हड़ताल/अङ्क दूसरा दृश्य २

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[ १४१ ]

दृश्य २

[चार बज चुके हैं। झुट पटासे का समय है। एक खुले हुए कीचड़ से भरे मैदान में मज़दूर जमा हैं। आगे काँटेदार तारों का बाड़ा है जिस के उस पार एक नहर की ऊँची पटरी है। नहर में एक नौका बँधी हुई है। दूरी पर दलदल है और बर्फ से ढकी हुई पहाड़ियाँ हैं। कारखाने की ऊँची दीवार नहर से इस मैदान में होती हुई जाती है। दीवार के कोने में पीपों और तख्तों का एक भद्दा सा मंच है। उस पर हारनेस खड़ा है। इस भीड़ से कुछ दूर हटकर रॉबर्ट दीवार का तकिया लगाए खड़ा है। ऊँची पटरी पर दो मल्लाह निश्चिन्त लेटे हुए सिगरेट पी रहे हैं।]

हारनेस

[हाथ फैलाकर]

बस, मैंने तुम लोगों से साफ़ साफ़ कह दिया। मैं अगर कल तक बोलता रहूँ तब भी इस से ज्यादा और कुछ नहीं कह सकता। [ १४२ ]

जागो

[साँवला रंग, चेहरा पीला, स्पेनियों की सी सूरत, छोटी खसखसी डाढ़ी]

महाशय, आप से एक बात पूछता हूँ! वह लोग हम में से किसी को फोड़ सकते हैं?

बलजिन

[धमका कर]

मुँह धो रक्खें!

[मजूरों के गिरोह में लोग बक-झक करने लगते हैं]

ब्राउन

[गोल चेहरा]

पाएँगे कहाँ?

इवैन्स

[ठिगना, चंचल, दिलजला, सूरत से लड़ाका]

घर के भेदियों की कभी कमी नहीं रहती। ऐसे आदमी हमेशा रहेंगे जो पहले अपनी जानकी खैर मनाते हैं। [ १४३ ][फिर मजूरों के गिरोह में हलचल मच जाता है। कुछ लोग खिसकने लगते हैं। बूढ़ा टॉमस गिरोह में मिल जाता है और सामने खड़ा होता है।]

हारनेस

[हाथ उठा कर]

ऐसे गुर्गे उन लोगों को नहीं मिल सकते। लेकिन इस से आप का कोई लाभ नहीं। आप लोग ज़रा न्याय से काम लीजिए। तुम्हारी माँगों का नतीजा यह होता कि हमें एक साथ एक दर्जन हड़तालों का सामना करना पड़ता। और हम इस के लिये तैयार न थे। 'पञ्चायत' का उद्देश्य है 'न्याय' किसी एक के लिये नहीं, सब के लिये। किसी ईमानदार आदमी से पूछो –– वह साफ़ कह देगा तुम से भूल हुई! मैं यह नहीं कहता कि तुम्हें जितना पाने का हक़ है, तुम उस से ज्यादा माँग रहे हो, लेकिन इस समय तुम ज़रूर बहुत आगे जा रहे हो। तुमने अपने लिये गड्ढा खोद लिया है। अब सवाल यह है तुम वहीं पड़े रहोगे या जोर लगाकर बाहर निकलोगे। [ १४४ ]

लुइस

[सजीला आदमी, काली मूछें]

आप ने खूब कहा महाशय, दोनों में कौन सी बात पसन्द करते हो?

[गिरोह के लोग फिर खिसकने लगते हैं, और राउस जल्दी से आकर टॉमस के पास खड़ा हो जाता है।]

हारनेस

अपनी माँगों को काट छाँट कर ठीक कर लो, फिर हम तुम्हारे लिये जान देने को तैयार हैं। लेकिन अगर तुम्हें इन्कार है तो फिर यह आशा मत रक्खो कि मैं यहाँ आकर अपना समय नष्ट करूँगा। मैं उन आदमियों में नहीं हूँ जो अंट संट बका करते हैं। शायद यह बात आप लोगों को मालूम होगी। मेरा विश्वास है कि तुम लोग अपनी धुन के पक्के हो। अगर यह ठीक है तो तुम लोग काम पर आने का निश्चय करोगे चाहे कोई तुम्हें कितनी ही उल्टी सलाह दे।

[रॉबर्ट पर आँखें गड़ो देता है।]

[ १४५ ]फिर हम देखेंगे कि कैसे तुम्हारो शतें नहीं पूरी होतीं। बोलो क्या मंजूर है? हम से मिलकर विजय पाना चाहते हो, या इसी तरह भूखों मरना?

[मजूरों में देर तक काँव काँव होती है]

जागो

[गुर्राकर]

वही बातें कीजिए जिन का आप को ज्ञान है।

हारनेस

[ऊँचे स्वर से]

ज्ञान?

[उद्गार को रोक कर]

मित्रवर, मुझ से कोई बात छिपी नहीं है। जो कुछ तुम पर बीत रही है, वह मुझ पर बीत चुकी है, उस वक्त बीत चुकी है जब-

[एक लौंडे की तरफ इशारा करके]

मैं उस लौंडे से बड़ा न था। तब पंचायतें वह न थीं जो आज हैं। ये कैसे इतनी बलवान हो गईं? इसी [ १४६ ] मेल ने उन्हें इतना बलवान बना दिया है। विश्वास मानों, सब कुछ सह चुका हूँ। मेरी आत्मा पर अब तक उस की निशानी बनी हुई है। तुम पर जो कुछ पड़ी है वह मैं सब जानता हूँ। लेकिन पूरा एक टुकड़े से बड़ा होता है, और तुम केवल एक टुकड़ा हो। अगर तुम हमारा साथ दोगे तो हम भी तुम्हारा साथ देंगे।

[अपनी आँखों से उन की टोलियों का अनुमान कर के वह कान लगाए खड़ा रहता है। आदमियों में और ठाँय ठाँय होने लगती है। उन की छोटी छोटी टोलियाँ बन जाती हैं। ग्रीन, बलजिन और लुइस बातें करते हैं।]

लुइस

यूनियन का यह आदमी बहुत सोच समझकर बातें करता है।

ग्रीन

[धीरे से]

हा! अगर किसी ने मेरी बातों पर कान दिया होता तो मैं गत दो महीनों से यही कहता चला आता हूँ।

[मल्लाह हँसते दिखाई देते हैं]

[ १४७ ]

लुइस

[उन की ओर उँगली उठा कर]

बाड़े के उस पार उन दोनों गधों को देखो।

बलजिन

[उदास क्रोध से]

अगर इन सभों ने खिल खिल किया तो दाँत तोड़ कर पेट में डाल दूँगा।

जागो

[यकायक]

आप कहते हैं कि भट्ठी वालों को काफ़ी मजूरी मिलती है?

हारनेस

मैं ने यह नहीं कहा कि उन्हें काफ़ी मजूरी मिलती है, मैं ने यह कहा कि उन्हें उतनी ही मजूरी मिलती है जितनी

ऐसे ही कामों के लिये दूसरे कारख़ाने में मिलती है। [ १४८ ]

इवैन्स

यह झूठी बात है।

[हलचल मच जाता है]

हारपर के कारख़ाने का नाम तो आप ने सुना होगा?

हारनेस

[शीतल व्यंग से]

दोस्त, झूठ का व्यापार तुम्हारे घर होता होगा। हारपर के यहाँ ओसरी देर तक रहती है, हिसाब लगाने से मजूरी एक ही पड़ती है।

हेनरी राउस

[अपने भाई जार्ज की हूबहू नक़ल। हाँ रङ्ग साँवला है]

सनीचर को ओवर टाइम के लिये आप दूनी मजूरी का समर्थन करेंगे?

हारनेस

हाँ, करेंगे।

जागो

आप ने हमारे चन्दों का क्या किया? [ १४९ ]

हारनेस

[रुखाई से]

हम बता चुके हैं कि हम उन का क्या करेंगे?

इवेन्स

बस, करेंगे, जब सुनिए करेंगे। आप हमारे साथियों को तोड़ना चाहते हैं।

[हलचल]

बलजिन

[चिल्लाकर]

क्या झगड़ा मचा रहे हो?

[इवैन्स क्रोध से इधर उधर ताकता है]

हारनेस

[ऊँचे स्वर से]

जिन के आँखें हैं, उन्हें मालूम है कि पंचायतें न चोर हैं न दगाबाज़, मुझे जो कुछ कहना था कह चुका। अब [ १५० ]तुम अपना लेखा डेवढ़ा समझ लो। जब मेरी ज़रूरत हो घर से बुला लेना।

[वह कूदकर नीचे आता है, लोग रास्ता छोड़ देते हैं, वह उन के बीच से होता हुआ निकल जाता है एक मल्लाह अपने पाइप को हिला हिलाकर उस की ओर मखौल के आप से देख रहा है। मजूरों की टोलियाँ बन जाती हैं और बहुत सी आँखें रॉबर्ट की ओर उठती हैं जो दीवार के सहारे अकेला खड़ा है।]

इवैन्स

यह चाहता है कि तुम थूक कर चाटो। बस यही इसकी मंशा है। वह चाहता है कि तुम हमारी बातों को दुलख दो। थूक कर तो न चाटेंगे चाहे भूखों मर जायँ।

बलजिन

थूक कर चाटने की बात कौन कर रहा है? ज़रा ज़बान सँभाल कर बोलो-समझ गए।

लोहार

[एक युवक, जिस के बाल काले और बाहें लम्बी हैं]

औरतें क्या करेंगी? [ १५१ ]

इवैन्स

जो हम झेल सकते हैं वह औरतें भी झेल सकती हैं, या इस में कोई सन्देह है?

लोहार

घर में स्त्री नहीं है न?

इवैन्स

चाहता भी नहीं।

टॉमस

[ऊँचे स्वर से]

भाइयो, हमें यह अख़तियार दो कि लंदन शे शमझौता कर सकें।

डेवीज़

[साँवला, सुस्त और उदास]

मंच पर चढ़ जाव। अगर तुम्हें कुछ कहना है तो मंच पर चढ़ कर कहो।

["टामस" का शोर मच जाता है। लोग उसे ढकेल कर मंच की तरफ़ लाते है। वह ज़ोर लगा कर उस

[ १५२ ]पर चढ़ता है और टोपी उतार कर लोगों के चुप हो जाने का इन्तज़ार करता है। सब चुप हो जाते हैं।]

लाल बालों वाला युवक-हाँ बूढ़े दादा, टॉमश।

[कोई बैठे हुए गले से हँसता है। दोनों मल्लाह बातें करते हैं। फिर सन्नाटा छा जाता है और टॉमस बोलने लगता है।]

टॉमस

हम शब एक शाथ डूब रहे हैं और पिरकिरती ने हमें इश गहराई में डाल दिया है।

हेनरी राउस

लन्दन ने डाला है, लन्दन ने।

इवैन्स

पंचायत ने डाला है।

टॉमस

न लन्दन ने डाला है, न पंचायत ने डाला है, यह पिरकिरती का काम है। पिरकिरती के शामने शिर [ १५३ ] झुकाने में किशी का भी अपमान नहीं हो शकता। क्योंकि पिरकिरती बहुत बड़ी चीज़ है, आदमी की इश के शामने कोई गिन्ती नहीं। मैं ने जितना जमाना देखा है, उतना यहाँ और किशी ने न देखा होगा। मेरी बात मानो, पिरकिरती से लड़ना बहुत बुरी बात है। दूशरों को कष्ट में डालना बुरी बात है जब इश शे किशी का कोई उपकार न हो।

[कोई हँसता है। टॉमस झल्लाकर बोलता है]

तुम हँश किश बात पर रहे हो? मैं कहता हूँ यह बुरी बात है। हम एक शिद्धान्त के लिये लड़ रहे हैं। किशी को यहाँ यह कहने का शाहश नहीं हो शकता कि मैं शिद्धान्त का भक्त नहीं हूँ। लेकिन जब पिरकिरती कहती है 'बश, इशके आगे क़दम मत उठाओ' तो कान में तेल डालकर बैठना अच्छी बात नहीं।

[रॉबर्ट हँस पड़ता है। कुछ लोग धीमे स्वर में उस का समर्थन करते हैं]

इश पिरकिरती का रुख देख कर चलना चाहिए। आदमी का धरम है कि वह शच्चा, ईमानदार और दयालु बने। धरम तुम्हें यही उपदेश देता है। [ १५४ ]

[रॉबर्ट से क्रोध के साथ]

और मेरी बात सुना डेविड रॉबर्ट, धरम कहता है कि पिरकिरती के सामने ताल ठोंके बिना तुम यह सब कुछ कर शकते हो।

जागो

और पंचायत?

टॉमस

मैं पंचायत का कुछ भरोशा नहीं करता। उन लोगों ने हमारी कुछ परवाह नहीं की। हम से कहते थे 'जो हम कहें वह करो'। मैं बीश शाल से भट्ठी वालों का जमादार हूँ!

[जोश के साथ]

मैं पंचायत से पूछता हूँ 'क्या तुम मेरी तरह दावे के शाथ कह सकते हो कि भट्टी वाले जो काम करते हैं उशकी ठीक मजूरी क्या है? पच्चीश शाल से मैं पंचायत को बराबर चन्दा देता आता हूँ और-

[बिगड़ कर]

[ १५५ ]उश का कुछ नतीजा नहीं! यह बेईमानी नहीं तो और क्या है, चाहे मिशटर हारनेश लाख बातें बनावें।

[लोग बड़बड़ाते हैं]

इवैन्स

सुनो सुनो!

हेनरी राउस

कहते चलो, कहते चलो! तो फिर इसे धता क्यों नहीं बताते!

टॉमस

मेरी बात शुनो, अगर कोई आदमी हमारा विश्वाश नहीं करता तो क्या मैं उशका विश्वाश कर शकता हूँ?

जागो

बिलकुल ठीक!

टॉमस

समझ लो कि वह शब बेईमान हैं, और अपने पैरों पर खड़े हो।

[लोग बड़बड़ाते हैं]

[ १५६ ]

लोहार

यही तो हम लोग कर रहे हैं, या कुछ और?

टॉमस

[और जोश में आकर]

मुझे शिखाया गया था कि अपने पैरों पर खड़े हो। मुझे शिखाया गया था कि अगर तुम्हारे पाश कोई चीज़ खरीदने के लिये पैशे नहीं हैं तो उधर आँख उठा कर मत देखो। दूशरों के धन पर मौज करना कोई अच्छी बात नहीं। हम शच्ची लड़ाई लड़े, और अगर हार गए तो इश में हमारा कोई दोष नहीं। हमें यह अख़तियार दे दो कि हम लंदन से अपने बूते पर शमझौता कर लें। अगर इश में शफल न हों तो हमें चाहिये कि अपनी हार मरदों की तरह शहें, यह नहीं कि कुत्तों की मौत मरें, या दूसरे की दुम के पीछे लगे रहें कि वे हमारा उद्धार कर देंगे!

इवैन्स

[दबी आवाज़ से]

यह कौन चाहता है? [ १५७ ]

टॉमस

[गरदन उठा कर]

कौन बोलता है? अगर मैं किशी से भिडूं और वह मुझे दे पटके तो मैं किशी की गुहार न लगाऊँगा, धूल झाड़ कर फिर उठूँगा। अगर वह मुझे शफ़ाई के शाथ पटक देगा तो धूल झाड़ता हुआ अपनी राह लूँगा। ठीक है या नहीं?

[सब लोग हँसते हैं]

जागो

पंचायत की क्षय!

हेनरी राउस

पंचायत की जय!

[और लोग शोर में मिल जाते हैं।]

इवैन्स

थूक कर चाटने वाले!

[बलजिन और लोहार इवैन्स को घूँसा दिखाते हैं।]

[ १५८ ]

टॉमस

[सिर हिलाकर]

मैं बूढ़ा आदमी हूँ, यह शमझ लो।

[सब चुप हो जाते हैं, फिर बकबक होने लगता है]

लुइस

बूढ़ा उल्लू, पंचायत का विरोधी!

बलजिन

मेरा बस चले तो इन भट्ठी वालों का सिर तोड़ के रख दूँ।

ग्रीन

अगर लोगों ने पहले मेरी बातों पर कान दिया होता-

टॉमस

[माथ पोंछकर]

अब मैं उस बात पर आ रहा हूँ जो मैं कहने जा रहा था[ १५९ ]

डेवीज़

[दबी ज़बान से]

अब उस का समय भी है!

टॉमस

[धार्मिक भाव से]

धर्म कहता है-'यह लड़ाई बन्द कर दो!

जागो

झूठी बात है! धर्म कहता है-लड़ाई छिड़ी रहे।

टॉमस

[गर्व से]

शच! मुझे ईश्वर ने कान दिए हैं।

लाल बालों वाला युवक

हाँ, बहुत बड़े बड़े।

[हँसता है]

[ १६० ]

जागो

तब तुम्हारे कानों ने तुम्हें धोखा दिया!

टॉमस

[झल्लाकर]

या तुम शच्चे हो, या मैं शच्चा हूँ। तुम दोनों तरफ़ नहीं जा शकते।

लाल बालों वाला युवक

लेकिन धर्म तो जा सकता है।

["शेवर" हँसता है। गिरोह में दबी ज़बान से बातें होने लगती हैं।]

टॉमस

["शेवर" की ओर आँखें जमा कर]

आह! तुम शब के शब अपने पैरों में कुल्हाड़ी मार रहे हो। इश लिये मैं तुम को जताए देता हूँ कि अगर तुम धर्म की जड़ काटोगे तो मैं तुम्हारा शाथ न दूँगा, और न कोई दूशरा ईश्वरभक्त आदमी शाथ दे शकता है। [ १६१ ][वह मंच से उतर जाता है। जागो मंच की ओर जाता है। "उसे मत जाने दो" की आवाजें सुनाई देती हैं।

जागो

उसे मत जाने दो? कहते शर्म भी नहीं आती।

[वह मंच पर चढ़ जाता है]

मुझे तुम लोगों से बहुत कुछ नहीं कहना है। इस मामले को सीधे सादे ढंग से देखो, इतनी दूर तो तुम मज़े से चले आए, अब तुम सफ़र से मुँह मोड़ रहे हो। क्या यह भलमंसी है? अब हम सब एक नाव में थे। अब तुम दो नावों पर बैठना चाहते हो। हम इंजिनियरों ने अब तक तुम्हारा साथ दिया। अब तुम हमें दग़ा दे रहे हो। अगर हमें यह पहलेसे मालूम होता तो हम तुम्हारे साथ चलते ही क्यों? बस मुझे इतना ही कहना है। बूढ़े टॉमस ने बैबल की दुहाई दी है, पर बैबल का आशय ठीक नहीं समझा। अगर तुम लंदन या हारनेस की शरण जाते हो तो इस का यह आशय है कि तुम अपनी चमड़ी बचाने के लिये हमें गच्चा दे रहे हो-मगर तुम धोखा खावोगे भाइयो, यह भले आदमियों का काम नहीं है। [ १६२ ][वह मंच से उतर पड़ता है। उस के छोटे से भाषण के समय मजूरों में व्यग्र अशान्ति रहती है। राउस आगे बढ़कर मंच पर कूद कर चढ़ जाता है। चेहरा क्रोध से तिलमिलाया हुआ है। मजूरों के दल में अप्रसन्नता की भनभनाहट।]

राउस

[बहुत उत्तेजित होकर]

भाइयो, मैं कोरा बक्की नहीं हूँ, मैं जो कहता हूँ वह मेरे हृदय से निकल रहा है आदमी का स्वभाव देखिए। क्या यह हो सकता है कि किसी की माता भूखों तड़प रही हो और वह टुकुर टुकुर देखा करे? क्या अब हम से ऐसा हो सकता है?

रॉबर्ट

[आगे बढ़कर]

राउस!

राउस

[उसे रोष से देख कर]

सिम हारनेस ने जो कुछ कहा वाजिब कहा। मैं ने अपनी राय बदल दी है। [ १६३ ]

इवैन्स

अरे! तो क्या तुम उधर मिल गए?

[लोग चकित हो कर ताकने लगते हैं]

लुइस

[अन्योक्ति के भाव से]

क्यों भाई, यह क्यों पलट गया?

राउस

[आपे से बाहर हो कर]

उस ने वाजिब कहा। उस ने कहा 'तुम हमारा साथ दो, और हम तुम्हारा साथ देंगे। इतने दिनों से हम इसी मामले में ठोकरें खा रहे हैं। और यह किस का दोष है?

[रॉबर्ट की तरफ उँगली दिखाता है]

उस आदमी का! वह कहता था-"नहीं, लुटेरों से लड़ो, उन का गला घोंट दो।" लेकिन उन का गला नहीं घुटा, हमारा और हमारे घर वालों का गला घुट गया। यह सच्ची बात है। भाइयो, मैं बाणी का बहादुर नहीं हूँ, [ १६४ ] मुझ में जो रक्त और मांस है वह बोल रहा है। मेरा हृदय बोल रहा है।

[कठोर, पर कुछ लज्जित भाव से रॉबर्ट को देख कर]

वह महाशय अभी फिर बोलेंगे, लेकिन मेरी बात मानो, उन की बातों पर कान मत दो।

[लोग साँसें भरने लगते हैं]

उस आदमी की बाणी में आग भरी हुई है।

[रॉबर्ट हँसता हुआ नजर आता है]

सिम हारनेस ठीक कहता है। पंचायत के बिना हम हैं क्या-मुट्ठी भर सूखी पत्तियाँ,-या धुएँ की एक फूँक। मैं बाणी का बहादुर नहीं हूँ, लेकिन मेरी बात मानो, इस झगड़े को बंद करो। बाल बच्चों को भूखों मारने से यह कहीं अच्छा है।

[समर्थन की आवाजें विरोध की आवाज़ों को दबा देती हैं]

इवैन्स

तुम ने यह चोला क्यों बदला जी? [ १६५ ]

राउस

[क्रोधातुर भाव से]

सिम हारनेस समझ बूझ कर बोलता है। हमें अख़तियार दो कि लंदन वालों से समझौता करलें। मैं बोलना नहीं जानता, लेकिन कहता हूँ इस सत्यानासी बिपत्ति का अन्त कर दो।

[वह अपने मफलर को लपेटता है, सिर को पीछे की ओर झटक कर मंच से उतर पड़ता है। मजूर दल तालियाँ बजाता हुआ आगे बढ़ता है। आवाजें आती हैं-"बस, इतना बहुत है, यूनियन की जाय!" "हारनेस की जय!" उसी वक्त रॉबर्ट मंच पर आता है। सब चुप हो जाते हैं।]

लोहार

हम तुम्हारी बात नहीं सुनना चाहते। मत बको।

हेनरी राउस

नीचे आवो।

[यों हाँक लगाते हुए समूह मंच की ओर चलता है]

[ १६६ ]

इवैन्स

[झल्लाकर]

बोलने दो! बोलने दो! रॉबर्ट! रॉबर्ट!

बलजिन

[दबी जबान से]

अच्छा हो कि यह ख़िसक जाय। कहीं मैं उस की खोपड़ी न तोड़ डालूँ।

[रॉबर्ट समूह के सामने खड़ा हो कर उसे अपनी आँखों से तौलता है; यहाँ तक कि धीरे धीरे लोग चुप हो जाते हैं। वह बोलना शुरू करता है। दोनों में से एक मल्लाह उठ कर खड़ा हो जाता है।]

रॉबर्ट

तो तुम लोग मेरी बात नहीं सुनना चाहते? तुम राउस और उस बूढ़े आदमी की बात सुनोगे। मेरी बात न सुनोगे। तुम यूनियन के साइमन हारनेस की बात सुनोगे जिस ने तुम्हारे साथ इतना सुन्दर व्यवहार किया है; शायद तुम लंदन वाले आदमियों की बात भी सुनोगे। मेरी बात न [ १६७ ] सुनोगे। अच्छा! तुम साँसे खींच रहे हो! क्यों? तुम यही तो चाहते हो कि तुम्हारी गर्दन उन के पैरों के नीचे हो?

[बलजिन को मंच की ओर आते देख कर शान्त करुणा से]

क्यों जान बलजिन, तुम मेरे दाँत तोड़ना चाहते हो? मुझे बोलने दो, फिर शौक से तोड़ो, अगर तुम्हें इस में आनन्द आए।

[बलजिन चुपचाप और झल्लाया हुआ खड़ा हो जाता है]

क्या मैं झूठा हूँ, कायर हूँ, दगाबाज़ हूँ? मुझे विश्वास है कि अगर ये बातें मुझ में होतीं तो तुम शौक़ से मेरी बात सुनते।

[भनभनाहट बन्द हो जाती है और सन्नाटा छा जाता है]

यहाँ कोई ऐसा आदमी है जिसे हड़ताल से उतना धक्का पहुँचा हो जितना मुझे पहुँच रहा है? तुम में कोई ऐसा है जिस ने यह झगड़ा शुरू होने के बाद से ८०० पौंड की चपत खाई हो? अगर कोई है तो सामने आवे। टॉमस ने कितना बल खाया है-दस पौंड, पाँच पौंड, या कितना? तुम ने अभी उन की बातें सुनी हैं। आप ने फरमाया है "कोई यह नहीं कह सकता कि मैं नियम का पक्का नहीं हूँ।" [ १६८ ]

[तीक्ष्ण व्यंग के साथ]

"लेकिन जब प्रकृति कहता है, बस! तो हमें उस की आज्ञा माननी चाहिए।" मैं तुम से कहता हूँ क्या आदमी प्रकृति से यह नहीं कह सकता "अगर तेरा क़ाबू हो तो हमें यहाँ से जौ भर हटा दे?"

[अहङ्कार के भाव से]

उन का सिद्धान्त उन का पेट है। मगर टॉमस साहब कहते हैं-"आदमी निष्कपट, सच्चा, न्यायी और दयालू होकर भी प्रकृति की आज्ञा-पालन कर सकता है"। मैं तुम से कहता हूँ प्रकृति न निष्कपट है, न सच्ची, न्यायी न दयालु। तुम लोग जो पहाड़ी के ऊपर रहते हो और बर्फ़ीली रात को अंधेरे में थके माँदे घर जाते हो-क्या तुम्हें क़दम क़दम पर दाँतों पसीना नहीं आता? क्या तुम इस दयालु प्रकृति की कोमल दयालुता के भरोसे आराम से लेटते हुए जाते हो? ज़रा एक बार आज़माकर देखो और तुम्हें मालूम हो जायगा कि प्रकृति कितनी दयालु है।

[घूँसा तान कर]

प्रकृति की जो यह सेवा करता है वही मर्द है। टॉमस साहब फरमाते हैं-घुटने टेक दो, सिर झुका दो, यह व्यर्थ [ १६९ ] का झगड़ा मिटा दो! तब तुम्हारा शत्रु एक टुकड़ा तुम्हारे सामने फेंक देगा।"

जागो

कभी नहीं।

टॉमस

मैं ने यह नहीं कहा।

रॉबर्ट

[चुभती हुई आवाज़ में]

मित्रवर, तुम ने चाहे यह न कहा हो पर तुम्हारा मतलब यही था। और धर्म के विषय में तुम ने क्या कहा? तुम ने कहा-"धर्म इसे मना करता है"। "प्रकृति भी इसे मना करती है"। अगर धर्म और प्रकृति में इतनी एकता है तो मुझे यह बात आज ही मालूम हुई है। उस युवक ने-

[राउस की ओर इशारा कर के]

कहा है कि मेरी बाणी में नरक की आग भरी हुई है। अगर ऐसा होता तो मैं उस सारी आग को इस घुटना टेकने वाले प्रस्ताव को जलाने और झुलसने में लगा देता। घुटना टेकना कायरों और नमक हरामों का है। [ १७० ]

हेनरी राउस

[जार्ज राउस को बढ़ते देख कर]

ज़रा इस की खबर लो, जार्ज। इस की बातें न सुनो।

रॉबर्ट

[उंगली दिखा कर]

वहीं खड़े रहो, जार्ज राउस। यह निजी झगड़े चुकाने का मौका नहीं है।

[राउस ठहर जाता है]

लेकिन बोलने वालों में से एक रहा जाता है। मि॰ साइमन हारनेस। मि॰ हारनेस या पंचायत, किसी ने भी हमारे साथ बड़ा उपकार नहीं किया है। उन्हों ने कहा अपने साथियों को तिलांजलि दे दो, नहीं तो हम तुम्हें तिलांजलि दे देंगे। और यही उन्होंने किया हमें मँझधार में छोड़ दिया।

इवैन्स

बेशक छोड़ दिया। [ १७१ ]

रॉबर्ट

साइमन हारनेस साहब बड़े चतुर आदमी हैं लेकिन मौक़ा निकल गया।

[दृढ़ विश्वास से]

मगर साइमन हारनेस साहब जो चाहे कहें, टामस साहब जो चाहे कहें, राउस साहब जो चाहे कहें, मैदान हमारे हाथ है।

[समूह और समीप आ जाता है और उत्सुक हो कर उस की ओर देखता है।]

तुम से पेट की तकलीफ नहीं सही जाती। तुम भूल गए कि यह लड़ाई किस लिए छिड़ी। मैं तुम से कितनी ही बार बतला चुका हूँ; आज एक बार और बताए देता हूँ। यह इस देश के रक्त और मांस और रक्त चूसने वालों की लड़ाई है-एक तरफ़ वह लोग हैं जो मुँह से निकलने वाले हरेक साँस और हाथ से चलने हरेक चोट के साथ अपनी देह घुलाते हैं, दूसरी तरफ़ वह जन्तु है जो उन का मांस खाकर मोटा हो रहा है और दयालु प्रकृति के नियमानुसार दिन दिन फूलता चला जाता है। यह जन्तु पूँजी है! यह वह चीज़ है जो आदिमियों के माथे का [ १७२ ]पसीना और उन के मस्तिष्क की पीड़ा अपने दामों मोल लेती है। क्या मुझ से यह बात छिपी है? क्या मेरे मस्तिष्क का रत्न सात सौ पौंड में नहीं खरीद लिया गया और उस से घर बैठे एक लाख पौंड नफ़ा नहीं हुआ? यह वह चीज़ है जो तुम से अधिक से अधिक लेना, और तुम्हें कम से कम देना चाहती है। यह पूँजी है! यह वह चीज़ है जो तुम से कहती है-"प्यारो, हमें तुम्हारी दशा पर बड़ा दुख है, हम जानते हैं तुम बड़े कष्ट में हो," लेकिन तुम्हारे उद्धार के लिये अपने नफ़े की एक कौड़ी भी नहीं छोड़ती। यह पूँजी है! मुझ से कोई बतलाए उन में से कौन गरीबों की मदद के लिये इंकम टैक्स पर एक पाई भी बढ़ाने पर राज़ी होगा? यह पूँजी है! एक सुफ़ेद चेहरा और पत्थर का दिल रखने वाला देव! तुम ने उसे पछाड़ लिया है। क्या इस अन्त के समय तुम इस नश्वर देह के कष्ट से मैदान छोड़ दोगे? आज सवेरे जब मैं लन्दन के उन महानुभावों से मिलने गया तो मैंने उन के हृदय तक बैठ कर देखा। उन में से एक का नाम स्कैंटल-बरी है-माँस का एक लोंदा जो हमें खाकर परचा है। वह दूसरे हिस्सेदारों की तरह जो बिना हाथ पाँव हिलाए [ १७३ ] आनन्द से सालाना नफ़ा लेते चले जाते हैं बैठा हुआ था-एक बड़ा मोटा बैल जो उसी वक्त चौंकता है जब उस के रातिब में बाधा पड़ती है। मैं ने उस की आँखें देखीं और मुझे मालूम हुआ कि उस के दिल में डर समाया हुआ है। अपनी, अपने नफ़े की, अपने मेहनताने की और हिस्सेदारों की शंका उसे मारे डालती थी। एक को छोड़ कर और सब घबड़ाए हुए हैं, उन बालकों की भाँति जो रात को जंगल में भटक गए हों और पत्ती के ज़रा से खड़कने पर चौंक पड़ते हों। मैं तुम से आज्ञा माँगता हूँ।

[वह ज़रा दम लेकर हाथ फैलाता है यहाँ तक कि बिलकुल सन्नाटा छा जाता है]

कि मुझे उन महाशयों से यह कहने का पूरा अख़तियार दे दो "कि आप लोग लन्दन सिधारें, मजूरों को आप से कुछ नहीं कहना है!"

[कुछ भनभनाहट होती है]

मुझे यह अखतियार दो और मैं क़सम खाकर कहता हूँ कि एक सप्ताह में तुम्हारी सब माँगें पूरी हो जायँगी। [ १७४ ]

इवैन्स, जागो आदि

हाँ, इन को पूरा अख़तियार दो, पूरा अख़तियार!! शाबाश शाबाश !!

रॉबर्ट

यह लड़ाई हम इस छोटी सी चार दिन की ज़िन्दगी के लिये नहीं लड़ रहे हैं।

[भनभनाहट बन्द हो जाती है]

अपने लिये, अपनी इस छोटी सी नश्वर देह के लिये नहीं, उन लोगों के लिये जो हमारे बाद हमेशा आते रहेंगे।

[हार्दिक व्यथा से]

भाइयो, अगर उन का कुछ भी ख़याल है तो उस के सिर पर एक पत्थर और मत लुढ़कावो, आकाश पर और भयंकर अन्धकार मत फैलाओ कि वे सागर की उद्दाम तरंगों में समा जायँ। मैं उन के लिये बड़ी से बड़ी बातें झेलने को तय्यार हूँ, हम सब इस के लिये तैयार हैं। इस में किसे इन्कार हो सकता है। [ १७५ ]

[दाँत पीस कर]

अगर हम इस उजले मुँह और लाल ओठ वाले दैत्य की गर्दन मरोड़ सके, जो आदि से हमारा और हमारे बाल बच्चों का जीवन रक्त चूस रहा है!

[शान्त हो कर लेकिन अत्यन्त गम्भीरता और विह्वलता के साथ]

अगर हम में इतना जीवट नहीं है कि इस दैत्य को छाती से छाती और आँख से आँख मिला कर इतनी दूर खदेड़ें कि वह हमारे पैरों पर गिर पड़े, तो वह सदैव इसी भाँति हमारा रक्त चूसता चला जायगा। और हम हमेशा इसी तरह कुत्तों से भी अधम बने पड़े रहेंगे।

[सम्पूर्ण निश्शब्दता। रॉबर्ट धीरे धीरे देह को हिलाता खड़ा रहता है। उस की आँखें आदमियों के चेहरों को उत्तेजित कर रही हैं]

इवैन्स और जागो

[यकायक]

रॉबर्ट!

[यही ध्वनि और कण्ठों से निकलती है]

[ १७६ ][समूह कुछ खिसकता है। मैज पटरी के नीचे नीचे आकर मंच के निकट खड़ी हो जाती है और रॉबर्ट की ओर देख कर कुछ कहना चाहती है यकायक संदेहमय सन्नाटा छा जाता है]

रॉबर्ट

बूढ़े महाशय कहते हैं, "प्रकृति के पैरों को चूमो।" मैं कहता हूँ प्रकृति को ठोकर मारो, देखें वह हमारा क्या बिगाड़ सकती है।

[मैज को देखता है। उस की भवें सिकुड़ जाती हैं। वह आँखें हटा लेता है]

मेज

[मंच के पास आ कर धीमी आवाज़ से]

तुम्हारी स्त्री मर रही है।

[रॉबर्ट उस की ओर घूरता है मानो उत्थान के शिखर पर से नीचे गिर पड़ा हो।]

रॉबर्ट

[कुछ बोलने की चेष्टा कर के]

मैं तुम से कहता हूँ-उन्हें जवाब दो-उन्हें जवाब दो[ १७७ ]

[समूह की भनभनाहट में उसकी आवाज़ दब जाती है]

टॉमस

[आगे बढ़कर]

क्या तुम ने उस की बात नहीं सुनी?

रॉबर्ट

क्या बात है?

टॉमस

तुम्हारी स्त्री मर गई है जी।

[रॉबर्ट हिचकता है, तब सिर हिलाकर नीचे कूद पड़ता है, और पटरी के नीचे-नीचे चला जाता है। लोग उसके लिए रास्ता छोड़ देते हैं। खड़ा हुआ मल्लाह अपनी लालटेन खोलता है और उसे जलाने लगता है। अंधेरा हुआ जाता है।]

मैज

उन्होंने व्यर्थ इतनी जल्दी की। एनी रॉबर्ट तो मर गईं।

[तब उस सन्नाटे में जोश के साथ]

[ १७८ ]क्या तुम सब के सब अन्धे हो गए हो? अभी और कितनी औरतों का खून करना चाहते हो?

[समूह उसके पास से हट जाता है। लोग छोटी छोटी टुकड़ियों में घबराए हुए जमा हो जाते हैं। मैज जल्दी से पटरी के नीचे चली जाती है। लोग चुपचाप उसके पीछे ताकते रहते हैं।]

लुइस

तुम सब इसी अग्निकुंड में जलोगे।

वल्जिन

[गुर्राकर]

मैं तुम्हारे दाँत तोड़ दूँगा।

ग्रीन

अगर तुम ने मेरी बात मानी होती-

टॉमस

उसे धर्म से विमुख होने का यह दण्ड मिला है। मैंने, उस से कह दिया था कि यही होनेवाला है। [ १७९ ]

इवैन्स

इसी लिए तो हमें और भी उसका साथ देना चाहिए।

[ताली बजती है]

क्या इस विपत्ति में तुम उस का साथ छोड़ दोगे? उस की स्त्री मर गई है, क्या इस दशा में तुम उस से दगा करोगे?

[समूह एक साथ तालियाँ भी बजाता है और कुड़कुड़ाता भी है।]

राउस

[मंच के सामने आकर]

उस की स्त्री मर गई! क्या अब भी तुम्हें कुछ नहीं सूझता? तुम लोगों के घर में भी तो स्त्रियाँ हैं, उनकी रक्षा कैसे होगी? बहुत दिन न बीतेंगे कि तुम लोगों पर भी यही विपत्ति आवेगी।

लुइस

ठीक ठीक! [ १८० ]

हेनरी राउस

तुम ने सच कहा, जॉर्ज, बिलकुल सच!

[लोग दबी ज़बान से हामी भरते हैं]

राउस

हम लोग अन्धे नहीं हैं, अन्धा रॉबर्ट है! तुम लोग कब तक उस का मुँह ताकते रहोगे?

हेनरी राउस, बल्जिन, डेविस

उसे धता बताना चाहिए।

[और लोग भी यही हाँक लगाते हैं]

इवैन्स

[झल्लाकर]

गिरे हुए आदमी को ठोकर मारते तुम्हें शर्म नहीं आती?

हेनरी राउस

ज़बान बन्द करो। [ १८१ ][बल्जिन को घूँसा तानते देखकर इवैन्स हाथ फैला देता है। मल्लाह जिसने लालटेन जला ली है, उसे सिर के ऊपर उठाता है]

राउस

[मंच पर कूदकर]

उसी की ख़ूनी ज़िद ने तो उस की यह हालत की। क्या तुम अब भी उस आदमी के पीछे पीछे चलोगे जिसे ख़ुद नहीं मालूम कि मैं कहाँ जा रहा हूँ?

इवैन्स

उस की स्त्री मर गई है।

राउस

तो यह उसकी अपनी ही करनी का फल तो है। मैं कहता हूँ अब भी उस का साथ छोड़ दो, नहीं तो वह इसी तरह तुम्हारी स्त्रियों और माताओं की जान ले लेगा।

डेविस

उस का बुरा हो! [ १८२ ]

हेनरी राउस

अब उस की कौन सुनता है!

ब्राउन

बहुत सुन चुके।

लुहार

हद से ज्यादा।

[सब लोग यही रट लगाने लगते हैं सिर्फ इवैन्स, जागो और ग्रीन चुप रहते हैं। ग्रीन लुहार से बहस करता दिखाई देता है।]

[चिल्लाकर]

भाइयो, हम पंचायत के साथ मेल कर लेंगे।

[तालियाँ बजती हैं]

इवैन्स

[झल्लाकर]

अरे दग़ाबाज़ो! [ १८३ ]

बल्जिन

[गुस्से में भरा हुआ उसके सामने जाकर]

तू किसे दग़ाबाज़ कह रहा है, गधे?

[इवैन्स घूँसा उठाता है, वार बचाता है, और घूँसा चलाता है। दोनों लड़ने लगते हैं। दोनों मल्लाह लालटेन उठाए तमाशा देख रहे हैं। बूढा टामस आगे बढ़ता है, और उनमें बीच बिचाव करता है।]

टॉमस

तुम्हें यों झगड़ा करने में शर्म नहीं आती?

[लुहार, ब्राउन, लुइस और लालबालों वाला युवक इवैन्स और बल्जिन को अलग कर देते हैं। स्टेज पर बहुत हलकी रोशनी है।]

पर्दा गिरता है