगसाना - क्रि० स० दे० " उक- साना" । उगाना - क्रि० स० जमाना । अंकुरित करना । उगार, उगाल-संज्ञा पुं० पीक ।...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १४:२८, २१ नवम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१०५ पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' उकताना उकताना- क्रि० अ० १. ऊबना । २. जल्दी मचाना । उकलना- क्रि० प्र० १. उच्चड़ना । २. लिपटी हुई चीज़ का खुलना । उकलाई - सज्ञा स्त्री० कै । उलटी । उकलाना - क्रि० अ० उलटी करना ।...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १४:२७, २१ नवम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१०४ पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' ईस ईस – संज्ञा पुं० दे० "ईश" । ईसन - संज्ञा पुं० ईशान कोण | ईसर - संज्ञा पुं० ऐश्वर्यं । ईसवी - वि० ईसा से संबंध रखनेवाला । ईसा - संज्ञा पुं० ईसाई धर्म के प्रवर्त्तक । ६६ उकड...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १४:२६, २१ नवम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१०३ पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' ई - हिंदी वर्णमाला का चौथा अक्षर और 'इ' का दीर्घ रूप जिसके उच्चारण का स्थान तालु है 1 ईगुर-संज्ञा पुं० गंधक और पारे से घटित एक खनिज पदार्थ जिसकी ललाई बहुत चटकी होती है। सि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १४:२६, २१ नवम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१०२ पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' इलायची इलायची - संज्ञा स्त्री० एक सदाबहार पेड़ जिसके फल के बीजों में बड़ी तीक्ष्ण सुगंध होती है । है इलाही - संज्ञा पुं० ईश्वर । खुदा | वि० देवी । ईश्वरीय । इल्ज़ाम -संज...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १४:२६, २१ नवम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१०१ पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' इतरेतर ६३ इतराना सूचित इतरेतर - क्रि० वि० परस्पर । इतरांहाँ- वि० करनेवाला । इतवार -संज्ञा पुं० रविवार | इतस्ततः - क्रि० वि० इधर-उधर । इताश्रत - संज्ञा स्त्री० आज्ञापालन...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १४:२५, २१ नवम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१०० पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' इकसठ - इकसठ - वि० साठ और एक । इकसर - वि० अकेला । इक सूत - वि० एक साथ । इकट्ठा । इकहरा - वि० दे० " एकहरा" । इकात - वि० दे० "एकांत" । इक्का - वि० [सं० एक ] १. श्रकेला । २. अनुपम । बेजोड़ | स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १४:२५, २१ नवम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/९९ पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' इंद्रगोप इंद्रगोप- संज्ञा पुं० बीरबहूटी नाम का कीड़ा । इंद्रजव-संज्ञा पुं० कुड़ा | कौरैया का बीज । इंद्रजाल - संज्ञा पुं० मायाकर्म । जादू- गरी । तिलस्म । इंद्रजाली - वि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १४:२४, २१ नवम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/९८ पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' आहार-विहार आहार-विहार-संज्ञा पुं० खाना, पीना, सोना आदि शारीरिक व्यवहार । रहन-सहन । श्राहारी - वि० खानेवाला । भक्षक । श्राहार्थ्य - वि० १. ग्रहण किया हुआ । २. खाने योग्य ।...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:५०, १८ नवम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१४० पृष्ठ बनाया (अशोधित: '________________ कजलौटा कजलोटा - संज्ञा पुं० [स्त्री० भल्पा० कज- लौटी ] काजल रखने की लोहे की डंडीदार डिबिया । कक्षा - संज्ञा स्त्री० मौत । कजाक - संज्ञा पुं० लुटेरा । कजाकी - संज्ञ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:४८, १८ नवम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१३९ पृष्ठ बनाया (अशोधित: ' कचना हुआ अचार | २. कुचली हुई वस्तु । कचाना - क्रि० स० चुभाना । कचोरा+-संज्ञा पुं० [स्त्री० कचोरी ] कटोरा | कचौड़ी, कचौरी - संज्ञा स्त्री० एक प्रकार की पूरी जिसके भीतर उरद श्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:४७, १८ नवम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१३८ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '________________ कंपित कंपित - वि० काँपता हुआ । कंपू - संज्ञा पुं० छावनी । कंबल - संज्ञा पुं० [स्रो० अल्पा० कमली ] ऊन का बना हुआ मोटा कपड़ा । कंबु, कंबुक - संज्ञा पुं० १. शंख । २. घोंघा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:४७, १८ नवम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१६५ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '________________ कागज़ी - वि० १. काग़ज़ का बना हुआ । २. लिखित | कागद +- संज्ञा पुं० दे० कागभुसुंड-संज्ञा पुं० "काग़ज़ " । दे० "काक- कागर - संज्ञा पुं० दे० " काग़ज़ " । संज्ञा पुं० चिड़ियो...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:४६, १८ नवम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/१३७ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '________________ कंटोप कंटोप - संज्ञा पुं० एक प्रकार की टोपी जिससे सिर और कान ढके रहते हैं । कंठ-संज्ञा पुं० [ वि० कंठा ] १. गला । २. र्घाटी । ३. स्वर । कंठगत- वि० गल्ले में झाया हुआ कं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १५:०२, १२ नवम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/९७ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '________________ आस-पास आस-पास - क्रि० वि० चारों ओर । बिकट | इधर-उधर । श्रसमान-संज्ञा पुं० [वि० भासमानी] १. आकाश । २. स्वर्ग । आसमानी - वि० १. श्राकाश-संबंधी । २. प्रकाश के रंग का । हलका...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १५:०१, १२ नवम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/९६ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '________________ आशंका टने या ढंकने की वस्तु | आशंका - संज्ञा स्त्री० १. डर । भय । २. शक | संदेह | ३. अनिष्ट की भावना । श्राशना - संज्ञा उभ० १. जिससे जान- पहचान हो । २. प्रेमी । आशनाई - संज्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १५:००, १२ नवम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/९५ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '________________ आलोड़ना ८७ वेन आलोड़ना - क्रि० स० १. मधना । २. हिलारना । आल्हा - संज्ञा पुं० १. महोबे के एक वीर का नाम जो पृथ्वीराज के समय में था । २. बहुत लंबा-चौड़ा वर्णन । ३. श्राल...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १४:५९, १२ नवम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/९४ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '________________ श्राय्र्य-समाज आर्य समाज-संज्ञा पुं० एक धार्मिक समाज या समिति जिसके संस्थापक स्वामी दयानंद थे । आर्या-संज्ञा स्त्री० १. पार्वती । २. सास । ३. दादी । पितामही । ४....' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- १४:५८, १२ नवम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/९३ पृष्ठ बनाया (आवश्यक नहीं) टैग: पाठ के बिना
- ११:५०, ५ नवम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/९२ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '________________ आमिष वाला । कर्मचारी । २० हाकिम । ३. सिद्ध । श्रामिष-संज्ञा पुं० मांस । श्रामिषाशी - वि० [स्त्री० श्रामिषाशिनी] मांसभक्षक । श्रमुख -संज्ञा पुं० नाटक की प्रस्ता...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं
- ११:४९, ५ नवम्बर २०२४ अमृता कुमारी पाण्डेय वार्ता योगदान ने पृष्ठ:बाल-शब्दसागर.pdf/९१ पृष्ठ बनाया (अशोधित: '________________ शाबक श्राबरू - संज्ञा स्त्री० इज्जत । मान । श्राब - हवा -संज्ञा स्त्री० जल-वायु । श्राबाद - वि० बसा हुआ । श्रीबादकार-संज्ञा पुं० वे काश्तकार जो जंगल काटकर भावाद...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) टैग: शोधित नहीं